नावानगर में उद्योग क्रांति, 109 करोड़ से बन रहा बिहार का नया इंडस्ट्रियल पावरहाउस

बिहार में नई सरकार के गठन के साथ ही राज्य की औद्योगिक रफ्तार तेज होती दिख रही है। इसी क्रम में डुमरांव के नावानगर में विकसित हो रहा स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (सेज) पूरे क्षेत्र के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है। 109 करोड़ रुपये की लागत से 125 एकड़ में बन रहा यह सेज़ न केवल बक्सर बल्कि पूरे बिहार के औद्योगिक परिदृश्य को बदलने की क्षमता रखता है।

नावानगर में उद्योग क्रांति, 109 करोड़ से बन रहा बिहार का नया इंडस्ट्रियल पावरहाउस

-- 125 एकड़ में तैयार हो रहा उत्तर बिहार का सबसे बड़ा सेज

-- 10 हजार से अधिक रोजगार और 30 नई फैक्ट्रियों का रास्ता साफ

-- उद्योग वार्ता से निवेशकों को मिलेगी सीधी सुविधा

-- कृषि से उद्योग की ओर बढ़ता नावानगर, बदल जाएगी पूरी आर्थिक तस्वीर

केटी न्यूज/डुमरांव

बिहार में नई सरकार के गठन के साथ ही राज्य की औद्योगिक रफ्तार तेज होती दिख रही है। इसी क्रम में डुमरांव के नावानगर में विकसित हो रहा स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (सेज) पूरे क्षेत्र के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है। 109 करोड़ रुपये की लागत से 125 एकड़ में बन रहा यह सेज़ न केवल बक्सर बल्कि पूरे बिहार के औद्योगिक परिदृश्य को बदलने की क्षमता रखता है।अब तक कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाले नावानगर में उद्योगों की एक नई दुनिया खड़ी होने जा रही है।

पहले से ही यहां कोका-कोला, वरुण बेवरेज, इथेनॉल प्लांट जैसी कंपनियों की मजबूत मौजूदगी ने सरकार को बड़ा कदम उठाने का भरोसा दिया है। अब सेज़ बनने के बाद 25-30 नई औद्योगिक इकाइयों के लिए जगह उपलब्ध कराई जाएगी।उद्योग विभाग का दावा है कि सिर्फ नावानगर ही नहीं, बल्कि कुमारबाग (प. चंपारण) में भी इसी आकार का सेज़ तैयार किया जा रहा है। दोनों को मिलाकर करीब 10 हजार युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार और हजारों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने का अनुमान है।

-- सब सुविधाएं एक ही कैंपस में, उद्यमियों के लिए आसान होगा काम

सेज़ का सबसे बड़ा फायदा यह है कि उद्यमियों को जमीन, बिजली, पानी, सड़क, सुरक्षा, प्रशासनिक स्वीकृतियां, सब कुछ एक ही जगह मिलेगा।सरकार इसे वन-स्टॉप इंडस्ट्रियल सॉल्यूशन की तरह विकसित कर रही है, ताकि उद्योग लगाने में लगने वाला समय और जटिलताएं काफी कम हो जाएं। इसके साथ ही निवेशकों को आयकर छूट, कर रियायतें और ड्यूटी-फ्री आयात-निर्यात जैसी खास सुविधाएं मिलने जा रही हैं। सरकार की मंशा साफ है, बिहार को देश का नया निवेश गंतव्य बनाना।

-- निवेशकों से हर गुरुवार मुख्य सचिव की होगी सीधी बातचीत

निवेश आकर्षित करने के लिए सरकार ने एक अनूठी पहल की है, यह पहल उद्योग वार्ता की है। इसके तहत मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत हर गुरुवार सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक बिना किसी अपॉइंटमेंट के निवेशकों की समस्याएं सुनेंगे।यह प्रणाली पहली बार बिहार में लागू हो रही है और उद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल के अनुसार इससे उद्यमियों की फाइलें महीनों तक अटकी नहीं रहेंगी। समस्याओं का तुरंत समाधान मिलने से निवेश की रफ्तार भी बढ़ेगी।

-- स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा जबरदस्त बढ़ावा

नावानगर का सेज़ न सिर्फ बड़े उद्योगों के लिए, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी विकास की नई दिशा लेकर आएगा। क्षेत्र में बनी फैक्ट्रियों से परिवहन, निर्माण, बाजार, होटल-ढाबा, किराए के मकान तथा छोटे व्यवसाय को भी पंख लगेंगे। सभी को तेजी से बढ़ने का मौका मिलेगा। उद्योगों में काम मिलने से युवाओं का बड़े शहरों में पलायन भी कम होगा।

-- बिहार का उभरता औद्योगिक हब

सरकार का दावा है कि आने वाले वर्षों में नावानगर बिहार का सबसे बड़ा औद्योगिक केंद्र बन सकता है। सेज़ के तैयार होने के बाद यहां उद्योगों की एक लंबी श्रृंखला विकसित होगी, जिससे पूरे क्षेत्र की सामाजिक और आर्थिक स्थिति बदल जाएगी।औद्योगिक क्रांति की इस नई लहर से न केवल डुमरांव, बल्कि पूरा बक्सर जिला़ बदलती हुई बिहार की औद्योगिक पहचान का हिस्सा बन जाएगा।

-- सभी के लिए वरदान साबित होगी योजना - आशुतोष पांडेय

नावानगर में विकसित हो रहे स्पेशल इकनॉमिक जोन से किसानों, मजदूरों, उद्यमियों आदि सभी को लाभ मिलेगा। यह कहना है कि नया भोजपुर निवासी व प्रगतिशील किसान आशुतोष पांडेय का। केशव टाइम्स से बातचीत में उन्होंने कहा कि किसान यहां फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित कर किसान से कारोबारी बन सकते है। किसानों तथा उद्यमियों को मार्केटिंग एक्सपर्ट का लाभ मिलेगा। इसके अलावे काम करने वालों को कई तरह की सुविधाएं व सहयोग राज्य सरकार की तरफ से मिलेगा। प्रगतिशील किसान ने कहा कि सेज सभी के लिए लाभदायक है तथा लोगों को एक छत के नीचे सारी सुविधाएं मिलेंगी।