श्रीराम मंदिर के संस्थापक वेणीमाधव जी महाराज का धूमधाम से मनाया गया ब्रह्मोत्सव
केटी न्यूज। ब्रह्मपुर
ब्रह्मपुर प्रखंड के उधुरा ग्राम स्थित श्रीराम मंदिर के संस्थापक ब्रह्मलीन संत श्री श्री 1008 श्री वेणीमाधव दास जी महाराज की 18 वा ब्रह्मोत्सव गुरुवार को धूमधाम से मनाई गया। विदित हो कि इस मन्दिर के संस्थापक महाराज जी गृहत्याग के 60 वर्ष बाद जब अपने जन्मभूमि लौटे तो मातृभूमि को समर्पित अपने इष्ट श्रीराम का मंदिर बनवाया था,जो आज नौलखा मंदिर के नाम से विख्यात है। इस अवसर पर अयोध्या से पधारे उनके शिष्य श्री श्री 1008 श्री शिवराम दास जी महाराज उपाख्य फलाहारी बाबा ने कहा कि अपने कर्म से बनायी हुई कीर्ति ही मनुष्य को अमर बनाती है । त्याग और परमार्थ का जीवन ही समाज का कल्याण करता है।
गुरु बहुत कुछ देता है किन्तु सद्गुरु के माध्यम से सबकुछ मिल जाता है। मंदिर के महंत भरतदास जी महाराज ने भावविह्वल होकर कहा कि हमारे गुरु ने वो सब कुछ दिया जो अपने सांसारिक जीवन में मै कभी प्राप्त नही कर पाता। उन्होंने सदा राम और गुरु का आश्रय लेने को कहा। पुष्पांजलि और भण्डारा में हजारों साधु-संतों पधारे। संतों को वस्त्र और द्रव्य देकर विदाई की गयी। कार्यक्रम को भव्यता देने में, पुजारी रामदास,दिनेश ,सोनू, शैलेन्द्र, राहुल,दिवाकर,प्रभात, अरविंद,रवि,हिमांशु त्रिपुरारी,राजू,रिशु,दीपक, प्रमोद,सुशील,अजय सिंह आदि का विशेष योगदान रहा। संचालन शिक्षक राजेश राय और आभार मंदिर के पुजारी जगदीश दास ने व्यक्त किया।