नाबालिक सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को इंसाफ दिलाने सड़क पर उतरी ऐपवा व माले

नाबालिक सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को इंसाफ दिलाने सड़क पर उतरी ऐपवा व माले

 इटाढ़ी थाना क्षेत्र के एक गांव में नट बिरादरी की नाबालिग से हुआ है सामूहिक दुष्कर्म, आक्रोश मार्च निकाल पुलिस पर आरोपियों को बचाने का लगाया आरोप

केटी न्यूज/बक्सर 

सोमवार को अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला संघ (ऐपवा) एवं भाकपा-माले ने बक्सर में विरोध मार्च निकाला। यह विरोध मार्च इटाढ़ी थाना क्षेत्र के एक गांव में नट जाति की नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म तथा इस मामले में पुलिस के उदासीन रवैये के खिलाफ निकाला गया था। विरोध मार्च किला मैदान से शुरू होकर मॉडल टाउन थाना होते हुए ज्योति चौक पर पहुंचा। जहां कार्यकर्ताओं ने विरोध सभा आयोजित किया।

विरोध सभा में पीड़ित नाबालिग लड़की की मां ने बताया कि मेरी लड़की 18 दिसंबर से ही घर से लापता है। बहुत खोजबीन के बाद जब नहीं मिली तो मैंने इटाढ़ी थाने में लड़की को ढूंढने के लिए आग्रह किया। दरोगा ने मुझसे तीन हजार रुपये की मांग की तो किसी तरह मांग कर उन्हें तीन हजार रुपये दिए। 22 दिसंबर को गांव के ही दबंग व्यक्ति के कटरा से पुलिस ने मेरी लड़की को बरामद किया। तब से पुलिस मुझे मेरी बेटी से मिलने नहीं दे रही है। मेरी बेटी बस इतना ही बता पायी कि चार लोगों ने मुझे बंधक बनाकर मेरे साथ गलत काम किया है।

तीन दिन से पुलिस हिरासत में ना जाने मेरी बेटी किस हाल में है। विरोध सभा को संबोधित करते हुए ऐपवा की बक्सर जिला सचिव संध्या पाल ने कहा कि पुलिस आरोपियों को बचाने के पक्ष में लगी है। हमें ज्ञात हुआ है कि आरोपी भाजपा से जुड़े रसूखदार लोग हैं, जिनकी पैरवी स्थानीय सांसद एवं भाजपा के नेताओं द्वारा किया जा रहा है। उन्हीं के प्रभाव में पॉक्सो एक्ट की तमाम नियमों को विरुद्ध लड़की के मेडिकल जांच में देरी की जा रही है

ताकि सबूत मिटाया जा सके। स्थानीय इटाढ़ी थानाध्यक्ष द्वारा लगातार पीड़िता को धमकाया डराया जा रहा है। उनके परिवार वालों को जान से मार देने की धमकी दी जा रही है। इसीलिए न्याय के लिए आज सड़क पर उतरना पड़ रहा है। ऐपवा की सह सचिव पूजा कुमारी ने कहा कि नाबालिग लड़की पर झूठे बयान देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है ताकि गुनहगारों को बचाया जा सके। जिस घर से लड़की बरामद हुई है चार दिनों के बाद उस घर के लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं किया गया है।

यह पुलिस की लापरवाही को दर्शाता है। पॉक्सो ऐक्ट के मुताबिक नाबालिग के साथ बलात्कार न होने की स्थिति में भी परिजनों की उपस्थिति में तुरन्त मेडिकल कराने का प्रावधान है। जबकि पुलिस ने ऐसा नहीं किया है। ऐपवा ने पुलिस प्रशासन के उच्च अधिकारियों से मांग किया है कि इटाढ़ी थाना से इतर सीनियर महिला पुलिस अधिकारी की देखरेख में इसकी जांच कराई जाए ताकि पीड़िता को न्याय मिल सकें। प्रतिरोध सभा के बाद पीड़ित महिला की

मां एवं ऐपवा के प्रतिनिधि मंडल ने एसपी से मिलकर ज्ञापन दिया। एसपी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक सीनियर महिला पुलिस अधिकारी के समक्ष लड़की का बयान दर्ज कराया तथा सभी आरोपियों के विरुद्ध त्वरित गिरफ्तार करने का आस्वासन दिया। विरोध मार्च में ऐपवा की जिला

सचिव संध्या पाल, सह सचिव पूजा कुमारी, भाकपा माले की महिला नेत्री गीता देवी, बक्सर सचिव नीरज कुमार, इटाढ़ी प्रखंड सचिव जगनारायण शर्मा, माले के वरिष्ठ नेता राजदेव सिंह, युवा नेता करण कुमार सहित सैकड़ो महिलाओं ने हिस्सा लेकर अपना विरोध दर्ज किया।