केसठ में विश्व मृदा दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम, मिट्टी की सेहत सुधारने पर जोर
प्रखंड मुख्यालय स्थित ई-किसान भवन के प्रांगण में शुक्रवार को विश्व मृदा दिवस के अवसर पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में कृषि विशेषज्ञों ने मिट्टी की घटती उपजाऊ क्षमता और इसके संरक्षण पर विस्तार से चर्चा की।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रखंड कृषि पदाधिकारी शिवम् वर्मा ने कहा कि विश्व मृदा दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य किसानों और आम लोगों को मिट्टी की महत्ता समझाना है।
केटी न्यूज/केसठ।
प्रखंड मुख्यालय स्थित ई-किसान भवन के प्रांगण में शुक्रवार को विश्व मृदा दिवस के अवसर पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में कृषि विशेषज्ञों ने मिट्टी की घटती उपजाऊ क्षमता और इसके संरक्षण पर विस्तार से चर्चा की।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रखंड कृषि पदाधिकारी शिवम् वर्मा ने कहा कि विश्व मृदा दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य किसानों और आम लोगों को मिट्टी की महत्ता समझाना है।

उन्होंने बताया कि अत्यधिक रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों के उपयोग से खेतों की मिट्टी के जैविक गुण तेजी से कम हो रहे हैं, जिसके कारण उपजाऊ क्षमता में भारी गिरावट देखी जा रही है। साथ ही मिट्टी प्रदूषण की समस्या भी गहराती जा रही है।उन्होंने किसानों से अपील की कि वे संतुलित उर्वरक उपयोग, जैविक खाद और फसल चक्र अपनाकर मिट्टी की सेहत को सुरक्षित रखें।वहीं प्रखंड उद्यान पदाधिकारी विष्णु शंकर ने कहा कि विश्व मृदा दिवस का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर खाद्य सुरक्षा, कृषि, जलवायु परिवर्तन के समाधान, गरीबी उन्मूलन एवं सतत विकास की दिशा में मिट्टी की भूमिका को रेखांकित करना है।

उन्होंने किसानों को बताया कि मिट्टी परीक्षण से नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश, सल्फर, जिंक, बोरॉन, आयरन, मैंगनीज, कॉपर एवं जैविक कार्बन की मात्रा का पता चलता है। साथ ही मिट्टी का पीएच भी मापा जाता है।उन्होंने कहा कि 6.5 से 7.5 पीएच वाली मिट्टी खेती के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है। मौके पर कृषि समन्वयक हरिश्चंद्र पासवान, लेखपाल प्रफुल कुमार, किसान सलाहकार अमरेंद्र प्रसाद, रितेश कुमार, विजय कुमार सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।
