चौसा थर्मल पावर प्लांट के समीप पोखरे से मिला मजदूर का शव, जांच में जुटी पुलिस
चौसा थर्मल पावर प्लांट के पास रविवार की शाम उस वक्त अफरातफरी मच गई, जब प्लांट परिसर से सटे पोखरे में एक मजदूर का शव उतराया हुआ मिला। मृतक की पहचान सारण जिले के भोरहा थाना क्षेत्र के महम्मदपुर गांव निवासी 47 वर्षीय कालीचरण प्रसाद के रूप में हुई है। वह चौसा थर्मल पावर प्लांट में मजदूरी करता था और शनिवार शाम से लापता था।

केटी न्यूज/चौसा
चौसा थर्मल पावर प्लांट के पास रविवार की शाम उस वक्त अफरातफरी मच गई, जब प्लांट परिसर से सटे पोखरे में एक मजदूर का शव उतराया हुआ मिला। मृतक की पहचान सारण जिले के भोरहा थाना क्षेत्र के महम्मदपुर गांव निवासी 47 वर्षीय कालीचरण प्रसाद के रूप में हुई है। वह चौसा थर्मल पावर प्लांट में मजदूरी करता था और शनिवार शाम से लापता था।
सूत्रों के अनुसार, रविवार की शाम कुछ मजदूर जब प्लांट के बगल स्थित पोखरे के पास पहुंचे तो उन्होंने पानी में एक शव को उतराया देखा। यह नजारा देखकर वे चौंक गए और तुरंत अन्य मजदूरों को इसकी जानकारी दी। देखते ही देखते मौके पर मजदूरों की भीड़ जुट गई। घटना की सूचना राजपुर थाने की पुलिस को दी गई, जिसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव को बाहर निकलवाया।
प्राथमिक जांच में युवक की मौत डूबने से होने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस के अनुसार, मृतक शनिवार की शाम से लापता था। उसके परिजन और साथी मजदूर लगातार उसकी तलाश कर रहे थे, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिल सकी थी। शव मिलने के बाद अब मौत की गुत्थी कुछ हद तक सुलझती नजर आ रही है, हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों की पुष्टि हो सकेगी।
इधर, घटना के बाद प्लांट में कार्यरत मजदूरों में डर का माहौल बन गया है। मजदूरों का कहना है कि प्लांट परिसर के आसपास सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं, जिससे इस तरह की घटनाएं घटती हैं। वहीं, पुलिस का कहना है कि हर पहलू से जांच की जा रही है। परिजनों को सूचना दे दी गई है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
राजपुर थाना प्रभारी ने बताया कि फिलहाल कोई आपराधिक एंगल सामने नहीं आया है, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए हर पहलू पर बारीकी से जांच की जा रही है। प्लांट प्रबंधन से भी पूछताछ की जाएगी कि मृतक की ड्यूटी कहां लगी थी और किन परिस्थितियों में वह लापता हुआ। फिलहाल पूरे घटनाक्रम को लेकर स्थानीय लोग और मजदूरों में शोक और चिंता का माहौल है।