विद्यालय परिसर में छात्रों ने परंपरा और संस्कृति की अद्भुत छटा बिखेरी
बक्सर जिले के इटाढ़ी प्रखंड अंतर्गत दिवान के बड़का गांव स्थित लक्ष्मी नारायण पब्लिक स्कूल में शुक्रवार को छठ पर्व की झलक से पूरा वातावरण उल्लास और भक्तिभाव से सराबोर हो उठा। स्कूल के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत आकर्षक झांकियों और लोकगीतों से सुसज्जित यह कार्यक्रम विद्यालय परिसर में धर्म, संस्कृति और कला का अनूठा संगम साबित हुआ।
केटी न्यूज/बक्सर
बक्सर जिले के इटाढ़ी प्रखंड अंतर्गत दिवान के बड़का गांव स्थित लक्ष्मी नारायण पब्लिक स्कूल में शुक्रवार को छठ पर्व की झलक से पूरा वातावरण उल्लास और भक्तिभाव से सराबोर हो उठा। स्कूल के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत आकर्षक झांकियों और लोकगीतों से सुसज्जित यह कार्यक्रम विद्यालय परिसर में धर्म, संस्कृति और कला का अनूठा संगम साबित हुआ। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के निदेशक सुनील कुमार तथा प्राचार्य विनोद कुमार सिंह के मार्गदर्शन में हुआ।

छठ महापर्व बिहार की आस्था और पहचान है। इसी भावना को आत्मसात करते हुए छात्राओं ने पारंपरिक परिधान धारण कर छठव्रती माताओं की भूमिका निभाई। सजाए हुए डाला, फल-फूल और जल से भरे कलश के साथ नन्हें कलाकारों ने भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने का दृश्य सजीव तरीके से प्रस्तुत किया। सभी प्रतिभागी अपनी ऊर्जा, भावाभिव्यक्ति और नृत्य-भंगिमा से दर्शकों का मन मोहते रहे।
विद्यालय का प्रत्येक कोना छठ के लोकगीतों की पवित्र गूंज से गूंजायमान होता रहा। ‘केलवां के पात पर उगेलन सूरज देव’ तथा ‘कांच ही बांस के बहंगियां, बहंगी लचकत जाए’ जैसे लोकप्रिय छठ गीतों का मधुर स्वर कानों में जैसे सीधे धार्मिक आस्था का संचार कर रहा था। स्कूल परिसर में उपस्थित अभिभावकों, शिक्षकों और स्थानीय ग्रामीणों ने भी तालियों की गड़गड़ाहट से बच्चों के उत्साह में वृद्धि की।

इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक निलेश कुमार, कुंदन कुमार, सतेन्द्र कुमार, चंदन कुमार, अक्षय सिंह तथा समस्त शिक्षिकाओं ने अपने मार्गदर्शन और सजग अनुशासन से कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मंच पर नन्हें कलाकारों द्वारा जीवंत झांकी प्रस्तुति की गई, जिनमें वर्षा कुमारी, सृष्टि कुमारी, संध्या कुमारी, सोनम कुमारी, निहारिका कुमारी, वंदना कुमारी, प्रिया कुमारी, खुशी कुमारी, काव्या कुमारी, आदित्य ठाकुर, आलोक पाठक, दुर्गेश कुमार और अमृतेश कुमार समेत कई छात्रों ने उत्साहपूर्वक भागीदारी दर्ज की।

विद्यालय प्रशासन का मानना है कि शिक्षा का उद्देश्य केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं होना चाहिए। संस्कार, सामाजिक जुड़ाव और सांस्कृतिक पहचान का निर्वाह भी विद्यालयी शिक्षा की महत्वपूर्ण कड़ी है। छठ पर्व जैसे सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से बच्चों में विरासत के प्रति सम्मान और समाज के प्रति भावनात्मक जुड़ाव विकसित होता है।

कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य विनोद कुमार सिंह ने प्रतिभागियों, शिक्षकों और सहयोगी कर्मचारियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि ऐसी गतिविधियां छात्रों की रचनात्मक क्षमता को विकसित करती हैं। साथ ही यह उन्हें अपनी मिट्टी, अपनी आस्था और परंपराओं से जुड़े रहने का संदेश भी देती हैं। उन्होंने भविष्य में भी ऐसे सांस्कृतिक आयोजनों के निरंतर आयोजन की बात कही।

दिवान के बड़का गांव में आयोजित यह रंगारंग झांकी कार्यक्रम न केवल बच्चों की प्रतिभा का प्रदर्शन रहा, बल्कि यह बिहार की छठ संस्कृति के प्रति गहरी आस्था, उत्साह और गर्व का भी प्रतीक बना रहा।
