चाहरदीवारी क्षतिग्रस्त होने से स्कूली बच्चों के सुरक्षा पर खतरा

सरकारी विद्यालयों की चहारदीवारी के निर्माण के लिए कई बार निर्देश जारी होता रहता है। बावजूद जिम्मेदार इसमें रुचि नहीं ले रहे है। इसका ताजा उदाहरण प्रखंड के जमुवा टोला गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में देखा जा सकता है। इस विद्यालय की चाहरदीवारी क्षतिग्रस्त हो गई है

चाहरदीवारी क्षतिग्रस्त होने से स्कूली बच्चों के सुरक्षा पर खतरा

केटी न्यूज/केसठ 

सरकारी विद्यालयों की चहारदीवारी के निर्माण के लिए कई बार निर्देश जारी होता रहता है। बावजूद जिम्मेदार इसमें रुचि नहीं ले रहे है। इसका ताजा उदाहरण प्रखंड के जमुवा टोला गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में देखा जा सकता है। इस विद्यालय की चाहरदीवारी क्षतिग्रस्त हो गई है, जिस कारण बच्चों की सुरक्षा पर खतरा बना हुआ है। पढ़ाई के दौरान हमेशा शिक्षकों में यह डर बना रहता है कि कोई बच्चा सड़क के किनारे न जाए। बच्चों की जान को खतरा बताकर कई अभिभावक अपने बच्चों को विद्यालय भेजने से भी कतराते है। इस समस्या को कई बार विभागीय अधिकारियों तक पहुंचाई गई, लेकिन विभाग द्वारा अब तक कोई भी कदम नहीं उठाया गया। अभिभावको का कहना है कि स्कूल नहर के किनारे स्थित है। ऐसे में चहारदीवारी के निर्माण कि आवश्यकता है। बेसहारा पशु भी दिन भर स्कूल में ही डेरा जमाए रहते है। शिक्षकों ने बताया कि विभाग को कई बार इसकी शिकायत की गई, कितु आज तक बाउंड्री की मरमती नहीं हो पाया। अधिकारी भी विद्यालय में चाहरदीवारी की रिपोर्ट जिला में भेजे जाने की बात कह पल्ला झाड़ लेते है। ग्रामीणों ने संबंधित अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए चारदीवारी को मरमती की मांग की है।