चौसा में किसानों के भविष्य की खेती पर मंथन, वैज्ञानिक सोच को बनाया विकास की कुंजी
गुड गवर्नेंस डे के अवसर पर चौसा प्रखंड कृषि कार्यालय परिसर में आयोजित कृषि संगोष्ठी किसानों के लिए केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि भविष्य की खेती की दिशा तय करने का मंच साबित हुई। “जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान एवं जय अनुसंधान” विषय पर आयोजित इस संगोष्ठी में खेती को परंपरा से आगे ले जाकर विज्ञान और शोध से जोड़ने की जरूरत पर गहन चर्चा की गई।
-- गुड गवर्नेंस डे पर कृषि संगोष्ठी में शोध, तकनीक और योजनाओं से खेती को लाभकारी बनाने पर जोर
केटी न्यूज/चौसा
गुड गवर्नेंस डे के अवसर पर चौसा प्रखंड कृषि कार्यालय परिसर में आयोजित कृषि संगोष्ठी किसानों के लिए केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि भविष्य की खेती की दिशा तय करने का मंच साबित हुई। “जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान एवं जय अनुसंधान” विषय पर आयोजित इस संगोष्ठी में खेती को परंपरा से आगे ले जाकर विज्ञान और शोध से जोड़ने की जरूरत पर गहन चर्चा की गई।कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रखंड कृषि पदाधिकारी राकेश कुमार ने की। उन्होंने कहा कि बदलते मौसम, घटते जलस्तर और बढ़ती लागत के दौर में अब खेती को अनुभव के साथ-साथ वैज्ञानिक समझ से भी जोड़ना अनिवार्य हो गया है।

मंच संचालन प्रमोद कुमार सिंह ने किया, जिन्होंने किसानों और अधिकारियों के बीच संवाद को सहज बनाया।संगोष्ठी में वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि आधुनिक खेती केवल उत्पादन बढ़ाने का माध्यम नहीं, बल्कि किसानों की आय दोगुनी करने का सशक्त रास्ता है। उन्नत बीज, संतुलित उर्वरक प्रयोग, कीट-रोग प्रबंधन, फसल चक्र और तकनीकी सलाह को अपनाकर खेती को कम लागत में अधिक लाभकारी बनाया जा सकता है। विशेष रूप से अनुसंधान आधारित कृषि को अपनाने पर जोर दिया गया, जिससे जोखिम कम और उपज स्थिर बनी रहे।

रबी सीजन को लेकर किसानों को व्यावहारिक जानकारी दी गई। समय पर बुआई, मिट्टी परीक्षण के आधार पर खाद का चयन, जल संरक्षण, सिंचाई प्रबंधन और फसल विविधीकरण जैसे विषयों पर कृषि अधिकारियों ने विस्तार से मार्गदर्शन किया। अधिकारियों ने बताया कि वैज्ञानिक खेती से न केवल उत्पादन बढ़ता है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी लंबे समय तक बनी रहती है।कार्यक्रम के दौरान किसानों ने भी अपनी समस्याएं खुलकर रखीं। बीज, उर्वरक, सिंचाई और बाजार से जुड़ी शंकाओं का समाधान कृषि पदाधिकारियों द्वारा मौके पर ही किया गया। इससे किसानों में विभाग के प्रति विश्वास और जुड़ाव और मजबूत हुआ।

संगोष्ठी में बीटीएम अमृता कुमारी, एटीएम जितेंद्र कुमार मौर्य सहित कृषि विभाग के अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। उन्होंने किसानों को सरकारी योजनाओं, अनुदान, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और तकनीकी सहयोग की जानकारी दी तथा विभाग से नियमित संपर्क में रहने का आह्वान किया।अंत में किसानों और अधिकारियों ने एक स्वर में संकल्प लिया कि विज्ञान, अनुसंधान और सरकारी योजनाओं के सहारे खेती को आधुनिक, टिकाऊ और समृद्ध बनाया जाएगा। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसान सलाहकार और स्थानीय किसान उपस्थित थे।

