हिंसक झड़प के बाद चौसा के तीन गांवों में पुलिस ने मचाया तांडव, बूढ़े, बच्चें तथा महिलाओं तक को नहीं बक्शा, वीडियो वायरल
- पुलिस की पिटाई से भयाक्रांत ग्रामीणों ने छोड़ा घर, ग्रामीणों ने पुलिस पर तोड़फोड़ व लूटपाट का भी लगाया आरोप
केटी न्यूज/बक्सर
चौसा में बुधवार को निर्माणाधीन थर्मल पॉवर प्लांट के गेट पर धरना दे रहे किसानों तथा पुलिस के बीच हुई झड़प के बाद रात में पुलिस ने तीन गांवों में तांडव मचाते हुए लोगों की बेरहमी से पिटाई की है। वही पुलिस ने लोगों के घरों की खिड़कियों, दरवाजे यहां तक की सीसीटीवी कैमरे भी क्षतिग्रस्त किए है।
ग्रामीणों की मानें तो पुलिस ने बनारपुर, कोचाढ़ी और मोहनपुरवा के प्रत्येक घर में दबिश दी तथा जो मिला उसकी जमकर पिटाई की गई। पुलिस ने महिलाओं, बच्चों तथा बुजुर्गों पर भी दया नहीं दिखाई। पुलिस की पिटाई से बनारपुर के 70 वर्षीय ललिता देवी, इसी गांव के बुजुर्ग मुन्ना तिवारी, युवा संजीत सिंह समेत दर्जनों लोगों को गंभीर चोटंआई है।
वही अधिकांश लोग पुलिस की प्रतिक्रिया तथा पिछले वर्ष की घटना को याद कर पहले ही घर छोड़ खेतों में रात गुजारी थी। जिस कारण वे बच गए। लेकिन पुलिस की जद में जो आया उसकी बेरहमी से पिटाई हुई है। इसके कई वीडियो भी वायरल हुए है। जिसमें पुलिस लोगों पर बर्बर तरीके से लाठी बरसाते हुए तथा सीसीटीवी कैमरा तोड़ते आदि नजर आ रही है। बनारपुर के ही मुन्ना तिवारी ने आरोप लगाया है कि पुलिस पहले उनके दरवाजे पर लगे सीसीटीवी कैमरे को तोड़ दी।
इसके बाद घर में बेटी की शादी के लिए रखे 12 लाख रूपए मूल्य के गहने, चांदी की मूर्तियां तथा चार अटैची कपड़ा भी पुलिस अपने साथ ले गई है। ललिता देवी की मानें तो उसे चार पुलिसकर्मियों ने घेरकर लाठी डंडे से पिटा है। इस दौरान उनके साथ महिला पुलिसकर्मी नहीं था। कुछ ऐसी ही शिकायतें बनारपुर की आशा तिवारी ने की है। वही मुरलीधर तिवारी, विनय तिवारी आदि की मानें तो वे लोग पुलिस के डर से घर छोड़ गेहूं के खेत में जाकर छिप गए थे। पूरी रात खेत में ही बिताई।
सायरन बजते ही बंद हो जा रहे थे दरवाजे
पुलिसिया खौफ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तीनों गांवों में गुरूवार को भी जब किसी वाहन की सायरन बजती थी तो लोग पुलिस के दुबारा आने के डर से अपने घर के दरवाजे और खिड़कियां बंद कर ले रहे थे। हालांकि, दिन में राजनैतिक दलों के नेताओं के पहुंचने तथा डीएम एसपी के आश्वासन के बाद ग्रामीणों का भय कम जरूर हो गया था।
पिछले साल की घटना की हुई पुनरावृति
बता दें कि पिछले साल भी धरना को बलपूर्वक हटाने के प्रयास में पुलिस का ग्रामीणों के साथ भिडं़त हुआ था। जिसमें दिन में तो ग्रामीण पुलिस टीम पर भारी पड़े थे, लेकिन रात में पुलिस की प्रतिक्रिया देखने को मिली थी। इस घटना के बाद राष्ट्रीय स्तर के किसान नेता राकेश टिकैत समेत सत्ता पक्षा व विपक्ष के दर्जनों नेता भी पहुंच आश्वासन का मरहम लगाए थे। लेकिन किसानों के समस्याओं के समाधान के प्रति किसी ने ध्यान नहीं दिया। लिहाजा धरना पिछले 17 महीने से लगातार जारी है।
डीएम एसपी ने दिया दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन
पुलिसकर्मियों द्वारा ग्रामीणों की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद डीएम अंशुल अग्रवाल व एसपी मनीष कुमार ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि किसी के साथ भी ज्यादती नहीं होगी, बल्कि जो दोषी है सिर्फ उनपर कार्रवाई होगी। डीएम-एसपी ने कहा कि कुछ वीडियो वायरल हुए है उसकी जांच करवाई जा रही है तथा दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
50 नामजद व 200 अज्ञात पर दर्ज हुआ एफआईआर, 27 गिरफ्तार
बुधवार को प्रशासन के साथ ही हिंसक झड़प, पत्थरबाजी तथा फायरिंग मामले में स्थानीय पुलिस ने प्रशासनिक टीम पर हमला करने वाले 50 नामजद तथा 200 अज्ञात पर एफआईआर दर्ज कराया है। पुलिस ने रात तक कुल 27 लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया है। बता दें कि बुधवार को धरना स्थल निर्माणाधीन थर्मल पॉवर प्लांट के मुख्य गेट से किसानों को हटाने गई पुलिस टीम पर धरना दे रहे किसानों ने हमला कर दिया था।
इस हमले में सदर डीएसपी धीरज कुमार, मुफस्सिल थानाध्यक्ष चंदन कुमार झा तथा अन्य तीन पुलिस पदाधिकारी के अलावे कुल 20 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। कुछ को गंभीर चोटें भी आई थी। जिन्हें प्राथमिक इलाज के बाद रेफर कर दिया गया है। वही उपद्रव मचा रहे किसानों ने एक प्रशासन के एक वाहन को आग लगा दिया था जबकि कई वाहनों के शीशे भी तोड़े थे।
ग्रामीण भी हुए है घायल
मिली जानकारी के अनुसार हिंसक झड़प के दौरान पुलिसकर्मियों के साथ ही ग्रामीणों को भी चोटें आई है। कई ग्रामीण गंभीर रूप से जख्मी हुए है। उन्हें पुलिस की लाठियों से चोटे आई है। घायल होने वाले ग्रामीणों में महिलाएं भी शामिल है। वही रात में पुलिस की बर्बर कार्रवाई के बाद घायलों की संख्या बढ़ गई है।