बुद्ध का ’अप्प दीपो भव’ आज भी कालजयी संदेश - रवि उज्ज्वल

बोधि दिवस के अवसर पर सोमवार को जदयू नेता रवि उज्ज्वल कुशवाहा ने बोधिवृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त करने वाले सिद्धार्थ गौतम को नमन किया और उनके उपदेशों को आधुनिक समाज की सबसे बड़ी जरूरत बताया। उन्होंने कहा कि बुद्ध शांति, सद्भाव और करुणा के शाश्वत प्रतीक हैं। उनका दिया संदेश ‘अप्प दीपो भव’ अर्थात अपना दीपक स्वयं बनो, हर व्यक्ति को आत्मनिर्भर और मजबूत बनने की प्रेरणा देता है।

बुद्ध का ’अप्प दीपो भव’ आज भी कालजयी संदेश - रवि उज्ज्वल

-- बोधि दिवस पर जदयू नेता रवि उज्जवल ने कहा बुद्ध ने सिखाया संतोष और संयम से जीना

केटी न्यूज/डुमरांव

बोधि दिवस के अवसर पर सोमवार को जदयू नेता रवि उज्ज्वल कुशवाहा ने बोधिवृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त करने वाले सिद्धार्थ गौतम को नमन किया और उनके उपदेशों को आधुनिक समाज की सबसे बड़ी जरूरत बताया। उन्होंने कहा कि बुद्ध शांति, सद्भाव और करुणा के शाश्वत प्रतीक हैं। उनका दिया संदेश ‘अप्प दीपो भव’ अर्थात अपना दीपक स्वयं बनो, हर व्यक्ति को आत्मनिर्भर और मजबूत बनने की प्रेरणा देता है।उन्होंने बताया कि 8 दिसंबर का दिन बौद्ध धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इसी दिन बोधगया में पीपल के वृक्ष के नीचे ध्यान करते हुए सिद्धार्थ गौतम को आत्मज्ञान प्राप्त हुआ था और वे बुद्ध बने।

यह क्षण न केवल उनके जीवन का मोड़ था, बल्कि संपूर्ण मानवता के लिए नई दिशा देता है।रवि उज्ज्वल ने बताया कि बुद्ध के जीवन की सबसे बड़ी विशेषता थी, सत्य की खोज में अटल रहना। उन्होंने वर्षों तक तप और चिंतन के बाद दुख, मोह और क्लेश से मुक्ति का मार्ग खोजा। उनका मध्यमार्ग आज भी जीवन को संतुलित, संयमित और शांत बनाने का सर्वाेत्तम उपाय है, उन्होंने कहा।

जदयू नेता ने आगे कहा कि बुद्ध ने मनुष्य को अहिंसा, करुणा, प्रेम और आत्म-संयम का पाठ पढ़ाया। उन्होंने सिखाया कि इच्छाओं पर नियंत्रण और संतोष से ही सच्चा सुख मिलता है। रवि उज्ज्वल ने कहा कि समाज में बढ़ती बेचैनी, हिंसा, और तनाव का समाधान बुद्ध के मार्ग में ही निहित है।बोधि दिवस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने भी बुद्ध के उपदेशों को अपनाने का संकल्प लिया। मौके पर बीरेन्द्र कुशवाहा, रामबचन मौर्या, तेजनरायण मौर्या, वशिष्ठ कुशवाहा सहित कई समाजसेवी एवं स्थानीय लोग उपस्थित थे।

रवि उज्ज्वल ने कहा कि यदि समाज बुद्ध के बताए करुणा, सत्य और मध्यमार्ग को जीवन में उतार ले, तो हर व्यक्ति स्वयं अपने जीवन का दीपक बन सकता है। उन्होंने कहा कि आज के समय में बुद्ध के विचार और भी अधिक प्रासंगिक हैं, क्योंकि दुनिया को शांति और मानवता के उसी संदेश की जरूरत है।बोधि दिवस पर आयोजित यह कार्यक्रम पूरी तरह आध्यात्मिक माहौल में संपन्न हुआ, जहां श्रद्धालुओं ने बुद्ध के जीवन और उनके उपदेशों को याद करते हुए शांति, संयम और सद्भाव का संदेश फैलाने का संकल्प लिया।