लोक शिकायत को हथियार बना शिक्षा विभाग में अधिकारियों व शिक्षकों का करते रहे है अजय व अरविंद भयादोहन

लोक शिकायत को हथियार बना शिक्षा विभाग में अधिकारियों व शिक्षकों का करते रहे है अजय व अरविंद भयादोहन

केटी न्यूज/बक्सर

डीपीओ के कार्यालय में घुस उनके साथ मारपीट व लूटपाट के आरोपी कृष्णाब्रह्म थाना क्षेत्र के कठार निवासी अजय कुमार सिंह तथा बक्सर धोबीघाट के अरबिंद कुमार सिंह भले ही शिक्षा विभाग के कर्मी नहीं है लेकिन विभाग में उनकी तूती बोलती है। जानकारों की मानें तो अधिकारियों व शिक्षकों पर लोक शिकायत व निगरानी विभाग का धौंस जमा भयादोहन करना इनका मुख्य पेशा है। पिछले एक दशक से अक्सर दोनों शिक्षा विभाग व अधिकारियों के कार्यालयों का चक्कर लगाते रहते है। अजय की पत्नी कठार में ही शिक्षिका है। विभाग में उनके धौंस का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गुरूवार को जब वे लोग डीपीओ से उलझ रहे थे तथा उनकी घड़ी व पर्स लूट रहे थे उस दौरान डीईओ अनिल कुमार द्विवेदी के अलावे कार्यालय में कई क्लर्क भी मौजूद थे। लेकिन किसी ने भी इनका प्रतिकार नहीं किया। अलब्ता जिला शिक्षा पदाधिकारी इन्हें सिर्फ समझा बुझाकर शांत कराने का प्रयास करते दिखे। जबकि इनके डर से कर्मियों ने मुंह खोलना भी मुनासिब नहीं समझा जबकि उनके सामने ही उनके अधिकारी को सरेआम जान मारने की धमकी दी जा रही थी। 

गुनाहों की लंबी फेहरिस्त में दर्ज है कई मामले

बता दें कि अजय सिंह व अरबिंद सिंह की पहचान शिक्षा विभाग में एक दलाल के रूप में है। शिक्षा विभाग के अलावे एक समय पंचायतों में भी इनकी दबंगई चलती थी तथा पंचायत प्रतिनिधियों से रंगदारी मांगने जैसा संगीन मामला भी अजय पर दर्ज है। बता दें कि कठार पंचायत की पूर्व मुखिया उर्मिला देवी पति कमलेश बारी ने बक्सर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट में अजय सिंह के खिलाफ सरकारी योजनाओं में 10 प्रतिशत की रंगदारी मांगने का आरोप लगाया था। इसके अलावे मुखिया ने अपने आवेदन में यह भी लिखा था कि जब वह अपने पति के साथ कृष्णाब्रह्म से गांव आ रही थी तो रास्ते में अजय ने एक अन्य युवक के साथ बाइक रूकवा बतौर रंगदारी 50 हजार रूपए की मांगे थे। उर्मिला ने यह मामला 30 नवंबर 2009 को बक्सर कोर्ट में दर्ज कराया था। वही ब्रह्मपुर की शिक्षिका सुनैना देवी ने बक्सर महिला थाने में कांड संख्या 53/16 दर्ज कराते हुए अजय सिंह पर विभागीय अधिकारियों का खौंफ दिखा रंगदारी मांगने तथा अश्लील हरकत जैसे गंभीर आरोप लगाए है। वही 2015 में एमडीएम के डीपीएम विकास कुमार के साथ मारपीट में भी अजय व अरबिंद के खिलाफ बक्सर नगर थाने में मामला दर्ज हुआ था।  बक्सर नगर थाने में ही शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्त एक क्लर्क उपेन्द्र नाथ मिश्र ने कांड संख्या 64/18 दर्ज कराते हुए मध्य विद्यालय धरहरा के तत्कालीन प्रधानाध्यापक विष्णु प्रसाद सिंह समेत 8-10 लोगों पर कार्यालय के बाहर बुला मारपीट करने का आरोप लगाया था। तब इस पुलिस की जांच में इस कांड में अजय सिंह का नाम भी उजागर हुआ था। वही सिमरी निवासी व शिक्षाविद् रहे स्व भीम पांडेय के परिजन तिलकधारी पांडेय ने सिमरी थाने में अजय सिंह व अरबिंद सिंह के खिलाफ फोन पर धमकी देने, रंगदारी मांगने जैसे आरोप लगाते हुए कांड संख्या 26/23 दर्ज करा न्याय की गुहार लगाई है। इसके अलावे डीपीओ मो. शारिक असरफ द्वारा अजय व अरबिंद के साथ ही तारकेश्वर सिंह पर कांड संख्या 151/23 दर्ज कराया गया है। 

जांच में खुलेंगे कई राज

जानकारों की मानें तो यदि पुलिस अजय सिंह व अरबिंद सिंह के कार्यशैली की गहराई से जांच करेगी तो कई राज परत दर परत खुलेंगे। जिसमें मुख्य रूप से शिक्षकों व अधिकारियों के भयादोहन के अलावे फर्जी शिक्षकों के मामले में भी पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लग सकती है। जानकारांे का कहना है कि पिछले एक दशक के दौरान शिक्षकों की बहाली में भी अजय द्वारा मिलीभगत कर बड़े पैमाने पर शिक्षकों की बहाली कराई गई है। विभागीय सूत्रों की मानें तो यदि गहराई से जांच की जाए तो इस बात की पुष्टि हो सकती है। 

एमडीएम योजना से जुड़े है दोनों

बताया जाता है कि अजय सिंह व अरबिंद सिंह एमडीएम योजना के निर्माण सामग्री की आपूर्ति करते है। जिसमें प्रधानाध्यापकों से मनमानी कीमत वसूलते है। बताया जाता है कि इन्हीं दोनों के कारण कई विद्यालयों में अभी तक एनजीओ वाले एमडीएम की आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी है। जानकारों का कहना है कि विभाग के कई अधिकारियों से भी इनके मधुर संबंध रहे है।