विभागीय जांच में आरोपमुक्त हुए स्थापना डीपीओ, नहीं हुई आरोपो की पुष्टि
शिक्षा विभाग के डीपीओ मो. शारिक अशरफ पर जिस विभागीय कार्रवाई व प्रपत्र ’क’ गठन के आरोप में स्थापना का प्रभार बदल दिया गया है। अब उन्हें सर्व शिक्षा अभियान का डीपीओ बनाया गया है। लेकिन विभागीय जांच में उनके उपर लगे आरोपों की पुष्टि नहीं हो पाई है।
- बर्खास्त शिक्षकों के वेतन भुगतान समेत लगे थे तीन आरोप, प्रपत्र क गठित कर चल रही थी विभागीय कार्रवाई
केटी न्यूज/बक्सर
शिक्षा विभाग के डीपीओ मो. शारिक अशरफ पर जिस विभागीय कार्रवाई व प्रपत्र ’क’ गठन के आरोप में स्थापना का प्रभार बदल दिया गया है। अब उन्हें सर्व शिक्षा अभियान का डीपीओ बनाया गया है। लेकिन विभागीय जांच में उनके उपर लगे आरोपों की पुष्टि नहीं हो पाई है। उनपर चल रहे विभागीय कार्रवाई के दौरान इसकी जांच कर शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव सुनील कुमार सिंह के जांच प्रतिवेदन के आधार पर निदेशक ( प्रशासन ) सह अपर सचिव सुबोध कुमार चौधरी ने उन्हें आरोपमुक्त कर दिया है।
बता दें कि शारिक अशरफ पर श्री त्रिदंडीदेव आवासीय संस्कृत उच्च विद्यालय के बर्खास्त शिक्षकों तथा लिपिक के बर्खास्तगी के बावजूद वेतन भुगतान करने, अन्य कार्यरत शिक्षकों के अनुपस्थिति विवरणी देने के बावजूद मार्च 2021 से जून 2021 तक तथा मार्च 2022 से आरोप लगने तक वेतन बाधित करने तथा कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में बक्सर डीएम के प्रत्रांक 3881 दिनांक 7 अक्टूबर 2023 के तहत बिहार सरकारी सेवक ( वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील ) नियमालवली 2005 के तहत प्रपत्र ’क’ गठित कर विभागीय कार्रवाई चल रही थी।
यह विभागीय कार्रवाई शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव सुनील कुमार के संचालन में चलाया जा रहा था। जिसमें शारिक अशरफ द्वारा दिए गए साक्ष्यों के आधार पर जांच टीम ने उनपर लगे आरोपों की पुष्टि नहीं की तथा उन्हें आरोप मुक्त करने का प्रतिवेदन सौंपा, जिसके बाद निदेशक सुबोध कुमार चौधरी ने उन्हें आरोप मुक्त कर दिया है।
आरोप मुक्त होने के बाद डीपीओ मो. शारिक अशरफ ने बताया कि उन्होंने कोई ऐसा काम नहीं किया था जो नियम विरूद्ध था, बल्कि जानबूझकर उन्हें फंसाने का काम किया गया था। लेकिन जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है। उन्होंने कहा कि वे पूरे पारदर्शिता के साथ विभागीय कार्यों का संपादित करते है।