गड़हियां में स्वर्गीय बबन ओझा की 17वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा

नवानगर प्रखंड के गड़हियां गांव में मंगलवार को कांग्रेस नेता एवं बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के सदस्य डॉ. सतेंद्र ओझा के पिता, स्वर्गीय बबन ओझा की 17वीं पुण्यतिथि के अवसर पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की उपस्थिति ने आयोजन को स्मरणीय बना दिया।

गड़हियां में स्वर्गीय बबन ओझा की 17वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा

-- बोले वक्ता, सादगी, सेवा और सामाजिक सद्भाव के प्रतीक थे स्व. बबन ओझा  

केटी न्यूज/डुमरांव।

नवानगर प्रखंड के गड़हियां गांव में मंगलवार को कांग्रेस नेता एवं बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के सदस्य डॉ. सतेंद्र ओझा के पिता, स्वर्गीय बबन ओझा की 17वीं पुण्यतिथि के अवसर पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की उपस्थिति ने आयोजन को स्मरणीय बना दिया।श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता संस्कृत महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. उमाशंकर पांडये ने की, जबकि संचालन स्वयं डॉ. सतेंद्र ओझा ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत स्वर्गीय बबन ओझा के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर एवं दो मिनट का मौन रखकर की गई। इस दौरान उपस्थित लोगों ने उन्हें नमन करते हुए उनके व्यक्तित्व को याद किया।

-- व्यक्तित्व और कृतित्व पर वक्ताओं ने डाला प्रकाश

सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि स्वर्गीय बबन ओझा समाज के ऐसे व्यक्ति थे, जिनकी पहचान सादगी, सरलता और सेवा भाव से थी। वे गांव के हर व्यक्ति के सुख-दुख में सहभागी रहते थे और बिना किसी भेदभाव के जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। वक्ताओं ने कहा कि एक कर्मठ किसान होने के साथ-साथ वे सामाजिक सद्भाव, आपसी भाईचारे और मानवीय मूल्यों के सशक्त प्रतीक थे। गांव की एकजुटता और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने में उनका योगदान आज भी लोगों को प्रेरित करता है।

-- गणमान्य लोगों की रही उल्लेखनीय उपस्थिति

श्रद्धांजलि सभा में बाबूगंज इंग्लिश पंचायत के मुखिया सतेंद्र यादव, गड़हियां के वार्ड सदस्य अमर ओझा, ऋषिकेश ओझा, मनोज उपाध्याय, सरपंच विकास यादव, बबलू राज, रामकुमार पांडेय, रमेश कुमार, सुमन तिवारी, वरिष्ठ पत्रकार जितेंद्र मिश्रा, वार्ड पार्षद संतोष उपाध्याय, रितेश पांडेय, दीपक सिंह, कृष्णकांत दुबे, बड़क बाबा सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। सभी ने स्वर्गीय बबन ओझा के जीवन मूल्यों को स्मरण करते हुए उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।

-- पिता के आदर्श बने जीवन की प्रेरणा - डॉ. सतेंद्र ओझा

कार्यक्रम के अंत में डॉ. सतेंद्र ओझा ने उपस्थित सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उनके पिता के आदर्श, उनका संघर्ष और समाज के प्रति समर्पण ही उनके जीवन की सबसे बड़ी प्रेरणा हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि समाज में प्रेम, भाईचारा और सेवा की भावना को आगे बढ़ाना ही स्वर्गीय बबन ओझा को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास अपने पिता के आदर्शो पर चलना है। समाज सेवा व गरीब, मजलूमों तथा किसानों की सेवा का गुण मुझे अपने पिताजी से ही मिला था। वे आजीवन समाज के सभी वर्गो की सेवा करते रहे। डॉ. सत्येन्द्र ने कहा कि अपने पिता के सिद्धांतो को मैं आत्मसात कर ही सामाजिक कार्यो में सक्रिय रहता हूं।