महापरिनिर्वाण दिवस पर बाबा साहेब को नमन, अंबेडकर चौक पर जिलाधिकारी ने दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि
भारतीय संविधान के शिल्पकार, भारत रत्न, भारत के अग्रणी विधिवेत्ता और सामाजिक न्याय के महान पुरोधा बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर शनिवार को जिले में श्रद्धा और सम्मान के साथ विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर अंबेडकर चौक स्थित उनकी प्रतिमा पर जिलाधिकारी डॉ. विद्यानंद सिंह ने माल्यार्पण कर उन्हें हृदय से श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में जिले के विभिन्न विभागों के पदाधिकारी, कर्मचारी, जनप्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
-- सामाजिक न्याय और समानता के मार्ग पर चलने का संकल्प, जिले के अधिकारियों व गणमान्यों ने किया माल्यार्पण
केटी न्यूज/बक्सर
भारतीय संविधान के शिल्पकार, भारत रत्न, भारत के अग्रणी विधिवेत्ता और सामाजिक न्याय के महान पुरोधा बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर शनिवार को जिले में श्रद्धा और सम्मान के साथ विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर अंबेडकर चौक स्थित उनकी प्रतिमा पर जिलाधिकारी डॉ. विद्यानंद सिंह ने माल्यार्पण कर उन्हें हृदय से श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में जिले के विभिन्न विभागों के पदाधिकारी, कर्मचारी, जनप्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

सुबह से ही अंबेडकर चौक पर लोगों का आगमन शुरू हो गया था। जिला प्रशासन के द्वारा प्रतिमा स्थल पर विशेष व्यवस्था की गई थी। श्रद्धांजलि समारोह के दौरान उपस्थित लोगों ने बाबा साहेब के चित्र और प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया। पूरे कार्यक्रम के दौरान ‘डॉ. अंबेडकर अमर रहें’ जैसे उद्घोष गूंजते रहे।श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद जिलाधिकारी डॉ. विद्यानंद सिंह ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर केवल भारत के संविधान निर्माता ही नहीं, बल्कि समानता, भाईचारा, शिक्षा और सामाजिक न्याय के प्रबल समर्थक थे।
उन्होंने समाज के हर कमजोर वर्ग को मुख्यधारा में लाने के लिए जीवनपर्यंत संघर्ष किया। जिलाधिकारी ने कहा कि बाबा साहेब का जीवन संघर्ष और उनकी वैचारिक विरासत आज भी हर पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत है। उनके विचारों को आत्मसात कर ही देश सामाजिक समरसता की दिशा में आगे बढ़ सकता है।उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने शिक्षा को समाज सुधार का सबसे सशक्त माध्यम बताया था। इसलिए यह हमारा दायित्व है कि हम शिक्षा को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए सजग रहें और समान अवसरों की गारंटी सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि समाज में व्याप्त भेदभाव और असमानता दूर करना ही बाबा साहेब के सपनों को साकार करने की दिशा में वास्तविक कदम होगा।कार्यक्रम में मौजूद पदाधिकारियों और आम लोगों ने सामूहिक रूप से यह संकल्प लिया कि वे डॉ. अंबेडकर द्वारा परिकल्पित एक न्यायपूर्ण, समावेशी और समानतापूर्ण समाज निर्माण के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे। सभी ने समाज में सौहार्द, शिक्षा के प्रसार, कमजोर वर्गों के उत्थान तथा हर नागरिक को बराबरी का अवसर उपलब्ध कराने के लिए अपना योगदान देने का प्रण लिया।

श्रद्धांजलि कार्यक्रम के दौरान प्रशासनिक पदाधिकारियों ने यह भी कहा कि बाबा साहेब का जीवन संदेश हमें यह सिखाता है कि राष्ट्र निर्माण तभी संभव है, जब प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार और अवसर मिले। उनके विचार आज भी देश के लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करते हैं और समाज को आगे बढ़ने की दिशा दिखाते हैं।कार्यक्रम शांतिपूर्ण और सम्मानपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। वहीं, स्थानीय नागरिकों ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से युवा पीढ़ी को बाबा साहेब के संघर्ष और योगदान को समझने का अवसर मिलता है, जो समाज में जागरूकता और प्रेरणा का संचार करता है।
