डीएम हुजूर... मुझे न्याय दीजिए, आपके ही आदेश को बक्सर सदर एडीएम ने दो दिन में पलटा

डीएम साहेब हुजूर मुझे न्याय दीजिए। आपके आदेश पर लगा कि मुझे मेरी पुस्तैनी जमीन मिल जाएगी। जमाबंदी मेरे नाम पर भी हो गई। पर डीएम साहब, एडीएम कुमारी अनुपम के आदेश को एसडीओ धीरेंद्र मिश्रा ने एक झटके में पलट दिया। यह कहना है कि राजपुर प्रखंड के सैंथू गांव निवासी गणेश चौबे का।

डीएम हुजूर... मुझे न्याय दीजिए, आपके ही आदेश को बक्सर सदर एडीएम ने दो दिन में पलटा

- पीड़ित ने लोक शिकायत में दायर किया परिवाद दायर, सीओ की गड़बड़ी आयी सामने

- 21 मार्च 2023 को जमाबंदी सुधार के लिए डीएम ने अपर समार्हता के पास भेजा

- 25 सितंबर 2024 एडीएम ने पुन: जमाबंदी पीड़ित के पक्ष में करने का दिया आदेश

- 30 दिसंबर को सदर एसडीओ ने की डीएम व एडीएम के आदेश की नाफरमानी, सुनाया अपना फरमान

केटी न्यूज/बक्सर 

डीएम साहेब हुजूर मुझे न्याय दीजिए। आपके आदेश पर लगा कि मुझे मेरी पुस्तैनी जमीन मिल जाएगी। जमाबंदी मेरे नाम पर भी हो गई। पर डीएम साहब, एडीएम कुमारी अनुपम के आदेश को एसडीओ धीरेंद्र मिश्रा ने एक झटके में पलट दिया। यह कहना है कि राजपुर प्रखंड के सैंथू गांव निवासी गणेश चौबे का। उन्होंने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए बताया कि वह अपनी पुस्तैनी भूमि पर नियमानुसार लगान जमा कर रहे थे। इसी बीच वर्ष 2022 में उन्हें यह जानकारी प्राप्त हुई कि करीब 14 एकड़ भूमि दूसरे के नाम पर जमाबंदी कर दी गई है। इसमें राजपुर अंचलाधिकारी सहित अन्य कर्मियों की मिली भगत है। उन्होंने वरीय अधिकारियों को आवेदन दिया। इसके बाद लोक शिकायत में परिवाद दायर किया। 

तत्कालीन डीएम ने कराई थी जांच :

वहीं, प्रथम अपील की सुनवाई के दौरान तत्कालीन डीएम अमन समीर ने मामले की विधिवत जांच करायी। जिसमें सामने आया कि तत्कालीन सीओ ने गड़बड़ी की थी। नियमों की अनदेखी की थी। 21 मार्च 2023 को जमाबंदी सुधार के लिए डीएम ने अपर समार्हता के पास भेज दिया। नियमानुसार वहां पर विपक्षी पार्टी को भी बुलाया गया। सभी दस्तावेजों की जांचोपरांत अपर समार्हता कुमारी अनुपम ने 25 सितंबर 2024 को गणेश चौबे के पक्ष में जमाबंदी करने का आदेश दिया। सीओ ने हल्का कर्मचारी से रिपोर्ट लेने व डीसीएलआर से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद 25 नवंबर को राजपुर अंचल में गणेश चौबे के नाम पर जमाबंदी पुन: कायम कर दिया। साथ ही विपक्षी के नाम से जमाबंदी रद्द कर दिया गया। इसी बीच 14 व 28 दिसंबर 2024 को अनुमंडल स्तरीय भूमि विवाद निराकण बैठक में यह मामला आया। सदर एसडीओ ने चकबंदी के एक पुराने मामले को देखते हुए विपक्षी के पक्ष में भूमि के स्वामित्व का विवादस्पद आदेश दे दिया। 

चकबंदी कार्यालय में नहीं है यह मामला :

पीड़ित गणेश चौबे का कहना है कि जिस चकबंदी वाद का हवाला दिया जा रहा है। वहां से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार उस कार्यालय में इस तरह का कोई वाद ही नहीं चला है। सदर एसडीओ धीरेंद्र मिश्रा कोई भी दस्तावेज देखने को तैयार नहीं थे। वह न तो डीएम जांच प्रतिवेदन को देखे और न एडीएम के कोर्ट के आदेश को। उन्होंने अपना अलग की आदेश जारी कर दिया। ऐसे में डीएम साहब बतायी कि मैं न्याय पाने के लिए कहा जाऊं।

बोले थानाध्यक्ष और सीओ ...

शनिवारीय बैठक में सदर एसडीएम धीरेंद्र मिश्रा ने दोनों को पक्षों को थाने में बुलाया। दोनों मामलों को सुनने के बाद उन्होंने दोनों पक्षों द्वारा पेश किए गए कागजातों का अवलोकन किया। जिसमें उन्होंने वेंकेटेश्वर चौबे को जमीन का मालिकाना हक पाया। जिसके बाद एसडीएम के आदेश के बाद आगे की कार्रवाई शुरू की गई है। वहीं, न्यायालय में चल रहे टाइटल सूट पर सुनवाई होने के बाद जो भी फैसला आएगा, उसके आधार पर ही अंतरिम कार्रवाई की जाएगी। - संतोष कुमार, थानाध्यक्ष, राजपुर

मामला मेरे संज्ञान में है, लेकिन उक्त जमीन का विवाद सदर एसडीएम के पास है। एसडीएम कोर्ट में इसकी सुनवाई चल रही है। फिलवक्त इस मामले की पूरी जानकारी मेरे पास नहीं हैं। - शोभा कुमारी, सीओ, राजपुर