फरक्का एक्सप्रेस में ब्रेक प्रेशर फेल, मेन लाइन ठप, लोको पायलट की सूझबूझ से टली बड़ी अनहोनी
शनिवार की रात फरक्का एक्सप्रेस में आई गंभीर तकनीकी खामी ने कुछ देर के लिए रेल परिचालन की रफ्तार थाम दी। कुशलपुर हरनाहा हॉल्ट के समीप ट्रेन के एस-1 कोच में अचानक ब्रेक प्रेशर से जुड़ी समस्या उत्पन्न हो गई, जिसके कारण ट्रेन बीच लाइन में रुक गई। इस घटना से यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई, वहीं मेन लाइन पर ट्रैफिक बाधित होने से कई महत्वपूर्ण ट्रेनों को रोकना पड़ा।
-- कुशलपुर हरनाहा हॉल्ट के पास एस-1 कोच में आई तकनीकी खराबी से डेढ़ घंटे ठहरी ट्रेन, पंजाब मेल समेत कई एक्सप्रेस प्रभावित
केटी न्यूज/डुमरांव
शनिवार की रात फरक्का एक्सप्रेस में आई गंभीर तकनीकी खामी ने कुछ देर के लिए रेल परिचालन की रफ्तार थाम दी। कुशलपुर हरनाहा हॉल्ट के समीप ट्रेन के एस-1 कोच में अचानक ब्रेक प्रेशर से जुड़ी समस्या उत्पन्न हो गई, जिसके कारण ट्रेन बीच लाइन में रुक गई। इस घटना से यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई, वहीं मेन लाइन पर ट्रैफिक बाधित होने से कई महत्वपूर्ण ट्रेनों को रोकना पड़ा।प्राप्त जानकारी के अनुसार फरक्का एक्सप्रेस बक्सर स्टेशन से निर्धारित समय से 23 मिनट विलंब से रात 8.23 बजे रवाना हुई थी। बक्सर से खुलने के महज 14 मिनट बाद ही ट्रेन कुशलपुर हरनाहा हॉल्ट के पास अचानक ठहर गई।

शुरुआत में यात्रियों को चेन पुलिंग की आशंका हुई, लेकिन जांच में स्पष्ट हुआ कि एस-1 कोच में तकनीकी खराबी के कारण ब्रेक प्रेशर नहीं बन पा रहा था। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्काल रेलवे कंट्रोल को सूचना दी गई।तकनीकी खामी के चलते ट्रेन करीब आधे घंटे से अधिक समय तक वहीं खड़ी रही। इस दौरान मेन लाइन पर परिचालन बाधित हो गया। पंजाब मेल, विभूति एक्सप्रेस, एलटीटी, पटना एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनों को रास्ते में रोकना पड़ा या उन्हें धीमी गति से चलाया गया। यात्रियों में चिंता का माहौल था, लेकिन लोको पायलट और असिस्टेंट लोको पायलट ने सूझबूझ का परिचय देते हुए अस्थायी रूप से प्रेशर बनाकर ट्रेन को सुरक्षित डुमरांव स्टेशन तक लाने का निर्णय लिया।

करीब डेढ़ घंटे की देरी के बाद ट्रेन रात 9.28 बजे डुमरांव स्टेशन पहुंची। स्टेशन पर पहले से तैनात तकनीशियन टीम ने तत्काल कोच की जांच शुरू की। आवश्यक मरम्मत और परीक्षण के बाद एस-1 कोच की खराबी को दूर कर लिया गया। इसके पश्चात रात 9.45 बजे फरक्का एक्सप्रेस को आगे के लिए रवाना किया गया।समय रहते तकनीकी समस्या के समाधान और चालक दल की सतर्कता से किसी बड़ी दुर्घटना की आशंका टल गई। हालांकि इस घटना ने एक बार फिर लंबी दूरी की ट्रेनों में तकनीकी निगरानी और समय पर मेंटेनेंस की जरूरत को उजागर कर दिया। यात्रियों ने राहत की सांस ली, लेकिन देरी के कारण उन्हें भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।
