फिर खतरे के निशान के करीब पहुंची गंगा, दो सेमी प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है जल स्तर

बक्सर में गंगा का जल स्तर एक बार फिर से बढ़ने लगा है। हालांकि, राहत की बात यह है कि जल स्तर बढ़ने का रफ्तार धीरे है। शुक्रवार को जल स्तर 2 सेमी प्रतिघंटे की रफतार से बढ़ रहा था। गंगा के जल स्तर में वृद्धि होने से तटवर्तीय इलाके के लोगों की चिंता बढ़ गई है।

फिर खतरे के निशान के करीब पहुंची गंगा, दो सेमी प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है जल स्तर

-- जल स्तर बढ़ने से बढ़ी तटवर्तीय इलाके के लोगों की चिंता

--  रामरेखा घाट का डीएम ने किया निरीक्षण, प्रशासन अलर्ट पर

केटी न्यूज/बक्सर 

बक्सर में गंगा का जल स्तर एक बार फिर से बढ़ने लगा है। हालांकि, राहत की बात यह है कि जल स्तर बढ़ने का रफ्तार धीरे है। शुक्रवार को जल स्तर 2 सेमी प्रतिघंटे की रफतार से बढ़ रहा था। गंगा के जल स्तर में वृद्धि होने से तटवर्तीय इलाके के लोगों की चिंता बढ़ गई है।

वहीं, गंगा नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। शुक्रवार को जिलाधिकारी डॉ. विद्यानंद सिंह ने रामरेखा घाट का संयुक्त निरीक्षण किया और बाढ़ से सुरक्षा के तमाम इंतजामों की समीक्षा की। उन्होंने संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और कहा कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह तैयार है। 

जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल गंगा नदी का जलस्तर 59.59 मीटर पर पहुंच गया है, जबकि खतरे का निशान 60.32 मीटर है। नदी का जलस्तर प्रत्येक घंटे लगभग दो सेंटीमीटर की दर से बढ़ रहा है। आने वाले दिनों में सावन की सोमवारी को देखते हुए घाटों पर भीड़ की आशंका को लेकर प्रशासन पहले से ही सतर्क हो गया है।

-- सभी प्रमुख घाटों पर बैरिकेडिंग और चेतावनी संकेतक के निर्देश

जिलाधिकारी ने नगर परिषद बक्सर के कार्यपालक पदाधिकारी मनीष कुमार को निर्देशित किया कि रामरेखा घाट समेत सभी प्रमुख घाटों पर मजबूत बैरिकेडिंग की जाए, साथ ही स्पष्ट साइनेज और खतरे की लाल झंडियां भी लगाई जाएं, ताकि श्रद्धालुओं को खतरे से आगाह किया जा सके। इसके साथ ही शहर के प्रमुख नालों की सफाई सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया, जिससे वर्षा के जल निकासी में कोई बाधा न हो।

-- एसडीआरएफ, मजिस्ट्रेट और पुलिस बल की तैनाती होगी

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने जिला आपदा शाखा के प्रभारी पदाधिकारी को निर्देश दिया कि एसडीआरएफ की टीमों को रामरेखा घाट एवं अन्य संवेदनशील घाटों पर विशेष रूप से तैनात किया जाए। वहीं, अनुमंडल पदाधिकारी अविनाश कुमार को घाटों पर मजिस्ट्रेट और पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति करने को कहा गया है, ताकि भीड़ नियंत्रण और आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।

-- तटबंधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश

जिलाधिकारी ने बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल बक्सर के कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया कि घाटों के किनारे सैंड बैग की व्यवस्था अविलंब सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही बक्सर-कोईलवर तटबंध की सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की जाए और जहां कहीं भी तटबंध में कटाव या टूटने की आशंका हो, वहां तत्काल निरोधात्मक कार्य किया जाए।

-- नाव परिचालन पर पूर्ण प्रतिबंध

डीएम डॉ. सिंह ने बढ़ते जलस्तर को देखते हुए गंगा नदी में नाव चलाने पर पूरी तरह से रोक लगाने का निर्देश दिया है। अनुमंडल पदाधिकारी अविनाश कुमार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि कहीं भी अवैध रूप से नाव संचालन न हो और स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जाए।

-- बाढ़ पूर्व तैयारियां लगभग पूर्ण

जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ से निपटने की पूर्व तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं। आश्रय स्थलों का निर्धारण, सामुदायिक किचेन की योजना, पेयजल, चारा वितरण, आवश्यक दवाओं की उपलब्धता समेत सभी जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। साथ ही सम्पूर्ति पोर्टल का अद्यतन कर लिया गया है, जिससे किसी भी आपात स्थिति में राहत कार्यों को तत्परता से संचालित किया जा सके।

-- डीएम की अपील - बच्चों को नदी के किनारे न जाने दें

जिलाधिकारी ने जिलेवासियों से अपील की है कि वे बाढ़ की संभावित स्थिति को देखते हुए सतर्क रहें और अपने बच्चों को नदी या घाटों के समीप न जाने दें। उन्होंने कहा कि प्रशासन हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है, परंतु आमजन की जागरूकता और सहयोग सबसे अधिक जरूरी है।

निरीक्षण के दौरान अपर समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी, नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि जैसे-जैसे जलस्तर में बढ़ोतरी होगी, वैसी-वैसी तैयारियों को और तेज किया जाएगा।