नांग पंचमी के मौके पर जाने कुछ खास बातों

देशभर में सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को 'नाग पंचमी' का पर्व मनाया जाता है।

नांग पंचमी के मौके पर जाने कुछ खास बातों
Nang Panchami

केटी न्यूज़/दिल्ली

देशभर में सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को 'नाग पंचमी' का पर्व मनाया जाता है।इस दिन कहीं 8 तो कहीं 12 नागों की पूजा होती है। इस साल नाग पंचमी का त्योहार 9 अगस्त को मनाया जाएगा।इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है और संर्पदंश के भय से मुक्ति के लिए प्रार्थना की जाती है।आइए नांग पंचमी के मौके पर जानते हैं सांपों से संबंधित कुछ खास बातों के बारे में...

भविष्यपुराण के पंचमी कल्प में नाग पंचमी को खास बनाए जाने का जिक्र है। सागर मंथन के दौरान माता की आज्ञा ना मानने के कारण नाग को शाप मिला की राजा जनमेजय के यज्ञ में जलकर तुम सभी भस्म हो जाओगे। शाप के भय से घबराए हुए नाग ब्राह्माजी की शरण में जा पहुंचे। ब्रह्माजी ने बताया कि जब नागवंश में महात्मा जरत्कारू के पुत्र आस्तिक होंगे, वह आप सभी की रक्षा करेंगे। जिस दिन ब्रह्माजी ने नागो को रक्षा का जो उपाय बताया था, उस दिन पंचमी तिथि थी। आस्तिक मुनि ने सावन की पंचमी को ही नागों को यज्ञ में जलने से बचाया था और इनके ऊपर दूध डालकर जलते हुए शरीर को शीतलता प्रदान की थी। इस समय ही नागों ने आस्तिक मुनि से कहा कि पंचमी को जो भी मेरी पूजा करेगा उसे नागदंश का भय नहीं रहेगा। तब से पंचमी तिथि के दिन नागों की पूजा की जाती है।

पुराणों में बताया गया है कि नाग देवता पाताल के स्वामी हैं। इसलिए नाग पंचमी पर पूजा करने वाले व्यक्ति को इस दिन भूमि की खुदाई नहीं करनी चाहिए। सांप को क्षेत्रपाल के नाम से भी जाना जाता है। सांप चूहों आदि से खेत की रक्षा करते हैं इसलिए नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा की जाती है और खुदाई नहीं की जाती।

नाग पंचमी के दिन नाग देवता को पांच तरह की चीजें से पूजा की जाती है। इनमें दूध, धान का लावा, धान, दूर्वा घास और गाय के गोबर है। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन भी करवाया जाता है। मान्यता है कि नाग पंचमी की पूजा करने पर घर में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती है। साथ ही हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।

नाग पंचमी के दिन कालसर्प दोष निवारण की पूजा कराने से जातक को विशेष लाभ मिलता है। जब कुंडली में राहु और केतु के बीच सभी ग्रह आ जाते हैं तब कालसर्प दोष बनता है। माना जाता है कि इस योग में रहने वाले इंसान को कभी फल नहीं पाता है, उसे हमेशा किसी ना किसी चीज की परेशानी रहती है। नागपचंमी के दिन विधि-विधान से पूजा करके कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।