शहीद हवलदार सुनील की विधवा को राज्य सरकार ने दिए 50 लाख रूपए के अनुदान का चेक
आपरेशन सिंदूर के दौरान देश की रक्षा करते प्राण गंवाने वाले भारतीय सेना के हवलदार व चौसा के नरबतपुर गांव निवासी शहीद सुनील यादव की विधवा सुजाता को सोमवार को राज्य सरकार की तरफ से 50 लाख रूपए के अनुदान का चेक दिया गया।

- आपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी ड्रोन हमले में जख्मी हवलदार को इलाज के दौरान मिली थी शहादत, रविवार को ही पैतृक गांव चौसा के नरबतपुर आया था शव
केटी न्यूज/चौसा
आपरेशन सिंदूर के दौरान देश की रक्षा करते प्राण गंवाने वाले भारतीय सेना के हवलदार व चौसा के नरबतपुर गांव निवासी शहीद सुनील यादव की विधवा सुजाता को सोमवार को राज्य सरकार की तरफ से 50 लाख रूपए के अनुदान का चेक दिया गया।
यह अनुदान राशि मुख्यमंत्री वीरता सहायता योजना के तहत दी गई है। सोमवार को चौसा के प्रभारी अंचल पदाधिकारी उद्धव मिश्र एवं जिला सैनिक कल्याण पदाधिकारी कैप्टन सतीशचंद्र पांडेय ने वीरांगना सुजाता को अपने हाथों 50 लाख रूपए का चेक सौंपा तथा सरकार की ओर से हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया।
बता दें कि शहीद हवलदार सुनील यादव की पोस्टिंग जम्मू काश्मीर में थी तथा पहलगाम हमले के बाद सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत वह राजौरी बॉर्डर पर पाकिस्तानी सेना का सामना वीरता से कर रहा था। इस दौरान नौ मई को पाकिस्तान द्वारा किए गए ड्रोन हमले में वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
15 मई को सीजफायर की घोषणा के बाद उन्हें गंभीर अवस्था में एअरलिफ्ट कर सेना के अस्पताल पहुंचाया गया था, जहां इलाज के दौरान छह जून को उन्हें वीरगति मिली थी। उनके बलिदान से पूरे गांव में शोक की लहर फैल गई, वहीं उनके साहस और पराक्रम पर सभी को गर्व भी है।
अनुदान राशि सौंपते हुए सीओ ने कहा कि राज्य सरकार उन सभी शहीदों के परिजनों के साथ खड़ी रहती है, जो बैटल क्षेत्र में प्राणों की आहुति देते हैं। यह 50 लाख रुपये की सहायता केवल आर्थिक मदद नहीं, बल्कि शहीद के त्याग और बलिदान को सम्मान देने का प्रतीक है।
उक्त मौके पर राजस्व कर्मचारी शशिकांत कुमार, वार्ड पार्षद हृदयनारायण सिंह, जिला सैनिक कार्यालय के भूतपूर्व सूबेदार जयकुमार चौबे, भूतपूर्व सूबेदार इन्दमोहन झा, सूबेदार मेजर ओम प्रकाश तिवारी, परशुराम वर्मा आदि लोग शामिल थे।
गौरतलब हो कि रविवार को शहीद हवलदार का शव आने पर नरबतपुर में हजारों की भीड़ उमड़ी थी तथा लोग सुनील यादव अमर रहे व पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए थे। जबकि उनकी विधवा ने मांग किया था कि उनके पति के नाम पर स्मारक व गेट बनवाया जाए, ताकी देश के प्रति उनके त्याग व बलिदान की चौसा में निशानी मिल सके व भावी पीढ़ी को उनकी वीरता भरी शहादत की जानकारी मिले।
उनके शहादत से पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ गई है तथा लोगों में अपने जिले के इस लाल के प्रति गर्व महसूस हो रहा है। राज्य सरकार द्वारा अनुदान राशि दिए जाने के बाद अब देखना है कि उनकी पत्नी की डिमांड को कब तक पूरा किया जा रहा है।