बक्सर व डुमरांव में निकाली गई विशाल ताजिया जुलूश, परंपरागत हथियारों पर युवाओं ने दिखाए करतब

बुधवार को मुस्लिमों का पर्व मोहर्रम गम-ए-अश्क के साथ संपन्न हुआ। इस मौके पर बक्सर व डुमरांव के अलावे जिलेभर में अखाड़ो द्वारा ताजिया जुलूस निकाला गया। जिसमें युवाओं ने कई तरह के करतब दिखाए। बक्सर व डुमरांव में देर रात तक ताजिया जुलूस जारी था। बता दें कि हजरत इमाम हुसैन द्वारा अपने 72 साथियों के साथ इंसानियत की रक्षा के लिए इराक के कर्बला में शहादत दी गई थी,

बक्सर व डुमरांव में निकाली गई विशाल ताजिया जुलूश, परंपरागत हथियारों पर युवाओं ने दिखाए करतब

- त्याग व बलिदान का पर्व मोहर्रम गम-ए-अश्क के साथ संपन्न

- या अली-या हुसैन की गूंजती रही सदाएं 

केटी न्यूज/बक्सर/डुमरांव

बुधवार को मुस्लिमों का पर्व मोहर्रम गम-ए-अश्क के साथ संपन्न हुआ। इस मौके पर बक्सर व डुमरांव के अलावे जिलेभर में अखाड़ो द्वारा ताजिया जुलूस निकाला गया। जिसमें युवाओं ने कई तरह के करतब दिखाए। बक्सर व डुमरांव में देर रात तक ताजिया जुलूस जारी था। बता दें कि हजरत इमाम हुसैन द्वारा अपने 72 साथियों के साथ इंसानियत की रक्षा के लिए इराक के कर्बला में शहादत दी गई थी, जिसकी याद में मुस्लिम भाईयों द्वारा यह पर्व मनाया जाता है। जहा मुहर्रम के दसवें दिन ताजिया जुलूस निकाले गए। देर रात ताजियों को सुपुर्देआब कर दिया गया। या दौरान या अली-या हुसैन की सदाएं गूंजती रही। 

उक्त मातमी पर्व पर नगर समेत प्रखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों में मुहर्रम के दसवें दिन ताजिया जुलुस निकले गए। यौमे आशूरा पर शहर के विभिन्न इलाकों से निकाले गए ताजियों के जुलूस में या अली- या हुसैन की सदाएं गूंजतीं रहीं। शहर में निकाले गए जुलूस में विभिन्न ताजियेदारो द्वारा विभिन्न अखाड़ों पर युवाओं द्वारा बन्ना- बनेठी इत्यादि खेलों का प्रदर्शन किया गया। इस दौरान मातम के साथ नोहे पढ़े गए। वही, देर रात जुलूस के साथ कर्बला पहुंचे। जहां ताजियों को सुपुर्देआब कर दिया गया।

ताजिया जुलूस को लेकर पुलिस-प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रही। जगह- जगह पुलिस बल के साथ दंडाधिकारी तैनात किए गए थे। ताकि किसी प्रकार की कोई अनहोनी न हो। इस मौके पर मुस्लिम अनुवायियों ने मुहर्रम के नौंवी व दसवी को रोजा रखा। यह पर्व प्रत्येक वर्ष पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन की शहादत की याद में मनाया जाता है। मुसलमानों के हिजरी वर्ष का यह पहला महीना है जिसे शहादत का महीना भी कहा जाता है। मुहर्रम के नौवें और दसवें दिन को मुसलमान रोजा रखते हैं । 

बता दें कि कर्बला की जंग इंसानियत की रक्षा के लिए लड़ी गई थी। एक तरफ बुराई का साथ देने वाला यजीद पूरे लाव-लश्कर के साथ कर्बला के मैदान में इमाम हुसैन को घेरे हुए था। परिवार के सदस्यों व 72 साथियों के साथ इमाम हुसैन इंसानियत की रक्षा के लिए लड़ रहे थे। दसवें दिन असुरा में पूरे साथियों के साथ शहीद कर दिए गए। इसी की याद में मुहर्रम का पर्व मनाया जाता रहा है।

दसवीं पर नगर के विभिन्न ताजियेदार कमिटी द्वारा ताजिये व सिपर के साथ ताजिया जुलूस निकाला गया, जहा सरिमपुर से लगायत नई बाजार, सोहनीपट्टी, थाना रोड, मुसफिरगंज आदि जगहों से अखाड़े निकाले गए। जहा यमुना चौक पर ताजियों का मिलन किया गया। वही युवाओं द्वारा लाठी-डंडे, बन्ना-बनेठी, तलवारबाजी का करतब दिखाया गया। वहा देर रात तक अखाड़े जमे रहे। वही ताजियों को कर्बला ले जाया गया। जहा सुपुर्देआब कर दिया गया। इस दौरान प्र्रशासनिक व्यवस्था दुरूस्त रही। जगह जगह दंडधिकारी के नेतृत्व में पुलिस बल तैनात किए गए थे।

केसठ में त्याग और बलिदान के पर्व मोहर्रम नम आंखों से मनाया गया, पुलिस की रही मौजूदगी

त्याग और बलिदान के पर्व मोहर्रम को लेकर केसठ के विभिन्न समितियों द्वारा बुधवार को मातमी जुलूस निकाला गया।स्थानीय नया बाजार ताजिया चौक से होते हुए जुलूस पुराना बाजार ताजिया चौक पहुंचा। जुलूस के दौरान या अली या हुसैन के नारों इलाका गूंज उठा।मुहर्रम जुलूस में इस्लाम धर्मावलंबियों के साथ साथ विभिन्न धर्म के लोग भी शामिल हुए। गड़ासा, लाठी सहित कई करतब दिखाए। कहा जाता है कि हजरत इमाम हुसैन अपने परिवार के साथ कर्बला के मैदान में शहीद हो गए थे। लेकिन बातील के आगे अपने सिर नहीं झुकाया ।

इस्लाम को मानने वाले लोग हजरत हुसैन के याद में जुलूस के साथ मैदान-ए-जंग का दृश्य बड़े ही आकर्षक और अनोखे अंदाज में पेश किया। सभी अखाड़ा कमेटियों का मिलन नया बाजार ताजिया चौक पर हुआ।जुलूस के दौरान सुरक्षा व्यवस्था का व्यापक इंतजाम किए गए थे।नावानगर पुलिस और मजिस्ट्रेट वकील कुमार सहित अन्य पदाधिकारी शांति व्यवस्था बनाने में लगे थे। विधि व्यवस्था को लेकर नावानगर थानाध्यक्ष डॉ नंदू कुमार ने केसठ,किरनी सहित सभी जगहों का जायजा लिया।बता दे की केसठ में दो इमामबाड़ा है। एक नया बाजार एवं एक पुराना बाजार में पुराना बाजार ताजिया का नेतृत्व रियाजुदिन्न खान द्वारा तथा नया बाजार के ताजिया का नेतृत्व जिलानी खा द्वारा किया गया। इस पर्व में हिंदू-मुसलमान दोनों समुदाय के लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।वही इस दौरान कमिटी के द्वारा हर चौक चौराहों पर पानी और शरबत की व्यवस्था की गई थी।

सोशल मीडिया पर पुलिस की रही पैनी नजर 

केटी न्यूज/केसठ 

शांति पूर्ण और सौहार्द पूर्ण वातावरण में त्याग और बलिदान के महा पर्व मोहर्रम को ले नावानगर पुलिस क्षेत्र में भ्रमण करते नजर आई।इस दौरान थानाध्यक डॉ नंदू कुमार के द्वारा सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखे हुए थे।उन्होंने कहा की पुलिस असामाजिक तत्वों पर और उपरद्रवी पोस्ट नजर बनाई हुई है। वही नियुक्त मजिस्ट्रेट वकील कुमार ने बताया कि शांति पूर्ण तरीके ये पर्व मनाने को ले हर संभव प्रयास की गई है।

सौहार्द के साथ मनाया गया मुहर्रम का पर्व, आपसी प्रेम का दिया संदेश 

नावानगर बुधवार को प्रखंड क्षेत्र के सभी इलाकों में आपसी सौहार्द के साथ मुहर्रम का पर्व मनाया गया। इस दौरान सोनवर्षा, चनवथ, रामनगर, नावानगर के अलावा कई ग्रामीण इलाके में विशाल ताजिया जुलूस निकाले गए। इस दौरान जुलूस में दोनों समुदाय के लोग बढ़ चढ हिस्सा लेकर यादगार बनाने में जुटे थे। साथ ही तजिया जूलूस में लोगों द्वारा धार्मिक झंडों के साथ तिरंगा भी फहराते दिखे।

इस मौके पर मजहबी नारो के साथ हिंदुस्तान जिंदाबाद और भारत माता की जय के नारे भी लगे। तजिया जूलूस में शामिल हिन्दू समुदाय के लोगों ने शामिल होकर आपसी प्रेम व भाईचारे का संदेश दिया। साथ ही दोनों समुदाय के लोगों ने देश में अमन चौन की दुआ मांगी। इधर प्रखंड क्षेत्र के सभी थानाध्यक्षों के अनुसार सभी जगहों पर शांतिपूर्ण और आपसी भाईचारे के साथ मुहर्रम का जुलूस निकाला गया। जो देर शाम संपन्न हो गया है।