डुमरांव में अधिवक्ताओं ने किया कार्य बहिष्कार, पहलगाम हमले के खिलाफ निकाला आक्रोश मार्च
पहलगाम आतंकी हमला को लेकर डुमरांव स्थित अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय में अधिवक्ताओं ने विरोध जताया। देश की अस्मिता पर हुए हमले के खिलाफ जहां अधिवक्ताओं ने एक दिवसीय कार्य बहिष्कार किया वहीं नगर में आक्रोश मार्च निकाला।

कोर्ट में लगे नारे... आतंक को देश से समाप्त करो
केटी न्यूज/डुमरांव
पहलगाम आतंकी हमला को लेकर डुमरांव स्थित अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय में अधिवक्ताओं ने विरोध जताया। देश की अस्मिता पर हुए हमले के खिलाफ जहां अधिवक्ताओं ने एक दिवसीय कार्य बहिष्कार किया वहीं नगर में आक्रोश मार्च निकाला।
इस आक्रोश मार्च में अधिवक्ता अपने हाथों में विभिन्न प्रकार के श्लोगन लिखी तख्ती अपने लिये हुए थे। अधिकवक्ताओं के इस आक्रोश मार्च को देखने के लिये लोग सड़कों के किनारे खड़े हो गए। इस दौरान जमकर पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए गए। साथ ही सरकार से आतंकवाद को जड़ समाप्त करने की मांग करते हुए इनके विरोध में कड़ा रूख अपनाने की बात कही गई। आक्रोश मार्च नगर भ्रमण करते हुए न्यायालय के गेट पर जाकर समाप्त कर सभा में तब्दिल हो गया।
जहां सभा को संबोधित ेरते हुए अधिवक्ता संघ के अनुमंडलीय अध्यक्ष दरोगा सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने निर्दोष 28 पर्यटकों को मौत के घाट उतार दिया था। उन लोगों के साथ हुआ जिस प्रकार से कृत्य किया गया, उन्होंने कभी ऐसी कल्पना नहीं की होगी।
आतंकियों और दहशगर्दों द्वारा पर्यटकों से उनका नाम पुछना और महिलाओं के सामने उनके पतियों को गोलियों से भून देने वाली इस घटना को भुलाया नहीं जा सकता। यह घटना हमारी देश की सुरक्षा में चुक को भी दिखती है। घाटी में यदि पुलिस और सैन्य बलों की तैनाती होती तो आतंकी ऐसी घटना को अंजाम देने से भी डरते।
अधिवक्ताओं ने केंद्र सरकार से मांग किया कि इस प्रकार के आतंकियों के हमले को देशवासी कब तक सहते हुए अपने सगे-संबंधियों को खोते रहेंगे, सरकार को इसे जड़ से समाप्त करने की दिशा में कार्य करे। इस आक्रोश मार्च में सुनील तिवारी, पृथ्वीनाथ शर्मा, सुनील पांडेय, चितरंजन प्रसाद, प्रभानाथ तिवारी, मूरली मनोहर, उमाशंकर, अशोक प्रसाद, हृदय नारायण पांडेय, गुप्तेश्वर कुमार, मारकंडेय पाठक, उदय नारायण राम सहित दर्जनों अधिवक्ता शामिल रहे।