चार मार्च को जिले के 1040400 बच्चों खिलाई जाएगी कृमि नाशक दवा

बच्चों को कृमि संक्रमण से मुक्ति दिलाने के लिए आगामी चार मार्च को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा। जिसके तहत एक से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों को कृमि नाशक दवा अल्बेंडाजोल की खुराक खिलाई जाएगी।

चार मार्च को जिले के 1040400 बच्चों खिलाई जाएगी कृमि नाशक दवा

- राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के दिना एक से 19 साल तक के बच्चों को दी जाएगी अल्बेंडाजोल की दवाएं

- स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में चलाया जाएगा अभियान

केटी न्यूज/बक्सर

बच्चों को कृमि संक्रमण से मुक्ति दिलाने के लिए आगामी चार मार्च को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा। जिसके तहत एक से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों को कृमि नाशक दवा  अल्बेंडाजोल की खुराक खिलाई जाएगी।

बक्सर जिले में अभियान को सफल बनाने के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। इस क्रम में प्रखंडों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से माइकिंग भी कराई जाएगी। जिसके लिए मंगलवार को सदर अस्पताल परिसर स्थित जिला प्रतिरक्षण कार्यालय से जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. विनोद प्रताप सिंह ने ई-रिक्शा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान जिला सामुदायिक उत्प्रेरक हिमांशु सिंह समेत जिला प्रतिरक्षण कार्यालय के कर्मी मौजूद रहे।

डॉ. विनोद प्रताप सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर जिले के सभी विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों पर एक से अधिक एवं 19 साल आयु वर्ग तक के बच्चों एवं किशोर/किशोरियों को कृमि से बचाव के लिए अल्बेंडाजोल की 400 मिग्रा की एक गोली खिलायी जायेगी। उन्होंने बताया कि हर वर्ष यह कार्यक्रम संचालित किया जाता है।

इस वर्ष भी जिले के 1262 सरकारी विद्यालय 293 प्राईवेट विद्यालय एवं सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 10 लाख 40 हजार 400 बच्चों एवं किशोर/किशोरियों को अल्बेंडाजोल की एक खुराक दी जायेगी। वहीं, इस दौरान छुटे हुए बच्चों को सात मार्च को दवा खिलायी जायेगी।

दिशा निर्देश के अनुसार अभियान को बनाया जाएगा सफल

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. विनोद प्रताप सिंह ने बताया कि कृमि से अनेक बीमारियों में प्रमुख एनिमया मानसिक एवं शारीरिक विकास में बाधक है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से अल्बेंडाजोल की खुराक दी जाती है, जो बिलकुल सुरक्षित है। अभियान के सफल संचालन के लिए जिले की सभी आशा कार्यकर्ताओं को यह निर्देशित किया जा चुका है

कि बच्चों को इसे चूर कर और किशोर-किशोरियों को इसे चबाकर खाना है। साथ ही, यह अनिवार्य रूप से ध्यान रखना है कि बच्चे खाने से पहले नाश्ता जरूर कर लें। उन्होंने बताया कि एक से पांच वर्ष तक के बच्चों को आंगनबाड़ी में दवा खिलाई जाएगी। वहीं, छह से 19 वर्ष के बच्चों को सरकारी, विद्यालयों, निजी विद्यालयों, नवोदय विद्यालय, मदरसा, संस्कृत विद्यालय, सहित सभी तकनीकी (पॉलीटेक्निक/आईटीआई), गैर तकनीकी संस्थानों में दवा  खिलाई जाएगी।

उम्र के हिसाब से दी जाएगी दवा की खुराक :

डॉ विनोद प्रताप सिंह ने बताया कि दवा खिलाने से पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि बच्चों में खांसी, सर्दी, बुखार या सांस लेने में तकलीफ या किसी बीमारी का लक्षण तो नहीं है। अथवा पूर्व से किसी प्रकार की दवा आदि का सेवन तो नहीं कर रहा है।

ऐसे लक्षण वाले बच्चों को कृमि मुक्ति की दवा नहीं खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि एक से दो वर्ष तक के बच्चों को अल्बेंडाजोल की आधी गोली को दो चम्मच के बीच रखकर पूरी तरह से चूरा करके पानी के साथ मिलकर चम्मच से दी जाएगी।

वहीं दो से तीन वर्ष के बच्चों को अल्बेंडाजोल की एक गोली दो चम्मच के बीच रखकर चुरा बनाकर पानी के साथ मिलकर खिलाई जाएगी। वहीं, तीन से 19 वर्ष के बच्चों को एल्बेंडाजोल की एक गोली दी जाएगी और इसे चबाकर खाना है।