सीएम के आने से खुली शिक्षा विभाग की फाइलें, नौकरी पा खुश हुए आश्रित
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रस्तावित आगमन से पहले बक्सर जिला शिक्षा कार्यालय में शुक्रवार की देर शाम अचानक हलचल तेज हो गई। महीनों से धूल फांक रही अनुकंपा पर नियुक्ति फाइलें आखिरकार खुलीं और अधिकारियों ने जल्दबाज़ी में सूची जारी कर दी। जारी लिस्ट में 46 लिपिक और 7 परिचारी शामिल किए गए हैं। दिलचस्प बात यह है कि इनमें से कुछ अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सीधे सीएम के हाथों मिलने वाला है, जबकि बाकी को सोमवार को बुलाकर औपचारिकता पूरी की जाएगी।

-- अनुकंपा पर नौकरी का इंतज़ार खत्म, देर शाम निकली नियुक्ति सूची
केटी न्यूज/बक्सर
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रस्तावित आगमन से पहले बक्सर जिला शिक्षा कार्यालय में शुक्रवार की देर शाम अचानक हलचल तेज हो गई। महीनों से धूल फांक रही अनुकंपा पर नियुक्ति फाइलें आखिरकार खुलीं और अधिकारियों ने जल्दबाज़ी में सूची जारी कर दी। जारी लिस्ट में 46 लिपिक और 7 परिचारी शामिल किए गए हैं। दिलचस्प बात यह है कि इनमें से कुछ अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सीधे सीएम के हाथों मिलने वाला है, जबकि बाकी को सोमवार को बुलाकर औपचारिकता पूरी की जाएगी।
शिक्षा विभाग में अनुकंपा पर नौकरी पाने के लिए अभ्यर्थियों की यह लड़ाई कोई नई नहीं है। लगभग पांच साल से चयनित उम्मीदवार विभाग के चक्कर काट रहे थे। कभी आवेदन की जांच में गड़बड़ी तो कभी कागज़ात की कमी के नाम पर प्रक्रिया ठप कर दी जाती थी। हालात इतने बिगड़ गए थे कि कुछ अभ्यर्थियों को कलेक्ट्रेट गेट पर आमरण अनशन तक करना पड़ा। तत्कालीन डीडीसी डॉ. महेंद्र पाल के आश्वासन के बाद किसी तरह अनशन टूटा और उम्मीद की किरण जगी। लेकिन प्रक्रिया शुरू होने के बावजूद हर बार कोई नया पेच फंस जाता।
-- कई बार बनी कमिटि, फिर भी फंसा रहा मामला
पिछले वर्षों में इस मामले को सुलझाने के लिए तीन से चार बार विशेष कमिटियां गठित की गईं। आवेदनकर्ताओं की सूची तक अखबारों में प्रकाशित कराई गई और दावा-आपत्ति भी ली गई। अंततः 212 अभ्यर्थियों का चयन हुआ, लेकिन नियुक्ति पत्र की बारी आते-आते मामला फिर रुक गया।
19 अगस्त को जब पटना में सीएम नीतीश कुमार ने अनुकंपा पर चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र सौंपा और जिलों को निर्देश दिया कि तुरंत वितरण सुनिश्चित करें, तब बक्सर के अभ्यर्थियों की उम्मीदें फिर जगीं। लगभग सभी जिलों में नियुक्ति पत्र बांटे भी गए, पर यहां की फाइलें एक बार फिर अटक गईं। इससे युवाओं में आक्रोश बढ़ने लगा और उन्होंने तय कर लिया कि मुख्यमंत्री के दौरे पर सीधे उनके सामने जिला शिक्षा कार्यालय की कहानी खोल देंगे।
-- सीएम के दौरे ने बदल दी तस्वीर
सीएम के आगमन की खबर ने पूरा परिदृश्य बदल दिया। अधिकारियों ने अंदाजा लगा लिया कि अगर मामला टलता रहा तो मुख्यमंत्री के सामने किरकिरी होना तय है। यही कारण है कि शुक्रवार की देर शाम अचानक सूची निकाल दी गई। विभागीय अधिकारियों ने पुष्टि की कि कुछ चयनित अभ्यर्थियों को मुख्यमंत्री के हाथों नियुक्ति पत्र सौंपा जाएगा, जबकि शेष को सोमवार तक पत्र मिल जाएगा।
-- सूची जारी होते ही खिल उठे अभ्यर्थियों के चेहरे
लंबे इंतज़ार और असंख्य निराशाओं के बीच जब सूची निकली, तो अभ्यर्थियों के चेहरे खिल उठे। बहुतों ने इसे जीवनदान जैसा पल बताया। पांच साल की भागदौड़ और संघर्ष आखिरकार मंज़िल तक पहुंचने के करीब है। सीएम की मौजूदगी न होती तो शायद इस बार भी फाइलें दबा दी जातीं।
-- चुनावी मौसम में राहत की सौगात
विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसे मौके राजनीतिक रूप से भी अहम होते हैं। सीएम की मौजूदगी में नियुक्ति पत्र वितरण न केवल युवाओं को राहत देगा बल्कि चुनावी मौसम में सत्ताधारी दल के लिए सकारात्मक माहौल भी बनाएगा। फिलहाल, जिनके नाम सूची में हैं वे खुशी से झूम रहे हैं, और जिनका नाम सोमवार को मिलने वाले पत्र में शामिल होगा वे भी सुकून की सांस ले रहे हैं।