आखिर कौन है चार मौतों का जिम्मेवार...
नया भोजपुर में महिला द्वारा अपने पति से विवाद के बाद तीन बच्चों के साथ जहर खा, जान देने की घटना के बाद कई सवाल खड़े हो रहे है। सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि आखिर चार मौतो का जिम्मेवार कौन है। मृतकों के परिवार के लोग या पहले इलाज करने वाले निजी चिकित्सक। वहीं, इस घटना में स्थानीय गांव के चौकीदार तथा पुलिस के सूचना तंत्र की विफलता से इंकार भी नहीं किया जा सकता है।

-- परिवार द्वारा बताई जा रही घटना की कहानी से उठ रहे है कई सवाल, आठ घंटे बाद हुई स्थानीय पुलिस को जानकारी
केटी न्यूज/डुमरांव
नया भोजपुर में महिला द्वारा अपने पति से विवाद के बाद तीन बच्चों के साथ जहर खा, जान देने की घटना के बाद कई सवाल खड़े हो रहे है। सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि आखिर चार मौतो का जिम्मेवार कौन है। मृतकों के परिवार के लोग या पहले इलाज करने वाले निजी चिकित्सक। वहीं, इस घटना में स्थानीय गांव के चौकीदार तथा पुलिस के सूचना तंत्र की विफलता से इंकार भी नहीं किया जा सकता है।

परिवार के अनुसार पति से विवाद के बाद सविता ने मंगलवार की दोपहर ही अपने बच्चों के साथ खुद भी चावल में डालने वाला कीटनाशक घोलकर पी लिया था, लेेकिन इसकी जानकारी मिलने के बाद परिवार वाले स्थानीय पुलिस को सूचना नहीं दिए। वहीं, जहर खाने वाली महिला को छोड़ सिर्फ तीनों बच्चों को लेकर सरकारी अस्पताल के बजाय निजी अस्पताल में इलाज कराने पहुंच गए। ग्रामीण सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है। निजी अस्पताल के चिकित्सक ने भी इस घटना से पुलिस को अवगत नहीं कराया।

शाम में जब दुबारा सभी की हालत बिगड़ी तथा महिला भी मरणासन्न हो गई तो परिवार केे लोग सभी को लेकर सदर अस्पताल बक्सर पहुंचे। इस दौरान पीड़ित परिवार मृतका के मायके वालों को इस घटना की जानकारी दे बुला लिए थे, लेकिन घटना के आठ घंटे बाद तक स्थानीय पुलिस इससे अनभिज्ञ रही।

सदर अस्पताल में इलाज के दौरान वहां के डाक्टरों ने इसकी जानकारी बक्सर नगर थाने की पुलिस को दी। नगर थाना के द्वारा ही रात करीब पौने नौ बजे नया भोजपुर पुलिस को इस घटना की जानकारी दी। तब जाकर स्थानीय पुलिस मामले की जांच-पड़ताल शुरू की। इधर घटना के बाद स्वजनों द्वारा पूरे घर की सफाई कर दी गई, जिससे एफएसएल टीम को बहुत कम साक्ष्य मिल पाए है।

इधर मृतका के ससुराल वाले तथा मायके वाले उसे मानसिक विक्षिप्त बता रहे है, लेकिन किसी ने पूर्व में उसके मानसिक बीमारी का इलाज नहीं करवाया है। पूछताछ में मृतका के भसूर प्रेम सिंह ने इसे स्वीकार किया कि उसके मानसिक बीमारी का इलाज नहीं करवाया गया है। वहीं, इस घटना के बाद गांव में कई तरह की चर्चाएं हो रही है।

घटना के बाद परिवार वालों द्वारा स्थानीय पुलिस को इसकी जानकारी नहीं दिया जाना तथा सरकारी अस्पताल के बजाय पहले निजी अस्पताल में इलाज के लिए जाना इस बात के प्रमाण है कि परिवार के लोग इस घटना की जो कहानी बता रहे है, हकीकत कुछ उससे इतर जरूर है। अब देखना है कि पुलिस की जांच में इस घटना की सच्चाई क्या निकलकर आ रही है। स्थानीय थानाध्यक्ष चंदन कुमार का कहना है कि पुलिस पूरे मामले की सूक्षमता से जांच कर सच्चाई को परत दर परत खोलेगी।
