डुमरांव के शौर्य गौतम को संयुक्त राष्ट्र का बुलावा
बक्सर जिला और बिहार के लिए गर्व का क्षण तब आया जब डुमरांव प्रखंड के खिरौली गांव के निवासी शौर्य गौतम का चयन संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा आयोजित होने वाले विश्व खाद्य मंच 2025 की युवा सभा के लिए किया गया। शौर्य वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं।

-- विश्व खाद्य मंच 2025 की युवा सभा में करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व
केटी न्यूज/डुमरांव
बक्सर जिला और बिहार के लिए गर्व का क्षण तब आया जब डुमरांव प्रखंड के खिरौली गांव के निवासी शौर्य गौतम का चयन संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा आयोजित होने वाले विश्व खाद्य मंच 2025 की युवा सभा के लिए किया गया। शौर्य वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं।
यह प्रतिष्ठित वैश्विक आयोजन आगामी 10 से 17 अक्टूबर, 2025 तक इटली की राजधानी रोम स्थित संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन के मुख्यालय में होगा। इस वर्ष मंच का मूल विषय रखा गया है “बेहतर भोजन और बेहतर भविष्य के लिए हाथ में हाथ”। इसका लक्ष्य कृषि और खाद्य प्रणाली को ऐसा रूप देना है, जो सभी वर्गों के लिए अधिक टिकाऊ, न्यायपूर्ण और लचीला हो।
-- विश्व खाद्य मंच, युवाओं, विज्ञान और नवाचार का संगम
विश्व खाद्य मंच को ऐसा अनूठा मंच माना जाता है, जहां तीन प्रमुख स्तंभ एक साथ आते हैं युवा नेतृत्व, विज्ञान एवं नवाचार, और निवेश। यही वजह है कि इसे केवल एक सम्मेलन नहीं, बल्कि नई पीढ़ी के लिए वैश्विक साझेदारी का अवसर कहा जाता है। इस आयोजन में दुनिया भर से चुने गए युवा नेता, विभिन्न देशों की सरकारें, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान, निजी कंपनियों के प्रतिनिधि, शिक्षा जगत के विद्वान और नागरिक समाज के कार्यकर्ता शामिल होंगे। यहां कृषि और भोजन से जुड़े गहन मुद्दों पर मंथन किया जाएगा और व्यवहारिक समाधान खोजने की कोशिश होगी।
-- सम्मेलन में शौर्य की भूमिका
युवा प्रतिनिधि के तौर पर शौर्य गौतम युवा सभा की गतिविधियों में सक्रिय रहेंगे। उन्हें उच्चस्तरीय नीति संवाद, वैज्ञानिक गोलमेज चर्चा, नवाचार पुरस्कार समारोह और क्षमता निर्माण कार्यशालाओं में भाग लेने का अवसर मिलेगा। मंच के जरिये वे अन्य देशों के युवा प्रतिनिधियों से जुड़ेंगे और संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को आगे बढ़ाने के लिए नए उपाय सुझाएंगे।
-- परिवार और संस्कार
शौर्य गौतम, खिरौली गांव के माता पुष्पांजलि देवी और पिता उपेंद्र चौबे के पुत्र हैं। माता-पिता दोनों ही लंबे समय से सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं और अपनी व्यवहार कुशलता के लिए इलाके में पहचाने जाते हैं। पारिवारिक पृष्ठभूमि और सामाजिक परिवेश ने शौर्य को सकारात्मक सोच, सेवा भाव और नेतृत्व क्षमता का संस्कार दिया है। यही कारण है कि वह आज अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारतीय युवाओं की आवाज़ बनने जा रहे हैं।
-- वैश्विक मंच पर भारतीय युवाओं की पहचान
शौर्य को मिला यह निमंत्रण केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि यह इस बात का संकेत है कि भारतीय युवाओं की भूमिका अंतरराष्ट्रीय मंचों पर लगातार सशक्त हो रही है। एफएओ के युवा एवं महिला कार्यालय के निदेशक काज़ुकी किताओका ने शौर्य को भेजे निमंत्रण पत्र में उनसे सार्थक योगदान की उम्मीद जताई है।
-- डुमरांव से रोम तक का सफर
खिरौली जैसे छोटे से गांव से निकलकर विश्व मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाले शौर्य की यह उपलब्धि इलाके के लिए प्रेरणा बन गई है। गांव और जिले के लोग इसे अपने सम्मान से जोड़कर देख रहे हैं। स्थानीय बुद्धिजीवियों का मानना है कि यह अवसर न केवल शौर्य को नई दिशा देगा, बल्कि डुमरांव और बक्सर का नाम भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकाएगा।