बिहार केशरी बने बक्सर के सुमंत पहलवान, हुआ जोरदार स्वागत
जिले के सोनपा गांव निवासी पहलवान सुमंत यादव ने हरिहर क्षेत्र में आयोजित होने वाले विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेेले में राज्य स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता जीत बिहार केशरी का ताज अपने सिर पर संजोया है। उनकी उपलब्धि इसलिए भी खास है कि वे दो बार बिहार केशरी रहे पटना के चर्चित पहलवान को पटखनी दे बिहार केशरी बने है।
- सोनपुर मेले में आयोजित हुई थी राज्य स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता, दो बार बिहार केशरी रहे पहलवान को दी पटखनी
केटी न्यूज/बक्सर
जिले के सोनपा गांव निवासी पहलवान सुमंत यादव ने हरिहर क्षेत्र में आयोजित होने वाले विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेेले में राज्य स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता जीत बिहार केशरी का ताज अपने सिर पर संजोया है। उनकी उपलब्धि इसलिए भी खास है कि वे दो बार बिहार केशरी रहे पटना के चर्चित पहलवान को पटखनी दे बिहार केशरी बने है। बिहार केशरी का खिताब जीत वापस गांव आने पर उनका जोरदार स्वागत किया गया। वही उनके इस उपलब्धि से जिले के पहलवानों व कुश्ती प्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
बता दें कि राज्यस्तरीय कुश्ती का सिरमौर खिताब बिहार केशरी, बिहार कुमार व बिहार किशोर होता है। जिसे जीतना हर पहलवान की ललक होती है।
खिताब जीतकर वे सोमवार की शाम अपने पैतृक गांव सोनपा गांव पहुंच। गांव पहुंचते ही ग्रामीणों ने फूल माला व बुके दे उन्हें सम्मानित किया। इसके साथ ही सुमन्त यादव पूरे गांव में पुरस्कार के रूप में मिले हनुमान गदा के साथ भ्रमण किया। सुमन्त यादव सोनपा गांव का रहने वाला है। उसके पिता श्रीभगवान यादव सोनपा फुटबाल टीम के कोच है। सोनपा गांव में खेल व कुश्ती के साथ सैनिकों का गांव कहा जाता है। इससे पहले भी इस गांव के पिंटू पहलवान बिहार केशरी व आनन्द पहलवान बिहार किशोर चुने जा चुके है। सुमन्त ने बताया कि इस प्रतियोगिता में वह पहली बार भाग लिया था। वही पहली व दूसरी कुश्ती आसानी से मात दे दी थी। लेकिन अंतिम कुश्ती में दो बार के विजेता बिहार केशरी पटना के पहलवान विजय कुमार से हुई जिसमें कड़ा मुकाबला हुआ। मगर वह अपनी कुशल क्षमता के बदौलत प्रतिद्वंदी को पटखनी दे खिताब हासिल की।
स्वागत करने वालों में एनआईएस कोच रामानुज पहलवान, आनन्द पहलवान, जिप सदस्य पूजा देवी, पूर्व सरपंच जंगबहादुर पहलवान, पिंटू पहलवान, झारखण्डे पहलवान, धर्मराज यादव, मुखिया प्रतिनिधि, उमाकांत राजभर, शशि, जितेंद्र चौधरी, अखिलेश यादव आदि ग्रामीण शामिल थे।