भारत बंद का बक्सर में रहा व्यापक असर, प्रदर्शनकारियों ने टेªन रोकी न्यायिक पदाधिकारी का वाहन घेरा

अनुसूचित जाति/जनजाति के आरक्षण में वर्गीकरण करने के सुप्रिम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बुधवार को भीम आर्मी तथा अन्य विपक्षी पार्टियों के आहूत भारत बंद का बक्सर मे व्यापक असर देखा गया।

भारत बंद का बक्सर में रहा व्यापक असर, प्रदर्शनकारियों ने टेªन रोकी न्यायिक पदाधिकारी का वाहन घेरा

- पांच घंटे ठप रहा परिचालन, बेबस नजर आया प्रशासन

- आंदोलनकारियों ने बक्सर व डुमरांव में कई जगहों पर किया सड़क जाम, डीएम भी घिरे

केटी न्यूूज/बक्सर

अनुसूचित जाति/जनजाति के आरक्षण में वर्गीकरण करने के सुप्रिम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बुधवार को भीम आर्मी तथा अन्य विपक्षी पार्टियों के आहूत भारत बंद का बक्सर मे व्यापक असर देखा गया। प्रदर्शनकारियों ने बक्सर में आधा घंटे तक टेªन रोकने के साथ ही अंबेडकर चौक पर एडिशनल डिस्ट्रिक जज के वाहन को घेर लिया। हाथों में लाठी-डंडा लिए महिला प्रदर्शनकारियों के हुजूम को देख न्यायिक पदाधिकारी बैरंग लौट गए।

वही बाईपास पुल पर जाम में डीएम अंशुल अग्रवाल की गाड़ी भी घंटों फंसी रही। इसके अलावे प्रदर्शनकारियों ने अंबेडकर चौक, ज्योति चौक, मठिया मोड़ तथा गोलबंर के पास एनएच 922 को जाम कर दिया था। जिससे बक्सर में किसी भी रास्ते वाहनों का परिचालन नहीं हो सका। गनीमत था कि बिहार पुलिस का परीक्षा देने वाले परीक्षार्थी समय से पहले अपने परीक्षा केन्द्र पर पहुंच गए थे। जिस कारण उन्हें परीक्षा से वंचित नहीं होना पड़ा।

आरक्षण में वर्गीकरण के खिलाफ भारत बंद के दौरान सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक बक्सर में परिचालन पूरी तरह से ठप रहा। बाद में डीएम के पहल पर प्रदर्शनकारियों ने जाम हटाया। सड़क जाम करने वालों में भीम आर्मी के साथ ही राजद तथा अन्य विपक्षी पार्टियां भी सड़क पर उतरी थी। प्रदर्शनकारियों के तेवर से जहां आम आवाम सहमा रहा वही, प्रशासन बेबस नजर आया।

भ्रमणशील हो दुकान बंद करा रहे थे समर्थक

बंद समर्थक सुबह से ही बक्सर के विभिन्न मार्गों में जाकर जबरन दुकानें बद करा रहे थे। यात्री वाहन चालकों के अलावे एंबुलेंस तथा शव दाह वाले वाहनों को भी रोका गया। बंद समर्थकों ने स्कूली छात्र-छात्राओं को भी साइकिल या बाइक से नहीं जाने दिया। जिस कारण उन्हें परेशानी हुई। सबसे अधिक परेशानी महिला यात्रियों को हुई। पूरे दिन यात्री पैदल ही अपने सामान के साथ गंतव्य की ओर जाते नजर आए। इस दौरान उन्हें उमस भरी गर्मी से परेशान होना पड़ा। जिस कारण राहगीर बंद समर्थकों को कोसते नजर आए।

बक्सर में खड़ी रही फरक्का एक्सप्रेस

बंद समर्थकों शुरू में ही रेल परिचान को रोक दिया था। इस दौरान अप में फरक्का एक्सप्रेस खड़ी थी। बंद समर्थकों के कारण फरक्का एक्सप्रेस काफी देर तक बक्सर स्टेशन पर खड़ी रही। बाद में आरपीएफ के पोस्ट प्रभारी दीपक कुमार ने उन्हें समझा बुझा वहां से हटाया। जिसके बाद बंद समर्थक वहां से हट अंबेडकर चौक पहुंचे, जहां कोर्ट के लिए निकले एडिशनल जज की गाड़ी का घेराव कर उन्हें वापस लौटा दिया। भारत बंद के कारण पूरे दिन टैªफिक व्यवस्था ठप रही। 

सुप्रिम कोर्ट के फैसले के खिलाफ उपजा है आक्रोश

दरअसल सुप्रिम कोर्ट ने एक अगस्त को आरक्षण पर एक फैसला दिया है। जिसमें कहा है कि राज्य सरकारें अब एससी के रिजर्वेशन में कोटे में कोटा दे सकेगी। कोर्ट ने 20 साल पुराने अपने ही फैसले को पलट नया फैसला दिया है। बता दें कि पहले सुप्रिम कोर्ट ने कहा था कि अनसुचित जातियां खुद में एक समूह है।

इसमें कोटे में कोटा नहीं दिया जा सकता है। लेकिन 1 अगस्त 2024 का फैसला इसके विपरित आया है। गौरतलब हो कि सुप्रिम कोर्ट ने कहा था कि एससी-एसटी में क्रीमी लेयर लागू करने पर विचार करना चाहिए। इसी फैैसले विरूद्ध भीम आर्मी ने भारत बंद का आह्वान किया था तथा इसमें कई अन्य राजनैतिक दल भी शामिल हो गए।