ओवरटेक करने के प्रयास में दुर्घटनाग्रस्त हुई बालू लदी डंपर, चालक व सह चालक जख्मी
डुमरांव बिक्रमगंज पथ पर सोमवार की सुबह बालू लदा एक डंपर दूसरे वाहन को ओवरटेक करने के प्रयास में दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। इस घटना में डंपर चालक व सह चालक दोनों गंभीर रूप से जख्मी हो गए। स्थानीय लोगों ने उन्हें आनन-फानन में इलाज के लिए डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचाया। जहां, प्राथमिक इलाज के बाद दोनों को रेफर कर दिया गया।

-- एनएच 120 पर खलवा ईनार के समीप हुई घटना, प्राथमिक इलाज के बाद दोनों को किया गया रेफर
केटी न्यूज/डुमरांव
डुमरांव बिक्रमगंज पथ पर सोमवार की सुबह बालू लदा एक डंपर दूसरे वाहन को ओवरटेक करने के प्रयास में दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। इस घटना में डंपर चालक व सह चालक दोनों गंभीर रूप से जख्मी हो गए। स्थानीय लोगों ने उन्हें आनन-फानन में इलाज के लिए डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचाया। जहां, प्राथमिक इलाज के बाद दोनों को रेफर कर दिया गया।

प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो सुबह में एक डंपर जिस पर बालू लदा था, कोरानसराय की तरफ से आ रही थी। जैसे ही उक्त डंपर खलवा ईनार के समीप पहुंची कि चालक पूर्वी लेन से अपने आगे खड़े वाहन को ओवरटेक करने का प्रयास किया, जिससे उसकी आगे खड़ी वाहन से टक्कर हो गई। इस दौरान डंपर की स्पीड बहुत अधिक थी। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसका केबिन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस घटना में डंपर चालक व सह चालक दोनों को गंभीर चोटे आई थी। हालांकि, लोगों ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें इलाज के लिए तत्काल अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचाया, जहां प्राथमिक इलाज के बाद दोनों को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।

वहीं, जानकारों का कहना है कि यह एक दिन की बात नहीं है। बल्कि सुबह में हर दिन इस पथ पर ट्रक चालक इसी तरह के आपा-धापी में रहते है। जिस कारण अक्सर दुर्घटनाएं होते रहती है। लोगों ने बताया कि पिछले सप्ताह भी ऐसी घटना हुई थी। बताया जाता है कि डुमरांव में नो-इंट्री लागू होने के पहले ट्रक चालक शहर की सीमा से निकलने का प्रयास करते है। इस दौरान इस पथ पर पैदल चलने लायक जगह भी नहीं बचती है। जिस कारण सामान्य यात्रियों तथा स्कूली छात्रों को हर दिन जान जोखिम में डालना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि सुबह में डुमरांव बिक्रमगंज पथ पर ट्रकों के परिचालन से कई बार भयंकर जाम लगता है, जिससे यात्रियों की टेªन तक छूट जाती है। वहीं, सबकुछ जानते हुए भी संबंधित पदाधिकारी बेफिक्र बने हुए है। जिस कारण लोगों में गहरा आक्रोश है।
