बारिश में टापू बन जाता सूरज टोला का प्राथमिक विद्यालय
डुमरांव प्रखंड के मुगांव पंचायत का प्राथमिक विद्यालय सूरज टोला हर साल बरसात के दिनों में गंभीर संकट से जूझता है। हालात ऐसे हैं कि विद्यालय चारों तरफ से पानी से घिरकर टापू का रूप ले लेता है। स्कूल तक पहुंचने के लिए न तो पक्की सड़क है और न ही चाहरदीवारी। परिणामस्वरूप छात्र और शिक्षक दोनों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। विद्यालय में कुल 67 बच्चे नामांकित हैं और प्रधानाध्यापक सहित पांच शिक्षक कार्यरत हैं। बरसात आते ही स्कूल का रास्ता कीचड़ और जलजमाव से पटा रहता है। बच्चों के अभिभावक रोजाना उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं।

-- पक्की सड़क व चाहरदीवारी के अभाव में छात्र-शिक्षक फंसे मुश्किलों में, ग्रामीणों ने उठाई समस्या के समाधान की मांग
केटी न्यूज/डुमरांव
डुमरांव प्रखंड के मुगांव पंचायत का प्राथमिक विद्यालय सूरज टोला हर साल बरसात के दिनों में गंभीर संकट से जूझता है। हालात ऐसे हैं कि विद्यालय चारों तरफ से पानी से घिरकर टापू का रूप ले लेता है। स्कूल तक पहुंचने के लिए न तो पक्की सड़क है और न ही चाहरदीवारी। परिणामस्वरूप छात्र और शिक्षक दोनों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। विद्यालय में कुल 67 बच्चे नामांकित हैं और प्रधानाध्यापक सहित पांच शिक्षक कार्यरत हैं। बरसात आते ही स्कूल का रास्ता कीचड़ और जलजमाव से पटा रहता है। बच्चों के अभिभावक रोजाना उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं
-- जलजमाव से बढ़ा संक्रामक रोगों का खतरा
ग्रामीणों का कहना है कि मुख्य पथ से विद्यालय तक जाने के लिए कच्चा रास्ता है, जिस पर पानी जमा हो जाने से आवागमन बेहद मुश्किल हो जाता है। इसी रास्ते से बच्चों को स्कूल पहुंचाना एक बड़ी चुनौती बन गया है। वहीं, विद्यालय परिसर और उसके आसपास लगातार पानी भरा रहने से मच्छर, सांप-बिच्छू और अन्य विषैले जीवों का खतरा मंडराता रहता है।स्थानीय लोगों ने यह भी आशंका जताई है कि इस जलजमाव से संक्रामक बीमारियां फैलने की संभावना बनी रहती है। बारिश के दिनों में डेंगू, मलेरिया और त्वचा संबंधी रोग फैलने की आशंका अधिक रहती है।
-- चाहरदीवारी नहीं, आवारा पशुओं से खतरा
विद्यालय के चारों ओर चाहरदीवारी न होने से छात्रों की सुरक्षा भी खतरे में है। कक्षाओं के दौरान आवारा पशुओं का परिसर में घुस आना आम बात है। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है और शिक्षकों को लगातार सतर्क रहना पड़ता है।
-- अभिभावकों ने जताई नाराजगी
विद्यालय की स्थिति से नाराज अभिभावकों ने केशव टाइम्स की टीम से कहा कि बच्चों को सालभर असुविधा झेलनी पड़ती है, लेकिन बरसात के समय खतरा और बढ़ जाता है। अभिभावक मनोज यादव और संजय यादव ने बताया कि विद्यालय को जलजमाव से मुक्त कराने, पक्की सड़क बनाने और चाहरदीवारी निर्माण की मांग कई बार विभाग और प्रशासन से की गई, लेकिन आज तक सुनवाई नहीं हुई।
-- शिक्षकों ने भी जताई चिंता
प्रधानाध्यापक अरुण कुमार सिंह ने कहा कि उनकी हाल ही में यहां पोस्टिंग हुई है और वे विभाग को इसकी विस्तृत जानकारी देंगे। वहीं अन्य शिक्षकों का कहना है कि पूर्व में भी समस्या से संबंधित जानकारी विभाग को दी गई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
-- प्रशासन का दावा, जल्द होगा समाधान
इस संबंध में डुमरांव के प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) संदीप कुमार पांडेय ने कहा कि उन्हें प्राथमिक विद्यालय सूरज टोला में जलजमाव की समस्या की जानकारी नहीं थी। उन्होंने आश्वस्त किया कि शीघ्र ही जल निकासी और रास्ते की समस्या का समाधान किया जाएगा।
-- समाधान की उम्मीद
ग्रामीणों का कहना है कि शिक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासन अगर गंभीरता से पहल करे तो विद्यालय की स्थिति सुधर सकती है। पक्की सड़क और चाहरदीवारी का निर्माण होने से न सिर्फ बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि पढ़ाई का माहौल भी बेहतर होगा। फिलहाल विद्यालय टापू की तरह पानी से घिरा हुआ है और बच्चे-शिक्षक रोजाना खतरे से गुजरते हुए शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। सवाल यह है कि कब तक मासूम बच्चों की पढ़ाई लापरवाही और उपेक्षा की भेंट चढ़ती रहेगी।