विद्यालय में छात्र से मारपीट मामला तूल पकड़ा, परिजनों और ग्रामीणों का हंगामा, सड़क जाम

जिले के चौसा प्रखंड स्थित प्लस टू उच्च विद्यालय सिकरौल में दसवीं कक्षा के छात्र से हुई मारपीट की घटना ने शनिवार को बड़ा रूप ले लिया। घायल छात्र अभिषेक कुमार के परिजन और स्थानीय ग्रामीण इस घटना से इतने आक्रोशित हो गए कि उन्होंने विद्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया और बक्सर-मोहनिया मुख्य मार्ग को घंटों तक जाम कर दिया। आक्रोशित लोगों ने विद्यालय प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए दो शिक्षकों की बर्खास्तगी की मांग की।

विद्यालय में छात्र से मारपीट मामला तूल पकड़ा, परिजनों और ग्रामीणों का हंगामा, सड़क जाम

केटी न्यूज/बक्सर

जिले के चौसा प्रखंड स्थित प्लस टू उच्च विद्यालय सिकरौल में दसवीं कक्षा के छात्र से हुई मारपीट की घटना ने शनिवार को बड़ा रूप ले लिया। घायल छात्र अभिषेक कुमार के परिजन और स्थानीय ग्रामीण इस घटना से इतने आक्रोशित हो गए कि उन्होंने विद्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया और बक्सर-मोहनिया मुख्य मार्ग को घंटों तक जाम कर दिया। आक्रोशित लोगों ने विद्यालय प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए दो शिक्षकों की बर्खास्तगी की मांग की।

मामला शुक्रवार का है जब सिकरौल विद्यालय में पढ़ाई के दौरान दसवीं कक्षा के छात्र अभिषेक कुमार के साथ उसके ही सहपाठी हरिओम कुमार ने मारपीट की। पीड़ित छात्र अभिषेक, जो जलीलपुर गांव निवासी स्व. शिवशंकर राजभर का पुत्र है, का आरोप है कि गुरुवार को रास्ते में साइकिल की मामूली टक्कर को लेकर दोनों छात्रों के बीच कहासुनी हुई थी। अगले दिन शुक्रवार को स्कूल में जब उसने इस विवाद की जानकारी शिक्षकों को दी, तो इसे नजरअंदाज कर दिया गया। दोपहर के लंच ब्रेक में हरिओम ने अचानक हमला कर दिया और अभिषेक को इस कदर पीटा कि वह बेहोश हो गया।

सबसे गंभीर आरोप विद्यालय प्रशासन पर यह लगाया गया है कि घायल छात्र की स्थिति गंभीर होने के बावजूद न तो उसे प्राथमिक उपचार के लिए न तो अस्पताल ले जाया गया और न ही उसके परिजनों को इसकी सूचना दी गई। इसके विरोध में शनिवार की सुबह अभिषेक की मां उर्मिला कुंवर के नेतृत्व में बड़ी संख्या में ग्रामीण स्कूल पहुंच गए। उन्होंने न सिर्फ जमकर हंगामा किया बल्कि विद्यालय प्रशासन पर छात्र की जान से खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की।

प्रदर्शनकारियों ने मुख्य सड़क को जाम कर दिया जिससे आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया। मौके की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस को सूचना दी गई। प्रभारी थाना अध्यक्ष रौशन कुमार दल-बल के साथ विद्यालय पहुंचे और ग्रामीणों को समझा-बुझाकर सड़क से जाम हटवाया। पुलिस ने दोनों पक्षों की बात सुनी और माहौल को शांत किया।

वहीं, विद्यालय प्रशासन ने अपने बचाव में कहा है कि मारपीट करने वाला छात्र विद्यालय की चारदीवारी फांदकर अंदर आया था और घटना के तुरंत बाद इसकी सूचना थाने के साथ-साथ संबंधित परिजनों को भी दी गई थी। उन्होंने दावा किया कि स्कूल की तरफ से कोई लापरवाही नहीं बरती गई। हालांकि इस बयान से परिजन और ग्रामीण संतुष्ट नहीं दिखे।

फिलहाल घायल छात्र का इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। घटना के बाद विद्यालय परिसर में तनाव की स्थिति बनी हुई है। पुलिस प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए है और अभिभावकों से संयम बरतने की अपील की गई है।

इस घटना ने विद्यालयों में छात्रों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। अभिभावकों का कहना है कि जब स्कूल के भीतर छात्र सुरक्षित नहीं हैं, तो प्रशासन की क्या भूमिका रह जाती है? उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।

इस बीच, स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी मामले में संज्ञान लेने की बात कही है। अब देखना यह है कि इस संवेदनशील घटना पर जिला प्रशासन क्या कार्रवाई करता है और विद्यालय की जवाबदेही किस हद तक तय की जाती है।