आबूधाबी में सोवां के कामगर की मौत, जानकारी मिलते ही बदहवास हुए परिजन, शव आने का हो रहा इंतजार
- कंपनी वालों ने नहीं दी सूचना, विदेश भेजने वाले एजेंट के माध्यम से हुई जानकारी
- 23 जून को आबूधाबी गया था अजय, 11 सितंबर के बाद से परिजनों से नहीं हो रहा था संपर्क
केटी न्यूज/डुमरांव
खाड़ी देश संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी आबूधाबी में अनुमंडल के एक कामगर की मौत हो गई है। उसकी मौत एक पखवाड़े पहले हुई है, जबकि परिजनों को इस घटना की जानकारी रविवार को एजेंट के माध्यम से हुई। कंपनी वालों ने परिजनों को इसकी सूचना तक नहीं दी है। इधर एक पखवाड़े से उससे संपर्क नहीं हो पा रहा था। जिससे परेशान परिजन स्थानीय सांसद से लगायत पीएमओ तथा भारतीय दूतावास तक से गुहार लगाए थे। वही मौत की पुष्टि होने के बाद परिजनों में कोेहराम मच गया। मृतक कृष्णाब्रह्म थाना क्षेत्र के सोवां गांव निवासी बलिराम सिंह का 36 वर्षीय पुत्र अजय सिंह है।
मिली जानकारी के अनुसार वह अपने परिवार का माली हालत सुधारने 23 जून को आबूधाबी गया था। शुरू में सबकुछ ठीक ठाक था तथा अक्सर अपनी पत्नी तथा बच्चों से बात करता था। लेकिन 11 सितंबर के बाद से उसका संपर्क अपने परिवार से टूट गया था। उससे बात नहीं होने पर घरवाले काफी परेशान थे। इधर एजेंट भी उनसे बात नहीं कर रहा था। तब परिजनों ने स्थानीय सांसद, पीएमओ तथा भारतीय दूतावास को इसकी जानकारी दे उसकी तलाश करवाने की गुहार लगवाई। इसी बीच रविवार को एजेंट ने बताया कि 18 सितंबर को उसके कंपनी के बगल में ही एक शव मिला था जो अजय का था। यह जानकारी मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। इस घटना के बाद से ही उसकी पत्नी प्रतिमा देवी बदहवास है तो पिता बलिराम सिंह समेत पूरे परिवार के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा है। मृतक के भाई संजय सिंह ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि अभी तक कंपनी वाले उसका शव भेजने की कवायद शुरू नहीं किए है।
राश नहीं आ रही है खाड़ी देशों की आबोहवा
अनुमंडल के विभिन्न गांवों के हजारों कामगर पिछले कई दशक से खाड़ी देशों में मजदूरी करते है। लेकिन अब वहा की आबोहवा स्थानीय लोगों को राश नहीं आ रही है। पिछले कुछ वर्षों में अनुमंडल के विभिन्न गांवों के आधा दर्जन से अधिक लोगों की मौत खाड़ी क्षेत्र के अलग अलग देशों में हुई है। जिससे कई सवाल खड़े हो रहे है। खाड़ी क्षेत्र से लौटे मजदूरों का कहना है कि यहां से एजेंट जो सब्जबाग दिखाकर उन्हें वहां भेजते है वहां जाने पर ऐसा कुछ नहीं मिलता है। मजदूरों की मानें तो बीमार होने पर ठीक से इलाज भी नहीं करवाया जाता है। जिस कारण कामगर अपनी जान गवां रहे है।