डबल मर्डर का खुलासा : कलियुगी बेटे ने की थी मां और बड़ी बहन की हत्या
- एसपी ने दी जानकारी, मकान बेचने और पैसों की लेन-देन में की थी हत्या
- वारदात के 24 घंटों के अंदर ही पुलिस ने किया मामले का पर्दाफाश
फोटो 00 : गिरफ्तार आरोपी व जानकारी देते एसपी
केटी न्यूज/गाजीपुर
पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने चौबीस घंटे के अंदर दोहरे हत्याकांड (मां-बेटी) का खुलासा करते हुए हत्यारोपी पुत्र को गिरफ्तार कर लिया। एसपी ने प्रेस वर्ता कर मामले का खुलासा किया। जिसके बाद आरोपी को संबंधित धाराओं में चालान कर दिया गया। एसपी ने बताया कि मुहम्मदाबाद थाना अंतर्गत कठउत निवासी स्व. केदार का बेटे गौरी शंकर ने मकान बेचने और पैसों की लेन-देन के चक्कर में अपनी मां और बड़ी बहन की गला दबाकर हत्या कर दी थी।
मामले में एसपी ने बताया कि 9 नवंबर 2020 को गौरी शंकर ने पड़ोस के मोहन राजभर की 15 विस्वा जमीन बिना उसके परिवार की रजामंदी के बहला फुसलाकर गांव के ही मुसाफिर राम को 23 लाख में तय कर संजय राय वर्तमान ग्राम प्रधान के माध्यम से रजिस्ट्री कराया था। साथ ही, दस लाख रुपए संजय राय तथा 10 लाख रुपए अपने पिता के खाते में डलवा दिया। रजिस्ट्री के बाद संजय राय ने 3-3 लाख रुपए के दो चेक मोहन के नाम व चार लाख का चेक गौरीशंकर के नाम काट कर दिया गया। मोहन व गौरीशंकर रुपए निकासी कर ली। गौरी ने मोहन को बहलाकर उसके रुपए भी अपने पास रख लिए।
उसके बाद गौरी अपनी पत्नी व बच्चों को लेकर अपने ससुराल जा कर रहने लगा। इस बीच रजिस्ट्री की बात मोहन के लड़के को मिली, तो उसे पंचायत की बैठक बुलवाई। जहां तय हुआ कि संजय राय व गौरी शंकर अपने अपने हिस्से के 11 लाख 50 हजार रुपये देंगे। नहीं, तो मुकदमे में बयान देकर मुसाफिर राम की जमीन वापस करेंगे। जिसमें संजय राय तैयार हो गया। उसके बाद पुन: पंचायत हुई, तो गौरी ने कहा कि वो अपना घर बेच कर 26 अक्टूबर 2022 को पैसा दे देगा। लेकिन, उसने तय अवधिक में राशि नहीं लौटाई। उसकी मां घर बेचने को तैयार नहीं थी, लेकिन गौरी शंकर दबाव डाल रहा था।
रस्सी से गला दबाकर की थी मां की हत्या, बहन ने देखा
एसपी के अनुसार गौरी शंकर ने जुर्म स्वीकार करते हुए वारदात की पूरी घटना की जानकारी पुलिस को बतायी। गौरीशंकर घटना की रात अपनी मां को बुलाया और मनाने लगा। जब वो तैयार नहीं हुईं, तो उसने रस्सी से गला दबाकर मां की हत्या कर दी। शव को दूसरे कमरे में रखने के दौरान उसकी बहन ने उसे देख लिया था। जब बहन विरोध करते हुए चिल्लाने लगी, तो उसी रस्सी से गला दबाकर उसकी भी हत्या कर दी। उसके बाद रस्सी को छुपा कर पूर्व नियोजित दावत में शामिल होने चला गया। गौरीशंकर की निशान देही पर उसके तख्त की नीचे हत्या में प्रयुक्त हुई रस्सी बरामद हुई। पूर्व में भी गौरी शंकर को आपराधिक मामले में सात वर्ष की सजा हो चुकी थी।