अधिवक्ता संघ ने आयोजित किया होली मिलन समारोह, शामिल हुए न्यायिक पदाधिकारी
जिला अधिवक्ता संघ की ओर से बुधवार को कोर्ट परिसर में होली मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अधिवक्ताओं और न्यायिक अधिकारियों ने एक दूसरे को रंग और गुलाल लगा पारंपरिक होली का आनंद लिया तथा एक दूसरे को होली की अग्रिम शुभकामनाएं दी।

केटी न्यूज/बक्सर
जिला अधिवक्ता संघ की ओर से बुधवार को कोर्ट परिसर में होली मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अधिवक्ताओं और न्यायिक अधिकारियों ने एक दूसरे को रंग और गुलाल लगा पारंपरिक होली का आनंद लिया तथा एक दूसरे को होली की अग्रिम शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में अधिवक्ता एवं न्यायिक अधिकारी उपस्थित रहे, जिन्होंने मिलकर उमंग और उत्साह के साथ इस पर्व का स्वागत किया। कार्यक्रम में उपस्थित अधिवक्ताओं और न्यायिक अधिकारियों ने पारंपरिक होली गीत भी गाई और होली खेलकर उत्सव का आनंद लिया। रंग-बिरंगे गुलाल की वर्षा से पूरा कोर्ट परिसर रंगीन हो गया और हर ओर होली के उल्लास का नजारा देखने को मिला।
पारंपरिक होली गीतों की प्रस्तुति ने समां बांध दिया और सभी ने एक-दूसरे को गले मिलकर होली की शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश हर्षित सिंह होली के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व पर विस्तार से चर्चा किए। उन्होंने बताया कि होली न केवल रंगों का पर्व है, बल्कि यह प्रेम, भाईचारे और समाज में एकता का संदेश भी देता है।
उन्होंने न्यायाधीशो, न्यायकर्मी एवं अधिवक्ताओ को इस त्योहार को सौहार्द और भाईचारे के साथ मनाने की सलाह दी तथा संघ के अध्यक्ष बबन ओझा एवं महासचिव विन्देश्वरी प्रसाद पाण्डेय उर्फ पप्पू पाण्डेय ने संयुक्त इस अवसर पर सभी को होली की शुभकामनाएं देते हुए सामाजिक सद्भाव, भाईचारे और सौहार्द का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि होली सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि आपसी प्रेम और एकता का प्रतीक भी है।
उन्होंने इस पर्व की महत्ता बताते हुए कहा कि यह समाज को जोड़ने और आपसी रिश्तों को मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है। एडीजे सह विशेष मद्य निषेध कोर्ट प्रथम देवराज, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सप्तम मानस कुमार वत्सल, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नवम कमल कुमार, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दस राकेश कुमार, मुंसिफ प्रथम हर्षवर्धन सिंह, कोर्ट
नंबर पंचम कुमार नारुन, अधिवक्ता शशिकांत उपाध्याय, उमेश कुमार सिंह, कामोद सिंह, अनिल ठाकुर, रामनाथ ठाकुर, रविन्द्र सिंह, धीरज ठाकुर, राघव कुमार पाण्डेय, मोनू कुमार, राहुल आनंद, आशुतोष ओझा, सत्यप्रकाश राय, रामप्रतिक चौबे, नीरज राय आदि सैकड़ो न्यायाधीश एवं अधिवक्ता उपस्थित थे।