बुरी शक्तियां किन लोगों पर होती हैं हावी
कुछ लोग इन बुरी शक्तियों के अस्तित्व को मानते हैं, तो कुछ लोग इन बातों पर यकीन नहीं करते हैं।आम जीवन में अक्सर हम भूत, प्रेत और आत्माओं के बारे में बातें करते हैं।
केटी न्यूज़/दिल्ली
कुछ लोग इन बुरी शक्तियों के अस्तित्व को मानते हैं, तो कुछ लोग इन बातों पर यकीन नहीं करते हैं।आम जीवन में अक्सर हम भूत, प्रेत और आत्माओं के बारे में बातें करते हैं।धर्म शास्त्रों में बुरी आत्माओं, प्रेत आदि का उल्लेख मिलता है।इसके साथ ही शास्त्रों और पौराणिक कहानियों में बुरी शक्तियों से जुड़ीं और भी बातों का जिक्र भी होता है। जैसे बुरी शक्तियां किन लोगों पर हावी होती हैं और किन्हें अपना शिकार बनाती हैं। आइए, जानते हैं आत्माओं और बुरी शक्तियों से जुड़ीं खास बातें।
एक आत्मा को बुरी आत्मा क्यों कहा जाता है और आत्माएं बुरी आत्माएं कैसे बनती है? इन सवालों के साथ अक्सर मन में ये सवाल भी आते हैं कि भूत-प्रेत एक अलग तरह के ही अलौकिक प्राणी होते हैं, जो किसी मृतक की आत्मा से बनते हैं। ऐसा माना जाता है कि जिस किसी की मृत्यु से पहले कोई इच्छा पूर्ण नहीं हो पाती और वो पुनर्जन्म के लिये स्वर्ग या नरक नहीं जाता, बल्कि धरती पर ही भटकता रहता है।
वास्तव में भूत-प्रेत होते हैं या नहीं इस विषय पर जानने से पहले यह जान लेना चाहिए कि आत्माएं कितने प्रकार की होती है। शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि तीन प्रकार की आत्माएं होती है एक जीवात्मा, दूसरा प्रेत आत्मा और अंतिम सूक्ष्मात्मा, जो हमारे शरीर में वास करती हैं वह जीवात्मा कहलाती है। लेकिन जब जीवात्मा में वासना या कामनाएं निवास करती हैं, तो उसे प्रेतात्मा कहते हैं। वहीं, ये आत्माएं सूक्ष्मतम शरीर में वास करती है, तो उसे सूक्ष्मात्मा कहा जाता है।
जो व्यक्ति जीवन की इच्छाओं से बंधा रहता है, उसे मृत्यु के बाद भी आत्मा बनकर भटकना पड़ता है। वहीं, जो मनुष्य अपने जीवन में भूख प्यास, रोग, क्रोध, वासना, इत्यादि की इच्छाओं के साथ मृत्यु को प्राप्त करता है, उसे मृत्युलोक में भूत बनकर भटकना पड़ता है। ऐसी आत्माएं अपनी अधूरी इच्छाओं की पूर्ति के लिए भटकती रहती हैं। इसके साथ ही जिन आत्माओं का श्राद्ध कर्म, तर्पण इत्यादि नहीं किया जाता है, उनकी आत्मा भी मृत्युलोक में अपनी इच्छा पूर्ति के लिए भटकती रहती है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार आत्माएं कमजोर शरीर को तलाशती है और जो लोग मानसिक व शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं। साथ ही जो लोग हमेशा डरे-डरे रहते हैं, उन पर भूतों का साया आसानी से पड़ सकता है। ज्योतिष शास्त्र में इस सन्दर्भ में बताया गया है कि जब राहु लग्न भाव में या कुंडली के अष्टम भाव में होता है और उस पर अन्य क्रूर ग्रहों की दृष्टि होती है तो जातक पर इसका प्रभाव पड़ता है और नकारात्मक शक्तियां उस पर हावी होने लगती है।
सबसे पहले तो बुरी शक्तियों से दूर रहने के लिए हमेशा भगवान को याद रखें और उनका ध्यान करें। भगवान को हमेशा मन में रखने से हम सकारात्मक ऊर्जा से भरे रहते हैं। वहीं, हमें हमेशा अपने कर्म भी ठीक रखने चाहिए। जब आप अपने कर्म सही रखते हैं, तो इसका असर भी सकारात्मक ऊर्जा के रूप में आप पर पड़ता है। हर तरह के संकट, भय से दूर रहने के लिए हमेशा हनुमान जी का ध्यान करें। हनुमान जी अपने भक्तों को हमेशा बुरी शक्तियों से बचाते हैं।