खिरौली गांव के मुख्य पथ पर लंबे समय से जमा है नाले का गंदा पानी, घर से बाहर निकलना हुआ मुश्किल
- नाले के गंदे पानी के जमाव से बना हुआ है संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा
- सांसद का घेराव से मुख्यमंत्री के जनता दरबार तक चक्कर लगा चुके है ग्रामीण, बेफिक्र है नप प्रशासन
केटी न्यूज/डुमरांव
शहर के पुरानी बस्ती में शामिल खिरौली गांव के मुख्य पथ पर पिछले दो महीने से नाले का गंदा पानी जमा है। जिस कारण लोगों को नारकीय जीवन जीना पड़ रहा है। बता दें कि गांव से बाहर आने जाने के लिए यही एकमात्र रास्ता है। जिस पर नाले का गंदा पानी जमा होने से लोगों को नाक भौं सिकोड़ अपने घरों से बाहर निकला पड़ रहा है। स्टेशन रोड से खिरौली पथ में प्रवेश के साथ ही करीब 15-20 मीटर के दायरें में नाले का गंदा पानी जमा है। ग्रामीणों का कहना है कि सेंट्रल नाला का पानी उनके गांव के तीन तरफ जमा है। वही पानी अब मुख्य पथ पर भी आ गया है।
ग्रामीणों ने कहा कि इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए कई बार नगर परिषद प्रशासन से गुहार लगाई गई। ग्रामीण संजीव चौबे मुख्यमंत्री के जनता दरबार का चक्कर भी लगा चुके है। जबकि एक बार बक्सर सांसद अश्विनी चौबे का घेराव भी किया गया था। कई बार बक्सर डीएम से भी जलजमाव से मुक्ति दिलाने की मांग की गई है। लेकिन अबतक किसी भी स्तर से राहत नहीं मिला है। जिससे लोगों में गहरी नाराजगी है। ग्रामीण अब इस मुद्दे पर चक्का जाम करने का मन बना चुके है। सेंट्रल नाला के पानी से घिर चुके गांव में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया तथा हैजा जैसे संक्रामक जानलेवा बीमारियों के फैलने का खतरा बना हुआ है। वही विषैले जंतुओ से भी भय बना रहता है।
नले के पानी से घिरा काली मंदिर, श्रद्धालुओं में आक्रोश
खिरौली गांव के बाहर तथा मुख्य पथ से सटे इस गांव का काली मंदिर है। जहां खिरौली के साथ ही लालगंज कड़वी, स्टेशन कॉलोनी, टेक्सटाईल कॉलोनी, चाणक्य कॉलोनी के श्रद्धालु पूजा अर्चना करने आते है। ग्रामीणों द्वारा बड़े ही उत्साह से इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था तथा मुख्य पथ के किनारे कीमती जमीन मंदिर के नाम पर दान की गई थी। लेकिन अब यह मंदिर भी चारों तरफ से सेंट्रल नाला के गंदे पानी से घिर चुका है। जिस कारण श्रद्धालुओं में गहरा आक्रोश है। ग्रामीणों ने बताया कि मंदिर परिसर में मिट्टी डाल उंचाई बढ़ाई गई है। यदि मिट्टी नहीं डाला गया होता तो मंदिर भी इस गंदे पानी में डूब चुका होता।
बोले ग्रामीण, शीघ्र नहीं हुआ समाधान तो होगा चक्का जाम
सेेंट्रल नाला के गंदे पानी से घिर चुके खिरौली के ग्रामीणों में व्यवस्था के प्रति गहरी नाराजगी है। ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा है कि यदि नगर परिषद प्रशासन शीघ्र इस समस्या का समाधान नहीं करता है तो चक्का जाम किया जाएगा। केशव टाइम्स की टीम ने इस मुद्दे पर ग्रामीणों की प्रतिक्रियाएं ली है। पेश है रिपोर्ट -
1 - गुड्डु ठाकुर - मुख्य पथ पर नाला का गंदा पानी जमा होने से घर से निकला मुश्किल हो गया है। सबसे अधिक परेशानी महिलाओं व बच्चों को हो रही है। यदि जल्दी इस समस्या का समाधान नहीं हुआ तो सड़क पर उतर चक्का जाम किया जाएगा।.3
2 - राकेश चौबे - पिछले एक डेढ़ साल से मेरा गांव तीन तरफ से सेंट्रल नाला के गंदा पानी से घिरा है। नगर परिषद प्रशासन मौन साधे हुए है। जिस कारण संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बना हुआ है। समस्या के समाधान के लिए ग्रामीण जल्दी ही बड़ा आंदोलन छेड़ेंगे।
3 - अमर चौबे - सेंट्रल के मिसमैनेंजमेंट के कारण यह समस्या बनी हुई है। नगर परिषद के नयें बोर्ड से काफी उम्मीदें थी। लेकिन अबतक यह बोर्ड भी लोगों के उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है। जलजमाव के कारण लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
- 4 - रिंकू चौबे - सेंट्रल नाला के गंदे पानी के जमाव के कारण उनका बागीचा सूख चुका है। काली मंदिर परिसर में भी लगे दर्जनों बड़े पेड़ जमींदोज हो चुके है। अब मुख्य पथ पर नाला का गंदा पानी जमा है। जिस कारण ग्रामीणों को आवागमन में भारी कठिनाई झेलनी पड़ रही है।
क्या कहते है ईओ
खिरौली के पास से जलनिकासी के लिए पिछले दिनों जनरेटर चला पानी निकलवाया गया था। इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए प्रोजेक्टर बनकर तैयार है। ईदगाह के पास से पश्चिमी रेलवे क्रासिंग तक बड़ा नाले बना जलनिकासी करवाई जाएगी। जल्दी ही नाला निर्माण शुरू कराया जाएगा। - अनिरूद्ध प्रसाद, ईओ, नगर परिषद, डुमरांव