ब्रह्मपुर थाने में जब्त शराब के मिसयूज के आरोप में थानाध्यक्ष समेत छह पुलिसकर्मी निलंबित, दो गिरफ्तार
- मालखाने के बाहर मिला दो पेटी शराब, बेचने की जताई जा रही है आशंका
- पिछले दिनों शराब से भरी कंटेनर हुई थी जब्त
- सभी पर उत्पाद अधिनियम के तहत दर्ज कराया गया है एफआईआर
केटी न्यूज/ब्रह्मपुर
पुलिस महकमा के लिए एक शर्मनाक वाकया सामने आया है। थाने में जब्त शराब के मिसयूज के आरोप में ब्रह्मपुर थानाध्यक्ष समेत पूरी टीम को एसपी ने निलंबित कर दिया है। वही एक दारोगा तथा एक पीटीसी जवान को उत्पाद अधिनियम के तहत गिरफ्तार भी किया गया है। इस मामले के प्रकाश में आने के बाद एक तरफ जहां पुलिस महकमें की भद्द पिट रही है वही दूसरी तरफ लोग यह कहते सुने जा रहे है कि जब पुलिसकर्मी ही शराब बेचने लगे तो शराबबंदी कानून का हश्र क्या होगा। मिली जानकारी के अनुसार सोमवार की रात एसपी मनीष कुमार को सूचना मिली थी कि ब्रह्मपुर थाने में जब्त शराब को दूसरे उपयोग के लिए मालखाने से निकाल दूसरे जगह पर रखा गया है। सूचना देने वाले ने एसपी को इसका वीडियो भी भेजा। तब एसपी ने डुमरांव एसडीपीओ अफाक अख्तर अंसारी के साथ मिल रात में ही ब्रह्मपुर थाने में छापेमारी की। छापेमारी के दौरान उक्त सूचना की पुष्टि हो गई। मालखाने के अतिरिक्त थाना के एक कमरे में दो पेटी शराब रखा था। इस संबंध में पूछने पर पुलिसकर्मियों ने कोई स्पष्ट जबाव नहीं दिया। इसके बाद एसपी ने थानाध्यक्ष समेत छह पुलिसकर्मियों को निलंबित करने के साथ ही उनपर उत्पाद अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज करवाया। वही पुलिस अवर निरीक्षक कुंवर कन्हैया प्रसाद तथा पीटीसी जवान विकास कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके अलावे ब्रह्मपुर थानाध्यक्ष बैजनाथ चौधरी, चौकीदार शशिकांत यादव व रविशंकर यादव पर उत्पाद अधिनियम के तहत मामला दर्ज हुआ है। जबकि ब्रह्मपुर थाने की कमान सुबास चंद्र प्रसाद को सौंपी गई है। इस कार्रवाई के बाद पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया है। एसपी मनीष कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि ब्रह्मपुर पुलिस द्वारा उत्पाद अधिनियम का उल्लंघन किया गया है, जिस कारण यह कार्रवाई की गई है। हालांकि एसपी ने यह स्पष्ट नहीं किया कि मालखाने से बाहर निकालकर शराब किस उदेश्य से रखा गया था। क्या पुलिसकर्मी उक्त शराब को तस्करों के हाथों बेचने के फिराक में थे या फिर इसका सेवन खुद पुलिसवाले कर रहे थे। इन सवालों का जबाव अभी नहीं मिला पाया है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले वैशाली जिले में पुलिसकर्मियों द्वारा थाने में जब्त शराब बेचे जाने का मामला प्रकाश में आया था। ब्रह्मपुर पुलिस की करतूत ने वैशाली की घटना की यादें ताजा कर दी है।
थानाध्यक्ष ने एसडीपीओ पर लगाया फंसाने का आरोप
वही ब्रह्मपुर के निलंबित थानाध्यक्ष बैजनाथ चौधरी ने खुद को निर्दोष बताते हुए डुमरांव एसडीपीओ पर फंसाने का आरोप लगाया है। इस संबंध में एक आडियो भी वायरल हुआ है। जिसमें वे एसडीपीओ पर जून जुलाई महीने से उनके पीछे अकारण पड़ने की बात कह रहे है।
क्या कहते है एसपी
ब्रह्मपुर थाने की टीम ने उत्पाद अधिनियम का उल्लंघन किया है। जिस कारण छह पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। एक एएसआई तथा एक जवान को गिरफ्तार किया गया है। कानून सबके के लिए बराबर है। कानून का उल्लंघन करने वाला चाहे कोई हो उसे बक्शा नहीं जाएगा