पिटाई से जख्मी युवक की ईलाज के दौरान मौत
- बीमारी से मौत मान रही है पुलिस
केटी न्यूज/बक्सर
लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चिराग पासवान की तारीफ करने पर पड़ोसियों ने उक्त युवक की जमकर पिटाई कर दी थी। पिटाई से जख्मी युवक की ईलाज के दौरान मौत हो गई है। इसके बाद परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। मामला नगर थाना क्षेत्र के किला मैदान के समीप का है
जहां के निवासी एक व्यक्ति पर स्थानीय लोगों के द्वारा हमला किया गया था। जब उनको बचाने उनका पुत्र गया तो उसे भी मारपीट कर जख्मी कर दिया गया। जिसकी इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। इस मामले में मृत युवक के पिता ने थाने में आवेदन देकर प्राथमिकी का अनुरोध किया है, लेकिन पुलिस इसे मारपीट में मौत नहीं बल्कि बीमारी से मौत मान रही है।
जानकारी के अनुसार सिमरी थाना क्षेत्र के राजापुर नौरंग राय के डेरा के मूल निवासी निवासी तथा वर्तमान में बक्सर नगर के किला मैदान के पास अपनी झोपड़ी बना कर तथा छोला-चाट बेचकर गुजारा करने वाले गुड्डू पासवान ने बताया कि 25 मई को जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बक्सर आए थे, उसी दिन उनका पुत्र उनकी सभा में शामिल होने गया था।
सभा में शामिल होकर लौटने के अगले दिन 26 मई को वह घर पर सभा की चर्चा कर रहा था। साथ ही चिराग पासवान आदि की भी तारीफ कर रहा था तभी पड़ोसियों ने इस बात को सुन लिया। उन्होंने इस बात को लेकर उनसे मारपीट शुरु की कर दी। इसी बीच जब उनका 19 वर्षीय पुत्र पवन बचाने आया तो पड़ोसी तूफानी डोम, लाल मोहर बांसफोर तथा सूरज बांसफोर ने मिलकर उस पर हमला कर दिया और उसे बहुत मारा-पीटा इतना ही नहीं बचाने आई पत्नी और पुत्री को भी पीट दिया।
बाद में गंभीर रूप से घायल पवन कुमार को सदर अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया जहां से चिकित्सकों ने उसके गंभीर हालत देखते हुए उसे बी एच यू वाराणसी ले जाने की सलाह दी वहां ले जाने पर चिकित्सकों ने इलाज किया तथा फिर छुट्टी दे दी लेकिन जब वहां से पुत्र को लेकर घर आए तो उसके तबीयत खराब होने लगी जिसके बाद उसे पुनः लेकर पीएमसीएच चले गए जहां 6 जून को उसकी मौत हो गई।
गुड्डू पासवान ने आरोप लगाया है कि उन्होंने स्थानीय पुलिस से इसकी शिकायत की थी। पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया था। लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। इस संबंध में नगर थानाध्यक्ष संजय कुमार सिन्हा ने कहा कि युवक की मौत मारपीट से नहीं हुई है। लापरवाही बरतने का आरोप भी गलत है। हालांकि आवेदन के आलोक में प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसके आधार पर मामले की जांच की जा रही है।