रोज़गार की तलाश में सूरत गये मजदूर की मौत, शव आते ही मचा कोहराम

रोज़गार की उम्मीद लेकर सूरत गया मंगराव गांव का मजदूर सुग्रीव गोसाई आखिरकार अपनों के लिए लाश बनकर लौटा। थाना क्षेत्र के मंगराव गांव निवासी 35 वर्षीय सुग्रीव गोसाई की सूरत में इलाज के दौरान मौत हो गई। शुक्रवार की सुबह जैसे ही उसका शव गांव पहुंचा, घर से लेकर पूरे गांव में कोहराम मच गया।

रोज़गार की तलाश में सूरत गये मजदूर की मौत, शव आते ही मचा कोहराम

केटी न्यूज/राजपुर

रोज़गार की उम्मीद लेकर सूरत गया मंगराव गांव का मजदूर सुग्रीव गोसाई आखिरकार अपनों के लिए लाश बनकर लौटा। थाना क्षेत्र के मंगराव गांव निवासी 35 वर्षीय सुग्रीव गोसाई की सूरत में इलाज के दौरान मौत हो गई। शुक्रवार की सुबह जैसे ही उसका शव गांव पहुंचा, घर से लेकर पूरे गांव में कोहराम मच गया।गिद्दी गोसाई का पुत्र सुग्रीव बीते दो महीने पहले परिवार की बदहाल आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए सूरत गया था। वहां वह शिव मंगलम साड़ी कंपनी में मजदूरी कर रहा था।परिवार की रोजी-रोटी का एकमात्र सहारा सुग्रीव ही था।

लेकिन विडंबना देखिए कि मेहनतकश मजदूर की जिंदगी न कंपनी के लिए मायने रखी और न ही सरकारी तंत्र के लिए।चार दिन पहले अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई। साथ काम कर रहे मजदूरों ने उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मौत की खबर मिलते ही पत्नी और दो मासूम बेटे सौरभ व आकाश पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।सबसे दर्दनाक पहलू यह रहा कि एक गरीब मजदूर का शव घर लाने के लिए भी परिवार को भारी मशक्कत करनी पड़ी। साथियों के अनुसार कंपनी प्रबंधन ने कोई ठोस मदद नहीं की।

मजदूरों के दबाव में कंपनी ने सिर्फ नाममात्र की राशि दी, जबकि बाकी खर्च अन्य मजदूरों और परिचितों ने किसी तरह जुटाया।शव गांव पहुंचते ही मातमी सन्नाटा छा गया। ग्रामीणों ने साफ शब्दों में कहा कि सुग्रीव की मौत ने मजदूरों की असुरक्षित जिंदगी और सिस्टम की बेरुखी को उजागर कर दिया है। पूर्व उप सरपंच रमाकांत खरवार, मदन साह, अखिलेश्वर साह, अनूप कुमार समेत कई लोगों ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए सरकार से पीड़ित परिवार को अविलंब मुआवजा और सहायता देने की मांग की।ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते इलाज, कंपनी की जिम्मेदारी और सरकारी सहायता मिलती तो शायद एक परिवार उजड़ने से बच सकता था।