मुख्यमंत्री महिला स्वरोजगार कार्यक्रम का आगाज़, डुमरांव से प्रचार वाहन रवाना
नगर परिषद डुमरांव में रविवार को मुख्यमंत्री महिला स्वरोजगार कार्यक्रम को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से एक विशेष प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। नगर प्रबंधक, नगर मिशन प्रबंधक, दुर्गेश कुमार, सामुदायिक संगठक राजा व मंजर, सीआरपी और स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की अनेक महिलाएं इस मौके पर मौजूद रहीं।

-- महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम, नगर परिषद की पहल
केटी न्यूज/डुमरांव
नगर परिषद डुमरांव में रविवार को मुख्यमंत्री महिला स्वरोजगार कार्यक्रम को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से एक विशेष प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। नगर प्रबंधक, नगर मिशन प्रबंधक, दुर्गेश कुमार, सामुदायिक संगठक राजा व मंजर, सीआरपी और स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की अनेक महिलाएं इस मौके पर मौजूद रहीं।
इस कार्यक्रम का मकसद महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। प्रचार वाहन शहर और आस-पास के ग्रामीण इलाकों में जाकर इस योजना की जानकारी देगा। वाहन के जरिए न केवल योजना के लाभों को बताया जाएगा बल्कि आवेदन और प्रक्रिया की बारीकियों को भी सरल भाषा में समझाया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक महिलाएं इस योजना का लाभ उठा सकें।
कार्यक्रम के दौरान नगर मिशन प्रबंधक दुर्गेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री महिला स्वरोजगार कार्यक्रम राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। इसका लक्ष्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, ताकि वे स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकें और परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत बना सकें। उन्होंने यह भी कहा कि प्रचार वाहन इस दिशा में एक अहम भूमिका निभाएगा।
मौके पर मौजूद सामुदायिक संगठक राजा और मंजर ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह योजना महिलाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है। यदि महिलाएं संगठित होकर योजनाओं का लाभ उठाती हैं तो न केवल वे स्वयं सशक्त होंगी बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव लाएंगी। एसएचजी की महिलाओं ने भी उत्साहपूर्वक कार्यक्रम में भाग लिया और योजना की
जानकारी को आगे फैलाने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि इस तरह की योजनाएं महिलाओं के जीवन में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास भरती हैं। नगर परिषद का मानना है कि प्रचार वाहन की शुरुआत से डुमरांव ही नहीं बल्कि आसपास के गांवों की महिलाएं भी लाभान्वित होंगी। उम्मीद जताई जा रही है कि अधिक से अधिक महिलाएं इस योजना से जुड़कर स्वरोजगार की दिशा में कदम बढ़ाएंगी।
कार्यक्रम का समापन नारों और तालियों की गड़गड़ाहट के बीच हुआ, जिसने वहां उपस्थित हर व्यक्ति को यह संदेश दिया कि महिलाओं के बिना विकास की परिकल्पना अधूरी है।