जर्जर हो गया है नया भोजपुर थाने का भवन, कभी भी हो सकता है जमींदोज
लोगों की सुरक्षा व व्यवस्था संधारण की जिम्मेवारी संभालने वाली नया भोजपुर पुलिस खुद असुरक्षित है। यह असुरक्षा जर्जर भवन व थाना परिसर के भौगोलिक स्थिति को लेकर है। बता दें कि यह थाना ग्लेज्ड टाइल्स द्वारा दशकों पूर्व बनवाए गए भवन में संचालित हो रहा है, जिसका छत व दीवारे जर्जर हो चुकी है। छत का सेलिंग लंबे समय से टूटकर गिर रहा है,

-- परिसर में निकल रहे है सांप व बिच्छू जैसे विषैले जंतू, भयजदा है पुलिसकर्मी
केटी न्यूज/डुमरांव
लोगों की सुरक्षा व व्यवस्था संधारण की जिम्मेवारी संभालने वाली नया भोजपुर पुलिस खुद असुरक्षित है। यह असुरक्षा जर्जर भवन व थाना परिसर के भौगोलिक स्थिति को लेकर है। बता दें कि यह थाना ग्लेज्ड टाइल्स द्वारा दशकों पूर्व बनवाए गए भवन में संचालित हो रहा है, जिसका छत व दीवारे जर्जर हो चुकी है। छत का सेलिंग लंबे समय से टूटकर गिर रहा है,
जिससे इसके कभी भी जमींदोज होने का खतरा बना हुआ है। वहीं, परिसर भी काफी पुराना है, जहां सांप व बिच्छू जैसे विषैले जीव-जंतुओं ने अपना घर बना लिया है। अक्सर थाना परिसर में विषैले सांप व बिच्छू नजर आ जाते है। बरसात शुरू होने के बाद विषैले जीव-जंतुओं के निकलने का सिलसिला तेज हो गया है, जिस कारण पुलिसकर्मियों में हमेशा भय बना रहता है।
गुरुवार की सुबह भी इस थाना परिसर में एक काला बिच्छू निकला था। माना जाता है कि काला बिच्छू अपेक्षाकृत अधिक विषैला होता है तथा इसके डंक से जान तक जा सकती है। वहीं, हाल के दिनों में कई बार सांप व बिच्छू के दर्शन पुलिसकर्मियों को हो चुके है। बता दें कि इस थाना के लिए नए भवन की प्रकिया अभी लंबित है। भवन निर्माण विभाग से प्रस्ताव पास होने के बाद भी अबतक नए भवन के निर्माण की कोई सुगबुगाहट नहीं है।
कुछ माह पहले एसपीटी मिट्टी जांच की प्रक्रिया भी पूर्ण हो गई है। मिट्टी जांच को हुए कई माह बीतने के बावजूद इस दिशा में कारवाई न होने से पुलिसकर्मियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। बरसात के मौसम में जर्जर भवन के कारण उत्पन्न होने वाले खतरे से पुलिसकर्मियों में भय व्याप्त है। पिछले दिनों थाने का निरीक्षण करने पहुंचे एसपी शुभम आर्य ने बताया था कि संभवतः मार्च तक कार्य शुरू हो जाएगा, लेकिन अब जून भी बीतने को है, पर निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है।
बता दें कि नया भोजपुर थाने का भवन निर्माण जी$थ्री स्ट्रक्चर के आधार पर होना तय हुआ है। पहले चरण में एसपीटी यानि मिट्टी जांच की प्रक्रिया पूरी कर ली गई हैं। मिट्टी जांच के लिए सैंपल पटना लैब भेजा दिया गया हैं। दावा था कि जारी रिपोर्ट के आधार पर निर्माण योजना का डीपीआर तैयार होगा। डीपीआर तैयार होते ही निविदा का प्रकाशन कर निर्माण एजेंसी चुनकर कार्य को शुरू करा लिया जाएगा। हालांकि अबतक एजेंसी का चयन हुआ या नहीं इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है।
बता दें कि भवन के अभाव में थाना का सिरिस्ता, थाना प्रभारी कक्ष और हाजत एक ही हॉल में है। सिरिस्ता ही मालखाना है। छत का सिलिंग टूटने से पानी टपकते रहता है। पानी टपकने से कागज भी सड़ने लगा है। दीवारों में उलझे नंगे तारों से बारिश में दीवारों पर बिजली की करंट भी दौड़ता है। जो हमेशा बड़े हादसे को दावत दे रहा है। स्थापना के बाद से 14 थानाध्यक्ष बदले, पर स्थिति यथावत है।
पुलिस कर्मियों की मानें तो अभी तो बरसात की शुरूआत ही हुई है, अभी पूरी बरसात बाकी है। ऐसे में किसी दिन पुलिसकर्मियों के साथ अप्रिय घटना होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।