घर में रखे अवैध पिस्टल से चली गोली से गयी थी बच्ची की जान, पिता गिरफ्तार आराध्या हत्याकांड का चार दिन हुआ खुलासा, पिस्टल और दो गोलियां बरामद
- खेलने के दौरान बच्ची से दब गया था पिस्टल का ट्रिगर और चल गयी गोली
- बेटी के मौत के बाद पिता ने विरोधियों को फंसाने के लिए की थी हत्या की प्राथमिकी
- बच्ची के पिता पर पुलिस को गुमराह करने और झूठा केस करने का भी आरोप
केटी न्यूज/आरा
जिले के उदवंतनगर थाने के भेलाई गांव निवासी आठ साल की बच्ची आराध्य की हत्या की गुत्थी पुलिस ने चार दिन में सुलझा दी। आराध्या की जान उसके पिता कृष्णा कुमार सिंह के अवैध पिस्टल से चली गली से गयी थी। बेटी की मौत के बाद कृष्णा कुमार सिंह की ओर से विरोधियों को फंसाने का तानाबाना बुना गया और चार लोगों पर हत्या की प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी। उस मामले में कृष्णा कुमार सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके घर से उस पिस्टल को भी बरामद कर लिया गया है। मौके से दो गोलियां भी जब्त की गयी है। कृष्णा कुमार सिंह द्वारा पुलिस की पूछताछ में अपना गुनाह भी स्वीकार कर लिया गया है। एसपी प्रमोद कुमार ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भेलाई निवासी कृष्णा कुमार सिंह के भाई की 2019 में हत्या कर दी गयी थी। उसके बाद से वह अपने पास एक अवैध पिस्टल रखते थे। 24 मार्च की रात पिस्टल कमरे में बिछावन के नीचे रखा गया था।
उसी कमरे में आराध्या पढ़ाई कर रही थी। तभी उसके हाथ पिस्टल लग गया और वह उससे खेलने लगी। खेलने के दौरान पिस्टल से गोली चल गयी और आराध्या को लग गयी थी। उसमें गंभीर रूप से जख्मी आराध्या की मौत हो गयी थी। उसके बाद कृष्णा कुमार सिंह की ओर से अपने विरोधियों को फंसाने के लिए उनपर हत्या का केस दर्ज करा दिया गया था। कृष्णा कुमार सिंह पर आर्म्स एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज करते हुए जेल भेजा जा रहा है। उस पर पुलिस को गलत सूचना देने, अफवाह फैलाने और झूठा केस करने का भी मामला दर्ज किया जा रहा है। इस केस का खुलासा करने में एएसपी हिमांशु, प्रशिक्षु डीएसपी सह उदवंतनगर थानाध्यक्ष काजल जायसवाल, निवर्तमान थानेदार अवधेश कुमार और डीआईयू टीम की भूमिका सराहनीय रही।
तकनीकी जांच के जरिए गुत्थी सुलझाने में सफल रही पुलिस
भोजपुर पुलिस को आराध्या हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में तकनीकी आधारित जांच से काफी सफलता मिली है। बच्ची के परिजनों का विरोधाभास बयान भी काफी काम आया। एसपी प्रमोद कुमार ने बताया कि हत्या को गंभीरता से लेते हुए एएसपी हिमांशु के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की गयी थी। फॉरेंसिक एक्सपर्ट की टीम भी बुलायी गयी थी। टीम द्वारा तकनीकी आधार पर जांच शुरू की गयी। हर बिंदु पर गहन छानबीन की गयी। सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल सर्विलांस की मदद ली गयी।
बच्ची के परिजनों और आसपास के लोगों से पूछताछ भी की गयी। जांच के क्रम में सीसीटीवी में छेड़छाड़ की बात सामने आयी। उसके बाद प्राथमिकी में नामजद आरोपितों के लोकेशन की जांच की गयी। उसमें उनके भोजपुर आने का सबूत नहीं मिला। फॉरेंसिक एक्सपर्ट की जांच में भी हत्या की बात कंफर्म नहीं हो सकी। उसके बाद बच्ची के पिता से पूछताछ की गयी।