शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों को पत्र लिखकर बच्चों को आवारा कुत्तों से बचाने के लिए दीये निर्देश
बिहार के वैशाली जिले का शिक्षा विभाग इन दिनों सुर्खियों में है। वैशाली जिले के कार्यक्रम अधिकारी राजन कुमार गिरि ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों को एक पत्र लिखा है जिसमें बच्चों को आवारा कुत्तों से बचाने के लिए निर्देशित किया गया है।
केटी न्यूज़/बिहार
बिहार के वैशाली जिले का शिक्षा विभाग इन दिनों सुर्खियों में है। वैशाली जिले के कार्यक्रम अधिकारी राजन कुमार गिरि ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों को एक पत्र लिखा है जिसमें बच्चों को आवारा कुत्तों से बचाने के लिए निर्देशित किया गया है।इस फैसले से बिहार के हेड मास्टर और निजी शिक्षण भी काफी नाराज हैं।
सभी सरकारी और मान्यता प्राप्त विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को भेजे गए पत्र में लिखा है कि कुत्ते से बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। विद्यालय परिसर में कुत्तों के काटने से बचाव के लिए यह सुनिश्चित करें कि परिसर में कूड़ा-कचरा और खाने-पीने की चीजें इधर-उधर न फेंकी जाएं, ताकि आवारा कुत्ते आकर्षित न हों।पत्र में यह भी कहा गया है कि विद्यालय में ऐसी जगहों को सुरक्षित बनाएं जहां कुत्ते या अन्य खतरनाक जानवर बच्चों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके साथ ही बच्चों को कुत्तों से सावधान रहने और कुत्तों के काटने से होने वाली बीमारियों के बारे में जागरूक करें। इस पत्र में विद्यालय के प्रधानाध्यापकों से अनुरोध किया गया है कि वे इन निर्देशों का पालन करते हुए बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
इस मामले पर वैशाली जिले के स्थानीय विधायक डॉ मुकेश रोशन ने वीडियो जारी कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल पूछा है। उन्होंने कहा कि कभी बिहार सरकार के शिक्षकों को खुले में शौच करने वाले का फ़ोटो लेने की ड्यूटी लगायी जाती है तो कभी दारू पीने वाले को चिन्हित करने की और आज तो हद हो गई कि कुत्तों को भगाने का काम दिया गया है। ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि शिक्षक जो पढ़ने जा रहे हैं उन्हें कुत्ता भगाने का काम दे दिया जा रहा है। गुणवत्ता पूर्ण शिक्षकों में सुधार करने की आवश्यकता है न कि बदहाल करने की ज़रूरत है। अगर शिक्षक कुत्ते भगाने लगे तो पढ़ाएगा कौन?