रंगरेलियां मनाते पकड़े जाने पर बेटी के आशिक ने ही की थी रामजी की हत्या

रंगरेलियां मनाते पकड़े जाने पर बेटी के आशिक ने ही की थी रामजी की हत्या
जानकारी देते एसपी

- एसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले का किया खुलासा

- अभियुक्त ने गिरफ्तारी के बाद कबूल किया जुर्म

केटी न्यूज/गाजीपुर

जिले के बरेसर थाना क्षेत्रांतर्गत हुई एक व्यक्ति की हत्या कांड का खुलासा स्वाट टीम व स्थानीय थाने की पुलिस ने संयुक्त रूप से किया है। महज 24 घंटे के अंदर हत्यारे को गिरफ्तार करने के साथ ही घटना में प्रयुक्त मोटर साइकिल, मोबइल व आला कत्ल के साथ गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। मामले का खुलासा करते हुए मंगलवार को एसपी ओमवीर सिंह ने बतया कि बीते 27 नवंबर को स्थानीय थाना क्षेत्र के सुतिहार निवासी स्व. रामजी यादव की पत्नी मीना यादव ने सड़क दुर्घटना में अपने पति की मृत्यु की तहरीर थाने में दी। जिसके आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अनुसंधान के क्रम में उपनिरीक्षक रोहित कुमार द्विवेदी ने पंचनामा तैयार कर स्थलीय परीक्षण किया। जहां मृतक का शव सर्विस रोड के किनारे मृत अवस्था में पाया गया था। पंचानामे की कार्रवाई के उपरान्त इसे दुर्घटना बताया जाने लगा। 

मामला संदिग्ध पाए जाने पर पुलिस टीम ने गहराई से निरीक्षण के दौरान प्राइमरी स्कूल के दक्षिणी ओर शौचालय के पास कुछ खून की तरह मिट्टी में धब्बे दिखाई पड़े। इस बावत प्रभारी निरीक्षक बरेसर, फॉरेन्सिक टीम, सर्विलांस प्रभारी व एसओजी प्रभारी टीमों का गठन करते हुए अज्ञात अभियुक्त व घटना का अनावरण करने के आदेश दिए गए। जांच पड़ताल के दौरान पुलिस टीमों ने 24 घंटे के अन्दर अज्ञात अभियुक्त द्वारा कत्ल का अनावरण करते हुए उसी गांव के राम आसरे यादव के बेटे भईया लाल यादव को गिरफ्तार किया गया। 

हत्या कर सड़क किनारे फेंका शव 

एसपी ने बताया कि भईयालाल यादव और मृतक रामजी यादव के बीच गहरी मित्रता थी। भईया लाल का मृतक रामजी यादव के घर आना जाना था। इस दौरान मृतक की बेटी व अभियुक्त के बीच प्रेम प्रसंग चलने लगा। अक्सर दोनों स्कूल के पीछे मिला करते थे। घटना के दिन भी रामजी की बेटी भइया लाल से मिलने के लिए स्कूल के पीछे गई थी। लेकिन, उसे मालूम नहीं था कि उसके पिता उसका पीछा कर रहे हैं। रामजी ने दोनों को रंगरेलियां मनाते हुए पकड़ लिया। पिता को देख उसकी बेटी भाग निकली। लेकिन, भइया लाल और रामजी के बीच बहस शुरू हो गई। इस बीच भइया लाल ने राम जी पर रामे से वार किया। जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। उसके बाद उसने शव को सर्विस लेन के पास फेंक दिया। ताकि, रामजी की हत्या को सड़क दुर्घटना दिखा ई जा सके।