नवादा मॉब लिंचिंग के खिलाफ डुमरांव में उबाल, भाकपा (माले)इंसाफ मंच का विरोध मार्च, कानून-व्यवस्था पर उठे गंभीर सवाल

नवादा जिले के रोह थाना क्षेत्र अंतर्गत भट्टा गांव में फेरीवाले मोहम्मद अतहर हुसैन की बर्बर मॉब लिंचिंग के विरोध में बुधवार को डुमरांव में जोरदार विरोध मार्च निकाला गया। भाकपा (माले) और इंसाफ मंच के संयुक्त आह्वान पर निकले इस मार्च में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और आम लोग शामिल हुए। मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों ने भीड़तंत्र, सांप्रदायिक हिंसा और प्रशासनिक लापरवाही के खिलाफ नारेबाजी की और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की।

नवादा मॉब लिंचिंग के खिलाफ डुमरांव में उबाल, भाकपा (माले)इंसाफ मंच का विरोध मार्च, कानून-व्यवस्था पर उठे गंभीर सवाल

केटी न्यूज/डुमरांव

नवादा जिले के रोह थाना क्षेत्र अंतर्गत भट्टा गांव में फेरीवाले मोहम्मद अतहर हुसैन की बर्बर मॉब लिंचिंग के विरोध में बुधवार को डुमरांव में जोरदार विरोध मार्च निकाला गया। भाकपा (माले) और इंसाफ मंच के संयुक्त आह्वान पर निकले इस मार्च में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और आम लोग शामिल हुए। मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों ने भीड़तंत्र, सांप्रदायिक हिंसा और प्रशासनिक लापरवाही के खिलाफ नारेबाजी की और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की।वक्ताओं ने कहा कि 5 दिसंबर को भट्टा गांव में हुई घटना बिहार में कानून के शासन पर सीधा हमला है। मोहम्मद अतहर हुसैन को सिर्फ मुस्लिम होने के संदेह में भीड़ ने घेर लिया और अमानवीय यातनाएं दीं। उन्हें बेरहमी से पीटा गया, गर्म औजार से दागा गया, कान काटे गए, उंगली तोड़ी गई और निजी अंगों में पेट्रोल डाला गया।

अधमरी हालत में छोड़ने के बाद उल्टे उन पर चोरी का झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया गया। इलाज के दौरान 12 दिसंबर को उनकी मौत हो गई।प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि पुलिस, जिला प्रशासन और चिकित्सकीय स्तर पर हुई गंभीर लापरवाही के कारण अतहर हुसैन की जान गई। यदि समय रहते निष्पक्ष कार्रवाई और बेहतर इलाज मिलता, तो उनकी जान बच सकती थी।मार्च को संबोधित करते हुए नेताओं ने बताया कि घटना के बाद भट्टा गांव और आसपास के इलाकों में भय का माहौल है। गांव में रहने वाले 10-15 मुस्लिम परिवार दहशत में हैं और खुलकर बोलने की स्थिति में नहीं हैं। आरोप लगाया गया कि अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, जिसके कारण अब तक उनकी पृष्ठभूमि की गंभीर जांच नहीं की गई है।

-- योगी मॉडल’ के खिलाफ चेतावनी

वक्ताओं ने कहा कि गृह मंत्री सम्राट चौधरी के कार्यभार संभालने के बाद बिहार में मॉब हिंसा और बुलडोजर कार्रवाई की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। यदि एनडीए सरकार बिहार में ‘योगी मॉडल’ लागू करने का सपना देख रही है, तो यह राज्य की सामाजिक एकता, भाईचारे और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए बेहद खतरनाक होगा। इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा और इसका लोकतांत्रिक तरीके से जोरदार प्रतिवाद किया जाएगा।

-- राज्यव्यापी प्रतिवाद का ऐलान

भाकपा (माले) और इंसाफ मंच ने इस घटना को लेकर 16 दिसंबर को राज्यव्यापी प्रतिवाद का आह्वान किया है। इसके तहत बिहार के सभी जिलों में धरना, प्रदर्शन और विरोध सभाएं आयोजित की जा रही हैं। डुमरांव का मार्च इसी कड़ी का हिस्सा था।प्रदर्शन के दौरान माले ने भाजपा-सत्ता संरक्षित सांप्रदायिक हिंसा पर तत्काल रोक लगाने। मोहम्मद अतहर हुसैन की हत्या में शामिल सभी दोषियों की अविलंब गिरफ्तार कर उन्हें कड़ी सजा दिलाने। पीड़ित परिवार को सुरक्षा, न्याय और 25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। अतहर हुसैन पर झूठा मुकदमा दर्ज करने वाले तथा दोषी पुलिसकर्मियों और अधिकारियों पर कार्रवाई हो।

बुलडोजर कार्रवाई और भीड़तंत्र पर तत्काल रोक लगाने तथा गृह मंत्री सम्राट चौधरी राज्य की कानून-व्यवस्था पर सार्वजनिक रूप से जवाब देने आदि मांगे की गई।इस विरोध मार्च में भाकपा (माले) नेता कृष्णा राम, भगवान दास, जाबिर कुरैशी, बाबूलाल राम, मो. नासिर हसन, पूजा कुमारी, रतन शर्मा, सुरेश राम, धर्मेंद्र सिंह, रिंकू सहित कई कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल रहे।वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि भीड़तंत्र, नफरत और दमन की राजनीति के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा और जब तक पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिल जाता, आंदोलन और तेज किया जाएगा।