कृष्ण जन्मोत्सव पर ऐसे करें व्रत,लड्डू गोपाल देंगे आशीर्वाद

भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में रात 12 बजे के करीब भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था।

कृष्ण जन्मोत्सव पर ऐसे करें व्रत,लड्डू गोपाल देंगे आशीर्वाद
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केटी न्यूज़/दिल्ली

कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार भगवान कृष्ण के जन्मदिन की खुशी में मनाया जाता है।भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में रात 12 बजे के करीब भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था।जन्माष्टमी पर भक्त व्रत रखते हैं और आधी रात को कान्हा की पूजा करते हैं।इस साल जन्माष्टमी का त्योहार 26 अगस्त को मनाया जा रहा है।यहां हम आपको बताएंगे कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत कैसे रखते हैं, और इसके विधि और नियम क्या है।

जन्माष्टमी के व्रत में आप फलाहार ले सकते हैं।अन्न को ग्रहण नहीं करना चाहिए। कई लोग इस व्रत को रात 12 बजे के बाद ही खोलते हैं तो कई इस व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद करते हैं।सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर व्रत का संकल्प लिया जाता है, फिर श्री कृष्ण भगवान की पूजा की जाती है। पूरे दिन मन ही मन राधा-कृष्ण के नाम का जप करते रहें। दिन में फल खा सकते हैं।रात 12 बजे की पूजा से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।रात में विधि विधान कान्हा की पूजा करें और उनकी आरती उतारकर भोग लगाएं. फिर व्रत का पारण कर लें।

जन्‍माष्‍टमी व्रत के नियम

1. जन्माष्टमी का व्रत रखने वाले व्रतियों को पूरे दिन ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना चाहिए।

2. जन्माष्टमी के व्रत में भूलकर भी अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए।

3. जन्माष्टमी का व्रत रात को 12 बजे भगवान का जन्‍म करवाने के बाद खोलना चाहिए। कुछ लोग जन्‍माष्‍टमी के व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद करते हैं।

4. जन्‍माष्‍टमी के शुभ अवसर पर आपको भगवान कृष्‍ण के किसी मंदिर में जाकर दर्शन जरूर करने चाहिए।

5. जन्‍माष्‍टमी के दिन सुबह और रात में श्री कृष्ण भगवान की विधि विधान पूजा करनी चाहिए.

6. जन्‍माष्‍टमी के दिन भगवान को जिन चीजों का भोग लगाएं उन्हीं वस्‍तुओं को प्रसाद के रूप में ग्रहण करके व्रत खोलना चाहिए।

7. व्रत रखने वालों को गलती से भी दिन में सोना नहीं चाहिए।

8. किसी को अपशब्द नहीं बोलने चाहिए।