आंगनबाड़ी व स्वास्थ्य उपकेंद्रों के लिए भूमि उपलब्धता पर सख्त रुख, अतिक्रमण हटाने के निर्देश

डुमरांव अनुमंडल कार्यालय में अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में अंचल स्तर के राजस्व पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के कार्यक्रम पदाधिकारी एवं कर्मचारी अमीन शामिल हुए। बैठक का मुख्य उद्देश्य आंगनबाड़ी केंद्रों एवं स्वास्थ्य उपकेंद्रों की स्थापना हेतु आवश्यक भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करना तथा इससे जुड़े लंबित मामलों का शीघ्र निष्पादन करना रहा।

आंगनबाड़ी व स्वास्थ्य उपकेंद्रों के लिए भूमि उपलब्धता पर सख्त रुख, अतिक्रमण हटाने के निर्देश

-- अनुमंडल पदाधिकारी डुमरांव की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक, जनहित मामलों के त्वरित निष्पादन पर जोर

केटी न्यूज/डुमरांव

डुमरांव अनुमंडल कार्यालय में अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में अंचल स्तर के राजस्व पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के कार्यक्रम पदाधिकारी एवं कर्मचारी अमीन शामिल हुए। बैठक का मुख्य उद्देश्य आंगनबाड़ी केंद्रों एवं स्वास्थ्य उपकेंद्रों की स्थापना हेतु आवश्यक भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करना तथा इससे जुड़े लंबित मामलों का शीघ्र निष्पादन करना रहा।

बैठक के दौरान अनुमंडल पदाधिकारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र और स्वास्थ्य उपकेंद्र ग्रामीण व शहरी क्षेत्र की माताओं, बच्चों और आम नागरिकों के लिए अत्यंत आवश्यक संस्थान हैं। इनकी स्थापना में भूमि की कमी या अतिक्रमण सबसे बड़ी बाधा बनती है, जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि चिन्हित भूमि से अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से प्रारंभ की जाए और प्रत्येक मौजा स्तर पर अतिक्रमण से जुड़े मामलों की विस्तृत समीक्षा कर समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

अनुमंडल पदाधिकारी ने अंचलाधिकारियों एवं कर्मचारी अमीनों को यह भी निर्देश दिया कि भूमि से संबंधित सभी अभिलेखों की गहन जांच कर वास्तविक स्थिति का प्रतिवेदन शीघ्र प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर आंगनबाड़ी केंद्र एवं स्वास्थ्य उपकेंद्र प्रस्तावित हैं, वहां किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाए। आवश्यकता पड़ने पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं ग्राम स्तर के कर्मियों से समन्वय स्थापित कर भूमि विवादों का समाधान किया जाए।बैठक में मुख्यमंत्री डैशबोर्ड, केंद्रीय लोक शिकायत निवारण प्रणाली, सिविल रिट क्षेत्राधिकार वाद तथा मानीटरिंग न्यायालय वाद से संबंधित लंबित मामलों की भी समीक्षा की गई।

अनुमंडल पदाधिकारी ने सभी पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि जनहित से जुड़े इन मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किया जाए। उन्होंने कहा कि शिकायतों के समय पर समाधान से प्रशासन की छवि मजबूत होती है और आम जनता का विश्वास बढ़ता है।बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए चिन्हित भूमि की स्थिति की नियमित समीक्षा करें और किसी भी समस्या की जानकारी तत्काल अनुमंडल कार्यालय को दें। वहीं, मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि आवश्यकता अनुसार भूमि समतलीकरण एवं अन्य सहायक कार्यों में योजना के अंतर्गत सहयोग सुनिश्चित करें।

बैठक के अंत में अनुमंडल पदाधिकारी ने सभी अधिकारियों से अपेक्षा जताई कि वे आपसी समन्वय के साथ कार्य करते हुए सरकारी योजनाओं को धरातल पर उतारें। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों एवं स्वास्थ्य उपकेंद्रों की स्थापना से क्षेत्र में पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा के स्तर में सुधार होगा, जिसका सीधा लाभ समाज के कमजोर वर्गों को मिलेगा। प्रशासन का यह प्रयास है कि विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की बाधा न आए और जनता को समय पर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें।