मनरेगा और गांधी जी के नाम हटाने के विरोध में कांग्रेस का विशाल आक्रोश मार्च
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देश एवं बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पत्र के आलोक में बक्सर जिला कांग्रेस कमेटी के तत्वावधान में सोमवार को एक विशाल एवं शांतिपूर्ण पैदल आक्रोश मार्च का आयोजन किया गया। मार्च की अगुवाई जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडे ने की। यह आक्रोश मार्च केंद्र की मोदी सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) से महात्मा गांधी का नाम हटाने तथा जनविरोधी नीतियों के विरोध में आयोजित किया गया।
-- मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ सड़कों पर उतरी कांग्रेस, राष्ट्रपति के नाम सौंपा गया ज्ञापन
केटी न्यूज/बक्सर
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देश एवं बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पत्र के आलोक में बक्सर जिला कांग्रेस कमेटी के तत्वावधान में सोमवार को एक विशाल एवं शांतिपूर्ण पैदल आक्रोश मार्च का आयोजन किया गया। मार्च की अगुवाई जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडे ने की। यह आक्रोश मार्च केंद्र की मोदी सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) से महात्मा गांधी का नाम हटाने तथा जनविरोधी नीतियों के विरोध में आयोजित किया गया।आक्रोश मार्च की शुरुआत जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय से हुई, जो शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरते हुए शांतिपूर्ण ढंग से भगत सिंह पार्क पहुंचा।

मार्च के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने “मोदी सरकार हाय-हाय” और “केंद्र सरकार इस्तीफा दो” जैसे नारे लगाकर केंद्र सरकार की नीतियों के प्रति अपना आक्रोश प्रकट किया।भगत सिंह पार्क पहुंचने पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडे ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके उपरांत जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में उपस्थित कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार गरीब, मजदूर और ग्रामीण जनता के अधिकारों पर लगातार हमले कर रही है।

जनसंवाद कार्यक्रम के बाद जिला प्रशासन के माध्यम से भारत की माननीया राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा को कमजोर या निरस्त करने के लिए लाए जा रहे प्रस्तावित विधेयक पर गहरी चिंता व्यक्त की गई। ज्ञापन में कहा गया कि मनरेगा एक अधिकार-आधारित कानून है, जो ग्रामीण नागरिकों को 100 दिनों के रोजगार का कानूनी अधिकार देता है। प्रस्तावित विधेयक इस अधिकार को समाप्त कर इसे केंद्र-नियंत्रित योजना में बदलने का प्रयास है, जो गरीबों के काम के अधिकार को छीनने जैसा है।

इसके साथ ही अधिनियम से महात्मा गांधी का नाम हटाने को राष्ट्रपिता की विरासत, श्रम की गरिमा, सामाजिक न्याय और गरीबों के प्रति राज्य की जिम्मेदारी के मूल्यों पर सीधा हमला बताया गया। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि नया विधेयक मजदूरी के वित्तीय दायित्व से केंद्र सरकार को पीछे हटाने का प्रयास करता है, जिससे राज्यों और ग्रामीण जनता पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा और संघीय ढांचे पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

इस अवसर पर डॉ. मनोज पांडे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जनविरोधी नीतियों के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आगे की रणनीति आम जनता से संवाद कर तय की जाएगी।कार्यक्रम में युवा कांग्रेस संगठन सृजन के प्रभारी भरत शंकर जोशी, किसान प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष संजय कुमार पांडे, युवा कांग्रेस अध्यक्ष लक्ष्मण उपाध्याय, महिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मला देवी सहित कई वरिष्ठ नेता, कार्यकर्ता और सैकड़ों आम नागरिक मौजूद रहे, जिन्होंने एकजुट होकर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज कराया।
