शहीद पार्क का मना स्थापना दिवस, बना हुआ है जंगल
शहीदों की याद में बना शहीद पार्क पूरी तरह से घास से भर गया है। इसका स्थापना दिवस मनाने गए शहीद स्मारक समिति कपिलमुनी द्वार के सदस्यों ने इस इस पार्क के उपेक्षा पर आश्चर्य व्यक्त किया। इनका कहना था कि देश को आजादी दिलाने के लिये जिन्होंने अपने अपने सीने में गोली खाकर शहीद हो गए थे, उनके नाम पर बने पार्क की यह स्थिति है।
केटी न्यूज/डुमरांव
शहीदों की याद में बना शहीद पार्क पूरी तरह से घास से भर गया है। इसका स्थापना दिवस मनाने गए शहीद स्मारक समिति कपिलमुनी द्वार के सदस्यों ने इस इस पार्क के उपेक्षा पर आश्चर्य व्यक्त किया। इनका कहना था कि देश को आजादी दिलाने के लिये जिन्होंने अपने अपने सीने में गोली खाकर शहीद हो गए थे, उनके नाम पर बने पार्क की यह स्थिति है। इस पार्क उन चार शहीदों की मूर्ति लगी है, जिन्होंने देश को आजाद कराने के लिये इसी स्थान पर अंग्रेजों की गोली खाकर शहीद हो गए थे। शहीद पार्क में उन्हीं की मूर्ति लगी है। हर वर्ष शहीदों को नमन करते हुए शहीद पार्क का स्थापना दिवस मनाया जाता है।
इसके संयोजक संजय चंद्रवंशी ने कहा कि शहीद पार्क और शहीदों की मूर्ति लगाने के लिये कितना भाग-दौड़ करना पड़ा था। जब पार्क में मूर्ति स्थापित की गई तो नगरवासियों में खुशी का ठिकाना नहीं था। वही इस समय पार्क जंगल बना हुआ है। लगी मूर्ति की नहीं सफाई होती है और नहीं पार्क की। ऐसे में पूरे पार्क में जंगली घास उग आए हैं, हर तरफ गंदगी पड़ी हुई है। देखने से ऐसा लगता है कि सालों से इसकी सफाई की ही नहीं गई है। किसी पार्क की देखरेख की जिम्मेवारी वन विभाग को दी गई है, लेकिन इस पार्क में विभाग का कहीं काम दिखाई ही नहीं पड़ता है। यहां तक की इस पार्क को देखने के लिये कोई जिम्मेदार अधिकारी देखने तक नहीं आता। शहीद स्मारक समिति के लोगों ने आज फैसला किया की इसकी जानकारी पहले एसडीओ फिर डीएम को दी जाएगी। जब इनके द्वारा इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो फिर प्रधान सचिव को लिखा जाएगा। प्रधान सचिव के द्वारा इस पर संज्ञान लेकर काम नहीं कराया जाता तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिल शिकायत की जाएगी। नीतीश कुमार के द्वारा ही इसका शिलान्यास और उद्घाटन किया गया है। मौके पर नंदजी गांधी, समिति के प्रवक्ता गोपाल प्रसाद गुप्ता, मिंटू हाशमी, बिजली राम, अमरेन्द्र केवट, अजय चंद्र लोदी, ललन कुशवाहा, महेन्द्र राम, बहड़क गोंड, भूलन सिंह, राजू केशरी सहित अन्य मौजूद रहे।
केटी न्यूज/डुमरांव
शहीदों की याद में बना शहीद पार्क पूरी तरह से घास से भर गया है। इसका स्थापना दिवस मनाने गए शहीद स्मारक समिति कपिलमुनी द्वार के सदस्यों ने इस इस पार्क के उपेक्षा पर आश्चर्य व्यक्त किया। इनका कहना था कि देश को आजादी दिलाने के लिये जिन्होंने अपने अपने सीने में गोली खाकर शहीद हो गए थे, उनके नाम पर बने पार्क की यह स्थिति है। इस पार्क उन चार शहीदों की मूर्ति लगी है, जिन्होंने देश को आजाद कराने के लिये इसी स्थान पर अंग्रेजों की गोली खाकर शहीद हो गए थे। शहीद पार्क में उन्हीं की मूर्ति लगी है। हर वर्ष शहीदों को नमन करते हुए शहीद पार्क का स्थापना दिवस मनाया जाता है।
इसके संयोजक संजय चंद्रवंशी ने कहा कि शहीद पार्क और शहीदों की मूर्ति लगाने के लिये कितना भाग-दौड़ करना पड़ा था। जब पार्क में मूर्ति स्थापित की गई तो नगरवासियों में खुशी का ठिकाना नहीं था। वही इस समय पार्क जंगल बना हुआ है। लगी मूर्ति की नहीं सफाई होती है और नहीं पार्क की। ऐसे में पूरे पार्क में जंगली घास उग आए हैं, हर तरफ गंदगी पड़ी हुई है। देखने से ऐसा लगता है कि सालों से इसकी सफाई की ही नहीं गई है। किसी पार्क की देखरेख की जिम्मेवारी वन विभाग को दी गई है, लेकिन इस पार्क में विभाग का कहीं काम दिखाई ही नहीं पड़ता है। यहां तक की इस पार्क को देखने के लिये कोई जिम्मेदार अधिकारी देखने तक नहीं आता। शहीद स्मारक समिति के लोगों ने आज फैसला किया की इसकी जानकारी पहले एसडीओ फिर डीएम को दी जाएगी। जब इनके द्वारा इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो फिर प्रधान सचिव को लिखा जाएगा। प्रधान सचिव के द्वारा इस पर संज्ञान लेकर काम नहीं कराया जाता तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिल शिकायत की जाएगी। नीतीश कुमार के द्वारा ही इसका शिलान्यास और उद्घाटन किया गया है। मौके पर नंदजी गांधी, समिति के प्रवक्ता गोपाल प्रसाद गुप्ता, मिंटू हाशमी, बिजली राम, अमरेन्द्र केवट, अजय चंद्र लोदी, ललन कुशवाहा, महेन्द्र राम, बहड़क गोंड, भूलन सिंह, राजू केशरी सहित अन्य मौजूद रहे।