ताज्जूब, मुख्य सचिव के कार्यालय में अप्राप्त हैं तीन ईओ पर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा का प्रतिवेदन

ताज्जूब, मुख्य सचिव के कार्यालय में अप्राप्त हैं तीन ईओ पर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा का प्रतिवेदन

बक्सर ईओ प्रेम स्वरूपम समेत रोहतास के तीन तत्कालीन ईओ पर डीएम ने की थी विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा

बक्सर के सामाजिक कार्यकर्ता रामजी सिंह के आरटीआई से हुआ खुलासा

केटी न्यूज/बक्सर

एक साल पहले रोहतास डीएम धर्मेन्द्र कुमार ने तीन ईओ पर वित्तीय अनियमितता, गबन तथा अनुपयोगी वस्तुओं का खरीद के आरोप में जांचोपरांत विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा नगर आवास एवं विकास विभाग के सचिव को प्रतिवेदन भेज की थी। तब उन्होंने राज्य सरकार के मुख्य सचिव के पास भी अनुशंसा की

प्रतिलिपि भेजी थी। लेकिन एक साल बाद भी मुख्य सचिव के कार्यालय में अनुशंसा प्रतिवेदन नहीं पहंुचा हैं या फिर पहुंचने के बाद उसे गायब कर दिया गया हैं। इसका खुलासा बक्सर के आरटीआई कार्यकर्ता व उपमुख्य पार्षद प्रतिनिधि आकाश कुमार सिंह उर्फ रामजी सिंह के आरटीआई से हुआ हैं। बता दें कि रामजी सिंह

ने सूचना के अधिकार अधिनियिम के तहत मुख्य सचिव के कार्यालय से रोहतास के तीनों ईओ पर डीएम के अनुशंसा के बाद की गई कार्रवाई के संबंध में सूचना मांगी थी। राज्य लोक सूचना पदाधिकारी अजय कुमार सिंह द्वारा जबाव देते हुए बताया गया हैं कि रोहतास डीएम के अनुशंसा प्रतिवेदन की प्रतिलिपि उनके कार्यालय

में अप्राप्त हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि एक साल में क्या यह प्रतिवेदन मुख्य सचिव के कार्यालय में पहुंचा ही नहीं या फिर जानबूझकर उसे गायब तो नहीं कर दिया गया। बता दें कि डीएम ने जिन तीन ईओ पर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की थी उनमें बिक्रमगंज की तत्कालीन ईओ प्रेम स्वरूपम वर्तमान में बक्सर नगर परिषद की ईओ हैं। 

क्या है मामला

पिछले साल रोहतास डीएम ने विभागीय जांच के तहत बिक्रमगंज नगर परिषद की तत्कालीन ईओ प्रेम स्वरूपम, डिहरी डालमियानगर नगर परिषद के तत्कालीन ईओ कुमार ऋत्विक तथा नोखा नगर परिषद के तत्कालीन ईओ अमित कुमार पर अनियमितता बरतने, गबन करने तथा अनुपयोगी वस्तुओं की खरीद कर सरकारी राशि के दुरूपयोग का आरोप लगाते हुए उनपर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की थी। डीएम ने यह अनुशंसा

पत्रांक 1843 दिनांक 7 जून 2020, पत्रांक 3144 दि

नांक 1 सितंबर 2022 तथा पत्रांक 3379 दिनांक 22 सितंबर 2022 द्वारा की थी। इधर डीएम के अनुशंसा को चुनौती देते हुए तीनों पदाधिकारियों द्वारा पटना हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया। तब डीएम ने पत्रांक 3827 दिनांक 4 नवंबर 2022 को पत्र लिख मुख्य सचिव कार्यालय से तीनों अधिकारियों पर की गई

कार्रवाई के संबंध में जानकारी मांगी थी। लेकिन उन्हें भी कुछ जबाव नहीं मिला। ऐसे में पूरे प्रकरण में मैनेज के खेल से भी इंकार नहीं किया जा सकता हैं। बता दें कि बक्सर में भी ईओ प्रेम स्वरूपम में पर कई तरह के आरोप लगते रहे हैं। लेकिन अबतक किसी मामले में कार्रवाई नहीं होने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता रामजी सिंह ने एक साल में कार्रवाई की बात तो दूर डीएम के अनुशंसा प्रतिवेदन के पटना नहीं पहुंचने पर आश्चर्य जताया और कहा कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं।