नगर परिषद की साधारण बोर्ड बैठक में विवादों की गूंज, पार्षदों ने उठाए अनियमितताओं के गंभीर सवाल

नगर परिषद डुमरांव की शुक्रवार को हुई साधारण बोर्ड की बैठक काफी गर्मागर्म माहौल शुरू हुई। कार्यकारी सभापति विकास ठाकुर की अध्यक्षता और ईओ राहुलधर दुबे के संचालन में आयोजित बैठक में स्थानीय विधायक राहुल सिंह विशेष रूप से मौजूद रहे। बैठक में पांच प्रमुख एजेंडों पर चर्चा होनी थी, लेकिन पार्षदों द्वारा उठाए गए सवालों ने पूरे सदन की दिशा ही बदल दी। सड़कों के निर्माण पर चली बहस, जिसमें पार्षदों का आरोप था की बिना सहमति लगा दिया गया काम। वार्ड संख्या 8 के पार्षद शयमुला कुरैसी ने आरोप लगाया कि उनके वार्ड में बिना पार्षद की सहमति सड़कों का निर्माण कराया गया है, इसकी जांच होनी चाहिए।

नगर परिषद की साधारण बोर्ड बैठक में विवादों की गूंज, पार्षदों ने उठाए अनियमितताओं के गंभीर सवाल

-- सड़कों के निर्माण, भुगतान, अलाव, कंबल वितरण से लेकर डंपिंग यार्ड तक, पार्षदों ने खोली कलई, विधायक ने ड्रेनेज सुधार का दिया प्रस्ताव

केटी न्यूज/डुमरांव

नगर परिषद डुमरांव की शुक्रवार को हुई साधारण बोर्ड की बैठक काफी गर्मागर्म माहौल शुरू हुई। कार्यकारी सभापति विकास ठाकुर की अध्यक्षता और ईओ राहुलधर दुबे के संचालन में आयोजित बैठक में स्थानीय विधायक राहुल सिंह विशेष रूप से मौजूद रहे। बैठक में पांच प्रमुख एजेंडों पर चर्चा होनी थी, लेकिन पार्षदों द्वारा उठाए गए सवालों ने पूरे सदन की दिशा ही बदल दी। सड़कों के निर्माण पर चली बहस, जिसमें पार्षदों का आरोप था की बिना सहमति लगा दिया गया काम। वार्ड संख्या 8 के पार्षद शयमुला कुरैसी ने आरोप लगाया कि उनके वार्ड में बिना पार्षद की सहमति सड़कों का निर्माण कराया गया है, इसकी जांच होनी चाहिए।

इस पर कार्यकारी सभापति ने साफ कहा कि किसी भी योजना के भुगतान के लिए पार्षद की सहमति अनिवार्य है। ईओ राहुलधर दुबे ने भी निर्देश दिया कि जिन योजनाओं पर कार्य हुआ है, उनका कनिष्ठ अभियंता द्वारा भौतिक निरीक्षण अनिवार्य रूप से कराया जाएगा। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि दो वार्डों को जोड़ने वाली सड़क की योजना तभी आगे बढ़ेगी, जब दोनों पार्षदों की लिखित सहमति होगी। इसी दौरान पार्षदों ने पूर्व ईओ मनीष कुमार के कार्यकाल पर भी सवालों की झड़ी लगा दी। पार्षदों का आरोप था कि उनके समय में कई कार्य बिना जानकारी के और जबरन करवाए गए, जिसकी न तो जानकारी पार्षदों को दी गई और न ही उनकी स्वीकृति ली गई।

अलावदृकंबल वितरण में देरी पर नाराज़गी, नगर का वितस्तार हुआ व्यवस्था कम पड़ गई। सर्दी के मौसम को देखते हुए अलाव एवं कंबल वितरण में हो रही देरी पर भी पार्षदों ने कड़ी आपत्ति जताई। पार्षदों ने कहा कि नगर का विस्तार बड़ा है, लेकिन नगर परिषद हर साल केवल 14 पॉइंट पर ही अलाव की व्यवस्था करती है, जो बेहद कम है। इस पर ईओ ने कहा कि सभी वार्ड पार्षद अपनेदृअपने क्षेत्र में जरूरत के स्थानों की सूची पैड पर लिखकर उपलब्ध कराएं, उसके आधार पर पॉइंट की संख्या बढ़ाई जाएगी।

-- विधायक ने रखा ड्रेनेज को मजबूत करने का प्रस्ताव, तुरंत कार्रवाई के निर्देश

बैठक में विधायक राहुल सिंह ने नगर की चौपट हो चुकी ड्रेनेज व्यवस्था को सुधारने का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया। इस पर कार्यकारी सभापति ने इसे प्रोसिडिंग में प्रमुखता से दर्ज करने का निर्देश दिया और तत्काल कार्रवाई करने को कहा। ईओ ने तकनीकी सहायक को निर्देश दिया कि स्थल निरीक्षण कर रिपोर्ट दें और आवश्यक कार्य तेजी से शुरू करें।

 -- डंपिंग यार्ड पर फिर उठा सवाल, 5 एकड़ जमीन की आवश्यकता

वार्ड संख्या 23 के पार्षद धीरेंद्र निराला ने एक बार फिर डंपिंग यार्ड की महत्ता और उसकी आवश्यकता पर सदन का ध्यान खींचा। जवाब देते हुए ईओ ने बताया कि विभाग ने लीज पर जमीन लेने का प्रावधान भेजा है। इसके लिए 5 एकड़ भूखंड की जरूरत होगी। ग्रामीण क्षेत्र में एमवीआर की चार गुना, और शहरी क्षेत्र में दो गुना राशि का भुगतान किया जाएगा। संपूर्ण प्रक्रिया जिला स्तरीय टीम की निगरानी में होगी।वहीं, नगर के कई वार्डों में सीसीटीवी कैमरे महीनों से खराब पड़े होने की शिकायत पर बोर्ड ने नाराजगी जताई। ईओ ने तत्काल इन्हें चालू कराने का निर्देश जारी किया।

-- लेखपाल पर कार्रवाई की मांग, कार्यशैली को बताया संदिग्ध 

बैठक के दौरान नगर परिषद के लेखपाल उत्तम कुमार की अनुपस्थिति भी विवाद का कारण बनी। पार्षदों ने आरोप लगाया कि उनकी कार्यशैली शुरू से ही संदिग्ध और दागदार रही है। उपसभापति ने ईओ को निर्देश दिया कि उससे स्पष्टीकरण मांगा जाए और उनकी जगह विभागीय लेखपाल की नियुक्ति हेतु नगर विकास एवं आवास विभाग को पत्र भेजा जाए। शुक्रवार की यह बैठक नगर परिषद के भीतर व्याप्त प्रशासनिक अव्यवस्थाओं और अनियमितताओं की खुली तस्वीर पेश करती नजर आई। सड़क निर्माण, ड्रेनेज, अलाव व्यवस्था, डंपिंग यार्ड, सीसीटीवी से लेकर लेखपाल की कार्यशैली तककृहर मुद्दे पर पार्षदों की असंतुष्टि साफ झलकी। अब देखना यह होगा कि बैठक में दिए गए निर्देश जमीन पर कितनी तेजी से उतरते हैं और क्या नगर परिषद इन चुनौतियों को हल करने में सफल हो पाती है।